बांग्लादेश में मोहम्मद यूनूस की सरकार ने वहां की आजादी और संस्थापक से जुड़े दिनों की 8 सरकारी छुट्टियां कैंसिल करने की घोषणा की है। इनमें से 2 तारीखें जो सबसे अहम हैं उनमें 7 मार्च और 15 अगस्त शामिल हैं। 7 मार्च को बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान ने एक भाषण देकर पूरे देश को पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एकजुट किया था। इस दिन को वहां आजादी का बिगुल फूंकने के दिन के तौर पर याद किया जाता है। वहीं, 15 अगस्त को बांग्लादेश में शोक मनाया जाता है। 1975 में इसी दिन बांग्लादेश की सेना के कई अफसरों ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर घुसकर उनकी हत्या कर तख्तापलट किया था। इस दिन वहां शोक मनाया जाता था। इन दोनों दिनों पर छुट्टी कैंसिल करने का फैसला यूनुस के एडवाइजर्स की एक बैठक में लिया गया है। ये फैसला लेने वालों में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने शेख हसीना के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किए थे। जिससे बाद में उनका तख्तापलट हो गया। आवामी लीग बोली- ये गैर कानूनी सरकार इतिहास मिटा रही छुट्टियां कैंसिल करने पर शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने विरोध जताया है। पार्टी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि गैर कानूनी सरकार बांग्लादेश बनने के इतिहास को खत्म कर देना चाहती है। ये देश में पाकिस्तान की सोच थोपना चाहते हैं। सरकार शेख मुजीब को राष्ट्रपिता नहीं मानती है। ये अब जिन्ना का जन्मदिन मनाएगी। इस पर अंतरिम सरकार में शामिल और शेख हसीना के खिलाफ प्रदर्शन का चेहरा रहे नाहिद इस्लाम ने कहा -देश का इतिहास 1952 से ही शुरु नहीं हुआ। हम 1947, 1971, 1990 और 2024 में भी लड़े हैं। हमने कई आजादी की लड़ाईयां लड़ी हैं। शेख हसीना के खिलाफ वारंट जारी बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 45 अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इनमें हसीना की अवामी लीग नेता भी शामिल हैं। ये वारंट छात्र आंदोलन में कथित अपराधों के संबंध में जारी किया गया है। ट्रिब्यूनल ने निर्देश देते हुए कहा कि वे हसीना समेत इन 46 लोगों को 18 नवंबर तक गिरफ्तार कर ट्रिब्यूनल के सामने पेश करें। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अगस्त में हसीना सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं में शामिल लोगों पर अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल में मुकदमा चलाने की बात कही थी। भारत का स्वतंत्रता दिवस और बांग्लादेश का शोक दिवस एक साथ भारत जहां 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है, वहीं पड़ोसी देश बांग्लादेश में राष्ट्रीय शोक दिवस मनाता है। इसकी वजह 48 साल पहले की गई शेख मुजीब उर रहमान की हत्या है। मुजीब उर रहमान बांग्लादेश के संस्थापक थे। 15 अगस्त 1975 को सेना के अधिकारियों ने उनके घर को चारों तरफ से घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी थी। तब से बांग्लादेश में 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया जाता है। पूरी खबर यहां पढ़ें… ——————————————— शेख हसीना और बांग्लादेश से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… बांग्लादेश में शेख हसीना पर किडनैपिंग का केस दर्ज:9 साल पुराना मामला; हत्या का केस भी दर्ज हुआ बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर अगस्त में अपहरण का केस दर्ज हुआ था। शिकायतकर्ता सोहैल राणा सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। अदालत ने हसीना के खिलाफ केस चलाने की अनुमति भी दे दी थी।। बांग्ला अखबार ढाका पोस्ट के मुताबिक इस मामले में पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान, पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक, पूर्व आईजीपी शाहिदुल हक, पूर्व आरएबी डीजी बेनजीर अहमद और रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) के 25 अज्ञात सदस्यों को आरोपी बनाया गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें… भास्कर एक्सक्लूसिव-हसीना की हस्ती अपनों ने मिटाई:करीबी मंत्री-अफसरों ने गलत फैसले लिए, बिना पूछे इंटरनेट बहाल किया; इससे ठंडा पड़ता आंदोलन फिर भड़क उठा बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे शेख हसीना के करीबी मंत्रियों और आला अफसरों की भी बड़ी भूमिका रही। खुफिया रिपोर्ट कहती है कि कानून मंत्री, लॉ सेक्रेटरी, बैंक ऑफ बांग्लादेश के गवर्नर, IT मंत्री और खुफिया ब्रांच के हेड के ‘गलत’ फैसलों ने ठंडे पड़ रहे आंदोलन को भड़का दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें…