महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें वे गुस्से में नजर आ रहे हैं और कांग्रेस उम्मीदवार के चुनाव कार्यालय में जाते दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान वे कहते हैं…’ऐसा सिखाते क्या आपलोग’? दरअसल, 11 नवंबर की देर रात शिंदे अपने काफिले के साथ साकीनाका इलाके से गुजर रहे थे। इसी दौरान संतोष काटके नाम के युवक ने शिंदे को काले झंडे दिखाए और उन्हें गद्दार कहा। साथ ही उनके काफिले को रोकने की कोशिश की। ये पूरी घटना कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मंत्री नसीम खान के चुनावी कार्यालय के बाहर हुई, जिसका किसी ने वीडियो बनाया लिया। बाद में ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। एक अधिकारी ने बताया कि संतोष कटके को सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में लेकर पुलिस को सौंपा था। हालांकि, उसे बाद में जाने दिया गया। वहीं, मंगलवार को संतोष कटके अपने पिता के साथ उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री पहुंचे। यहां दोनों का उद्धव ठाकरे ने स्वागत किया। दोनों ने शिवसेना (उद्धव) की सदस्यता ली। संतोष ने मीडिया को बताया कि एकनाथ शिंदे को देखते ही उसका गुस्सा फूट पड़ा था और उसने गुस्से में ऐसा बोल दिया। 15 सेकेंड के वीडियो में क्या-क्या नजर आया, देखिए शिंदे ने पूछा- ऐसे व्यवहार की सही मानते हैं
शिंदे ने कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मंत्री नसीम खान के कार्यालय में बैठे लोगों से पूछा कि क्या वे ऐसे व्यवहार को सही मानते हैं। थोड़ी देर चर्चा के बाद शिंदे वहां से चले जाते हैं। प्रियंका चतुर्वेदी शिंदे के बेटे पर टिप्पणी की थी
उद्धव गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कुछ समय पहले एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत पर टिप्पणी की थी। उन्होंने जून 2022 में कहा था- आप कौन हैं एकनाथ शिंदे? आप क्या हैं? आप एक गद्दार (देशद्रोही) के अलावा कुछ नहीं हैं। आप जो भी करें, आप गद्दार के दाग से बच नहीं सकते। यह आपके परिवार को भी परेशान करेगा, जैसा कि फिल्म दीवार में हुआ था। उद्धव गुट ने कहा था- 20 जून ‘गद्दार दिवस’
20 जून 2022 में शिवसेना दो फाड़ हो गई थी। एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना। शिंदे और पार्टी के 39 अन्य विधायकों ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी। शिवसेना के दो हिस्से हो गए थे। इसके बाद शिवसेना, NCP और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार गिर गई थी। शिंदे ने इसके बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम एवं निशान ‘तीर-धनुष’ शिंदे गुट को दिया था। ठाकरे गुट का नाम शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) रखा गया था। बाद में ये विवाद सुप्रीम कोर्ट तक गया। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि शिंदे सरकार बनी रहेगी। इसके बाद साल 2023 में शिवसेना उद्धव ने 20 जून को गद्दार दिवस के रूप में बनाया था। ………………………………………….
शिंदे ने कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मंत्री नसीम खान के कार्यालय में बैठे लोगों से पूछा कि क्या वे ऐसे व्यवहार को सही मानते हैं। थोड़ी देर चर्चा के बाद शिंदे वहां से चले जाते हैं। प्रियंका चतुर्वेदी शिंदे के बेटे पर टिप्पणी की थी
उद्धव गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कुछ समय पहले एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत पर टिप्पणी की थी। उन्होंने जून 2022 में कहा था- आप कौन हैं एकनाथ शिंदे? आप क्या हैं? आप एक गद्दार (देशद्रोही) के अलावा कुछ नहीं हैं। आप जो भी करें, आप गद्दार के दाग से बच नहीं सकते। यह आपके परिवार को भी परेशान करेगा, जैसा कि फिल्म दीवार में हुआ था। उद्धव गुट ने कहा था- 20 जून ‘गद्दार दिवस’
20 जून 2022 में शिवसेना दो फाड़ हो गई थी। एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना। शिंदे और पार्टी के 39 अन्य विधायकों ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी। शिवसेना के दो हिस्से हो गए थे। इसके बाद शिवसेना, NCP और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार गिर गई थी। शिंदे ने इसके बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम एवं निशान ‘तीर-धनुष’ शिंदे गुट को दिया था। ठाकरे गुट का नाम शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) रखा गया था। बाद में ये विवाद सुप्रीम कोर्ट तक गया। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि शिंदे सरकार बनी रहेगी। इसके बाद साल 2023 में शिवसेना उद्धव ने 20 जून को गद्दार दिवस के रूप में बनाया था। ………………………………………….