रिलेशनशिप- ब्रेकअप के बाद डिप्रेशन से कैसे निपटें?:ये 11 लक्षण दिखें तो हो सकता है अवसाद, उबरने के लिए साइकेट्रिस्ट की 10 सलाह

जब दो नए लोग रिश्ते में आते हैं तो शुरुआत में वे एक-दूसरे से अपनी फीलिंग्स शेयर करते हैं। यही नहीं, वे कई जरूरी कामों को छोड़कर एक-दूसरे से बातें करते रहते हैं, डिनर डेट पर जाते हैं, मूवी देखने जाते हैं, लॉन्ग ड्राइव पर जाते हैं, शॉपिंग के लिए जाते हैं वगैरह-वगैरह। ये सब कितना अच्छा लगता है। लेकिन कई बार रिश्ते में छोटी-छोटी चीजें बोझिल लगने लगती हैं, जो आगे चलकर ब्रेकअप का कारण बन जाती हैं। इसका हमारी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। कई बार इस ब्रेकअप से उबरने में महीनों नहीं बल्कि सालों लग जाते हैं। हम चाहकर भी इससे नहीं निकल पाते हैं। तो आज रिलेशनशिप कॉलम में हम ब्रेकअप डिप्रेशन से निपटने के तरीकों के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- ब्रेकअप क्यों होता है? रिलेशनशिप में रहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए ब्रेकअप आसान नहीं होता। अपने रिश्ते का अंत होते देखना, भला किसे अच्छा लगता है। इससे गुजरने वाले कपल्स के लिए यह काफी कठिन अनुभव होता है। हालांकि ब्रेकअप के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसमें सबसे बड़ी वजह होती है एक-दूसरे पर विश्वास की कमी और एक-दूसरे को ठीक से न समझ पाना। नीचे ग्राफिक में देखें कि और किन कारणों से ब्रेकअप हो सकता है। ब्रेकअप से उबर पाना आसान क्यों नहीं अधिकांश लोगों के लिए ब्रेकअप से उबर पाना चुनौतीपूर्ण होता है। दरअसल जीवन के इस कठिन दौर में कई भावनाएं एक साथ उभर रही होती हैं। जैसेकि उदासी, चिंता, क्रोध, सदमा, दर्द, भ्रम, आक्रोश, भावनात्मक उथल-पुथल और कभी-कभी ईर्ष्या भी। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जब व्यक्ति दोस्तों और परिवार के सदस्यों जैसे अन्य संबंधों से दूर रहना चाहता है। वह हर समय अपने पार्टनर की याद में खोया हुआ रह सकता है। हालांकि इससे उबरने के लिए खुद उसे ही आगे कदम बढ़ाने की जरूरत होती है। इसके लिए वह अपने दोस्तों की मदद ले सकता है। ब्रेकअप का हमारी सेहत पर कैसा असर पड़ता है किसी रिश्ते के खत्म होने से न केवल फाइनेंशियल और लिविंग कंडीशन में बड़े बदलाव आते हैं, बल्कि इससे भावनात्मक उथल-पुथल भी होती है। कुछ लोग तो जल्द ही सबकुछ भूलकर आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन इस मामले में अधिकांश लोग बेहद दुखी और चिंतित महसूस करते हैं। इन्हीं में से कुछ लोगों के लिए ब्रेकअप स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन का कारण बन जाता है। ये लक्षण डिप्रेशन के संकेत हो सकते हैं ब्रेकअप के बाद उदासी की भावनाएं हल्के रूप से लेकर सीरियस तक हो सकती हैं। कभी-कभी ये फीलिंग्स हम पर हावी हो जाती हैं और लंबे समय तक बनी रहती हैं। अगर ये लक्षण दो सप्ताह से ज्यादा समय तक बरकरार रहते हैं तो ये डिप्रेशन हो सकता है। नीचे ग्राफिक में डिप्रेशन के कुछ लक्षण दिए गए हैं। ब्रेकअप के बाद हुए डिप्रेशन से निपटने के लिए क्या करें? इससे निपटने के लिए खुद को प्राथमिकता देना जरूरी है। इसके अलावा इसमें नियमित रूप से व्यायाम करना, माइंडफुलनेस या ध्यान का अभ्यास करना और पर्याप्त नींद व डाइट लेना शामिल है। नीचे ग्राफिक में देखें, ब्रेकअप डिप्रेशन से निपटने के लिए क्या करें- आमतौर पर 6 महीने में ब्रेकअप से उबर जाते हैं लोग डॉ. मनीष बोरासी बताते हैं कि आमतौर पर लोग ब्रेकअप के 6 महीने के भीतर इससे उबर जाते हैं। हालांकि कई बार ये लंबे समय तक भी चल सकता है। ऐसी स्थिति में किसी मनोचिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है। डिप्रेशन और एडजस्टमेंट में क्या अंतर है? ब्रेकअप के बाद एडजस्टमेंट करते समय व्यक्ति आमतौर पर अपना आत्म-सम्मान बनाए रखता है। वहीं डिप्रेशन में व्यक्ति को खुद से नफरत होने लगती है। वह हर समय अपने पार्टनर की पुरानी यादों में डूबा रहता है। उसे खाने-पीने और सोने तक का ख्याल नहीं रहता है। अगर डिप्रेशन का इलाज न किया जाए तो क्या होगा? डॉ. मनीष बोरासी बताते हैं कि अगर व्यक्ति के ब्रेकअप डिप्रेशन का इलाज नहीं कराया जाता है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इससे आत्महत्या के कारण मौत का जोखिम बढ़ जाता है। इसकी वजह से डिप्रेशन के एपिसोड लंबे समय तक चल सकते हैं। ब्रेकअप डिप्रेशन के लिए क्या उपचार है? इसके लिए कई तरह से उपचार किए जाते हैं। ये ट्रीटमेंट्स लक्षणों को कम करने या उसके टाइम पीरियड को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके उपचार के तौर पर कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT), पर्सन-सेंटर्ड थेरेपी और ब्रीफ सॉल्यूशन-फोकस्ड थेरेपी दी जाती है। जब कोई पहले से ही डिप्रेशन में हो तो ब्रेकअप से कैसे निपटे? डॉ. मनीष बोरासी बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही डिप्रेशन है तो ब्रेकअप उसके लिए ज्यादा जोखिम भरा हो सकता है। इस सिचुएशन में उसे अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो सकती है। व्यक्ति को अपने ट्रीटमेंट को बंद नहीं करना चाहिए। अगर उसे किसी बात की चिंता सता रही है तो अपने हेल्थ केयर या मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से बात करनी चाहिए।