15 नवंबर को खत्म होगा कार्तिक मास:कार्तिक पूर्णिमा पर मनाई जाती है देव दीपावली, इस दिन नदी स्नान और दीप दान करने की है परंपरा

शुक्रवार, 15 नवंबर को कार्तिक मास की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दीपावली कहते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर ही गुरु नानक देव जी की जयंती भी मनाई जाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, माना जाता है कि इस तिथि पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था, इस वजह से कार्तिक पूर्णिमा का एक नाम त्रिपुरारी पूर्णिमा पड़ा। जानिए कार्तिक पूर्णिमा से जुड़ी खास बातें… ऐसे कर सकते हैं दीपदान कार्तिक पूर्णिमा पर नदी किनारे दीपदान किया जाता है। कुछ लोग दीप जलाकर नदी में प्रवाहित भी करते हैं। इसे दीपदान कहते हैं। दीपदान करने से पहले दीपक की पूजा करनी चाहिए और फिर नदी किनारे रखें। अगर घर में दीपदान करना चाहते हैं तो दीपक जलाएं, पूजा करें और घर के आंगन में रखें।