रिश्ते हमें प्यार, सपोर्ट और खुशी देते हैं। लेकिन ये बहुत नाजुक भी होते हैं। उन्हें सहेजकर रखना बहुत जरूरी है। हालांकि कई बार छोटी-छोटी बातों की वजह से रिश्तों में दरार पड़ जाती है और वे टूटने की कगार पर आ जाते हैं। इसकी कई वजहें हो सकती हैं। जैसेकि धोखा, ईर्ष्या, दूरियां और कुछ खराब आदतें। प्रसिद्ध अमेरिकन राइटर डॉ. गैरी चैपमैन ने ह्यूमन रिलेशनशिप पर एक किताब लिखी है, जो न्यूयॉर्क टाइम्स की बेस्टसेलर लिस्ट में शुमार है। इस किताब का नाम ‘फाइव लव लैंग्वेज: द सीक्रेट टू ए लव दैट लास्ट्स’ है। इस किताब में चैपमैन ने प्यार की पांच भाषाओं के बारे में बताया है। इसमें पॉजिटव शब्दों के जरिए प्यार और तारीफ करना, पार्टनर के लिए कुछ ऐसा करना, जिससे वह खुश हो, गिफ्ट्स देना, साथ में क्वालिटी टाइम बिताना और फिजिकल टच शामिल है। डॉ. गैरी चैपमैन की रिसर्च के मुताबिक, 85% रिश्ते कम्युनिकेशन की कमी के कारण फेल हो जाते हैं। तो आज रिलेशनशिप कॉलम में हम कुछ ऐसे बिहेवियर पैटर्न के बारे में बात करेंगे, जिनकी वजह से रिश्ते खराब हो सकते हैं। साथ ही जानेंगे कि इससे कैसे बचा जा सकता है? सबसे पहले आइए ग्राफिक के जरिए जानते हैं कि वह कौन से बिहेवियर हैं, जो पार्टनर के साथ हमारे रिश्ते को प्रभावित करते हैं। रिश्ते में बातचीत का अभाव कम्युनिकेशन एक हेल्दी रिलेशनशिप की कुंजी है। ये बात हम काफी समय से सुनते आ रहे हैं। लेकिन फिर भी बहुत से लोग अपने पार्टनर से बात करने को प्राथमिकता नहीं देते हैं। डिजिटल डिवाइस के इस युग में लोग हर वक्त मोबाइल में ही खोए रहते हैं। इससे रियल लाइफ के रिश्ते पीछे छूट जाते हैं। ऐसे में कपल के रिश्तों में गलतफहमी आ सकती है। हालांकि ऐसी स्थिति में भी कम्युनिकेशन ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर हम अपने पार्टनर से बात नहीं करते हैं तो समस्याएं बनी रहेंगी और नाराजगी बढ़ती जाएगी। मशहूर अमेरिकन साइकोलॉजिस्ट, प्रोफेसर और राइटर डॉ. जॉन एम. गॉटमैन ने पिछले 30 सालों में करीब 40,000 कपल्स पर रिसर्च की है। इस रिसर्च के बाद उन्होंने खराब कम्युनिकेशन को ब्रेकअप की मुख्य वजह बताया है। रिश्ते में इम्पैथी या सहानुभूति की कमी हम सही हैं, हमारा पार्टनर गलत है; हम रिश्ते में सबकुछ कर रहे हैं, बदले में कुछ भी नहीं पा रहे हैं। यह महसूस करना बहुत आसान है। लेकिन जब हम अपने पार्टनर के इस दृष्टिकोण को नहीं समझ पाते हैं तो उन्हें लगता है कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। इससे कम्युनिकेशन गैप बढ़ता है और ये रिश्ते में दूरी कारण बनता है। ऐसे में पार्टनर के प्रति सहानुभूति दिखाना महत्वपूर्ण है। रिश्ते में सहानुभूति की कमी दोनों व्यक्तियों की मेंटल हेल्थ और खुशी को प्रभावित कर सकती है। हमेशा पार्टनर की आलोचना करना हमें खुद अपनी आलोचना से नफरत होती है। लेकिन फिर भी हम कभी-कभी अपने पार्टनर के साथ ऐसा करने से खुद को रोक नहीं पाते। ध्यान रहे कि आलोचना कभी किसी व्यक्ति को बदलने के लिए प्रेरित नहीं करती है। इसके बजाय ये उन्हें नाराज व परेशान करती है। अगर आप बहुत ज्यादा आलोचनात्मक हैं तो इस बात पर गहराई से विचार करें कि यह कहां से आता है। इस पर धीरे-धीरे कंट्रोल करने की कोशिश करें। जैसे हैं, वैसे न दिखना रिश्ते में दिखावा करना बिल्कुल भी सही नहीं है। अगर हमें इसकी जरूरत महसूस होती है तो खुद से पूछें कि ऐसा क्यों है। क्या आपको लगता है कि आपका पार्टनर आपसे नाराज हो जाएगा? क्या आप खुद को एक खास तरह से पेश करने की कोशिश कर रहे हैं या आपको डर है कि आपका असली फेस उतना अच्छा नहीं है? पार्टनर के सामने खुद को हमेशा वैसा ही रखें, जैसे आप हैं। रिश्ते में सम्मान की कमी रिश्ते में एक-दूसरे का सम्मान करना बेहद जरूरी है। जिस रिश्ते में सम्मान नहीं होता, उस रिश्ते की लाइफ ज्यादा दिनों के लिए नहीं होती। अगर आप अपने पार्टनर का सम्मान नहीं कर सकते तो आपको खुद से पूछना चाहिए कि ऐसा क्यों है। क्या आपको लगता है कि वह बेवकूफ है? अगर सचमुच ऐसा है तो आप उसके साथ क्यों हैं। पार्टनर का मजाक उड़ाना, उस पर व्यंग्य करना रिश्ते में जहर का काम करता है। इससे आपको अपने पार्टनर में कोई भी पॉजिटिव क्वालिटी नजर नहीं आती। रिश्ते में इनसिक्योर होना रिश्ते की इनसिक्योरिटी का मतलब है कि हम अपने रिलेशनशिप के बारे में अनिश्चित हैं। यह एक धारणा है कि हम अपने पार्टनर के लिए बेस्ट नहीं हैं। ये आपको चिंतित महसूस कराता है। इसके कुछ लक्षण हैं- ऐसे में जब आपका पार्टनर कुछ ऐसा कहता या करता है, जो चोट पहुंचाता है तो यह जानना जरूरी है कि वह ऐसा क्यों कह या कर रहा है। यदि आप अपनी इनसिक्योरिटी को कंट्रोल नहीं करते हैं तो वह वास्तव में रिश्ते को बर्बाद कर सकती है। इसलिए अपने आपको जांचें और देखें कि आपकी भावनाएं वास्तव में कहां से आ रही हैं। हर चीज के लिए अपने पार्टनर से उम्मीद करना रिलेशनशिप में पार्टनर अक्सर एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं। वे अपनी सभी जरूरतों के लिए पार्टनर से उम्मीद करते हैं। हालांकि कभी-कभी ये उम्मीद पूरी नहीं होती तो दुख होता है। इसलिए अपने पार्टनर की भावनाओं पर विचार करें, उन्हें स्वीकार करें और रिश्ते की जरूरतों को सबसे ऊपर रखें। जरूरी विषयों पर बातचीत करने से बचना हैप्पी कपल्स वे नहीं होते, जो कभी एक-दूसरे से लड़ाई नहीं करते। बल्कि वे होते हैं, जो गंदी लड़ाई नहीं करते। बहस वास्तव में हेल्दी हो सकती है। यह कपल के रूप में विकसित होने का एक मौका है, लेकिन केवल तभी जब आप इसका उपयोग समाधान तक पहुंचने के लिए करें। अगर आपको कोई समस्या है तो उसे अनदेखा करने से कुछ नहीं बदलेगा। इससे सिर्फ आपके बीच नाराजगी बढ़ेगी। यह आपके रिश्ते को खराब कर देगा। इसलिए अपनी समस्या के बारे में एक-दूसरे से बातचीत जरूर करें। खुशहाल रिश्ते के लिए खुद में करें कुछ बदलाव अपने पार्टनर के साथ खुशहाल रिश्ते के लिए हमें अपने आप में कुछ बदलाव करने की जरूरत है। इसके लिए नीचे ग्राफिक देखें-