भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अगले 15 साल तक का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है। इसके लिए उसने साल 2040 तक स्पेस मिशन का कैलेंडर तैयार किया है। इससे भारत के स्पेस मिशन से जुड़ी कई जानकारियां सामने आई हैं। इसी दिशा में अगले तीन महीनों में गगनयान मिशन का पहला अन-क्रू मिशन लांच होने वाला है। इसकी आखिरी तैयारियां चल रही हैं। इसके बाद दो रोबोटिक गगनयान जाएंगे, जिसमें ह्यूमनॉइड रोबोट व्योममित्र भेजा जाएगा। ह्यूमनॉइड का मतलब ऐसे रोबोट से है, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से इंसान जैसा बर्ताव कर सकता है। 2025 के आखिर या 2026 की शुरुआत में एस्ट्रोनॉट्स भेजने की योजना है। गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार एस्ट्रोनॉट्स (गगनॉट) में दो भारतीय एस्ट्रोनॉट्स तीन दिन के लिए पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा करेंगे। ISRO 2029 तक 3 ह्यूमन फ्लाइट भेजेगा
ISRO ने पांच साल में तीन बार दो-दो भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में भेजने की योजना बनाई है। मिशन की सफलता के आधार पर एस्ट्रोनॉट्स और दिनों की संख्या बढ़ सकती है। पहले गगनयान मिशन के बाद 2026-27 में गगनयान की दूसरी ह्यूमन फ्लाइट और 2028-29 में तीसरी ह्यूमन फ्लाइट के जरिए एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में भेजने की योजना है। अगले साल 6 सैटेलाइट लॉन्च होंगे
ISRO अलगे साल छह सैटेलाइट लॉन्च करेगी। इसमें नेवी के लिए जीसैट-7आर, आर्मी के लिए जीसैट-7बी, ब्रॉडबैंड व इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के लिए जीसैट-एन2, डिफेंस, पैरामिलैट्री, रेलवे, फिशरीज के लिए जीसैट-एन3 के अलावा गगनयान के साथ कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए दो सैटेलाइट शामिल। 6 निगरानी उपग्रह भी लांच होंगे। ISRO का स्पेस मिशन कैलेंडर क्या है मिशन गगनयान
गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चा र एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष में जाएंगे। यह 3 दिन का मिशन होगा, जिसके तहत एस्ट्रोनॉट्स के दल को 400 KM ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा।इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा। अगर भारत अपने मिशन में कामयाब रहा तो वो ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस ऐसा कर चुके हैं। ……………………………………………………………….. ISRO और स्पेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ISRO ने गगनयान मिशन के एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग का एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में दिख रहा था कि एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस जैसी एक सिमुलेटेड कंडीशन में ट्रेनिंग दी जा रही है। एस्ट्रोनॉट्स स्पेस मॉड्यूल के भीतर योग करते भी दिख रहे थे। पूरी खबर पढ़ें…
ISRO ने पांच साल में तीन बार दो-दो भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में भेजने की योजना बनाई है। मिशन की सफलता के आधार पर एस्ट्रोनॉट्स और दिनों की संख्या बढ़ सकती है। पहले गगनयान मिशन के बाद 2026-27 में गगनयान की दूसरी ह्यूमन फ्लाइट और 2028-29 में तीसरी ह्यूमन फ्लाइट के जरिए एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में भेजने की योजना है। अगले साल 6 सैटेलाइट लॉन्च होंगे
ISRO अलगे साल छह सैटेलाइट लॉन्च करेगी। इसमें नेवी के लिए जीसैट-7आर, आर्मी के लिए जीसैट-7बी, ब्रॉडबैंड व इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के लिए जीसैट-एन2, डिफेंस, पैरामिलैट्री, रेलवे, फिशरीज के लिए जीसैट-एन3 के अलावा गगनयान के साथ कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए दो सैटेलाइट शामिल। 6 निगरानी उपग्रह भी लांच होंगे। ISRO का स्पेस मिशन कैलेंडर क्या है मिशन गगनयान
गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चा र एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष में जाएंगे। यह 3 दिन का मिशन होगा, जिसके तहत एस्ट्रोनॉट्स के दल को 400 KM ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा।इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा। अगर भारत अपने मिशन में कामयाब रहा तो वो ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस ऐसा कर चुके हैं। ……………………………………………………………….. ISRO और स्पेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ISRO ने गगनयान मिशन के एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग का एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में दिख रहा था कि एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस जैसी एक सिमुलेटेड कंडीशन में ट्रेनिंग दी जा रही है। एस्ट्रोनॉट्स स्पेस मॉड्यूल के भीतर योग करते भी दिख रहे थे। पूरी खबर पढ़ें…