आज से कुछ साल पहले ऑपरेशन करने के लिए सर्जन जितना बड़ा चीरा लगाते थे, उतने ही बड़े सर्जन माने जाते थे। लेकिन अब हर दिन अपडेट हो रही टेक्नोलॉजी के साथ सर्जरी के तरीकों में काफी बदलाव आया है। आज के दौर में सर्जन जितना छोटा चीरा लगाते हैं, उतने ही बेस्ट माने जाते हैं। इस बदलाव का एक कारण रोबोटिक सर्जरी भी है क्योंकि इसके जरिए छोटे-से-छोटा चीरा लगाकर आसानी से सर्जरी की जा सकती है। रोबोटिक सर्जरी ने बेहद कम समय में विश्वास जीता है। हालांकि अभी भी अधिकांश लोग ओपन सर्जरी को ही ज्यादा सुरक्षित मानते हैं। यहां ये जानना जरूरी है कि रोबोटिक सर्जरी में ‘रोबोट’ जरूर सर्जरी कर रहे होते हैं, लेकिन वो रोबोट कोई इंडिपेंडेंट मशीन नहीं होती। उसे भी सर्जन के द्वारा ही कंट्रोल किया जाता है। ग्लोबल मार्केट रिसर्च फर्म स्ट्रेटजिक मार्केट रिसर्च (SMR) के मुताबिक, 2021 में सर्जिकल रोबोट का मार्केट लगभग 516 करोड़ रूपए था, जिसके 2030 तक बढ़कर 2100 करोड़ रूपए तक पहुंचने की उम्मीद है। हर साल रोबोटिक सर्जरी में औसतन 25% की वृद्धि हो रही है। कहा जा रहा है कि आने वाला समय रोबोटिक सर्जरी का ही है। इसलिए आज सेहतनामा में हम रोबोटिक सर्जरी के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- रोबोटिक सर्जरी क्या है? जब सर्जन किसी स्पेशल सर्जरी के लिए रोबोटिक डिवाइस का उपयोग करते हैं तो इसे रोबोटिक सर्जरी या रोबोट असिस्टेड सर्जरी कहा जाता है। सर्जरी का विज्ञान पिछले कुछ सालों में काफी विकसित हुआ है। पहले इंसान के शरीर को काटकर उसे भीतर से रिपेयर करने की प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल होती थी। ऑपरेशन काफी लंबे चलते थे। मशीनों ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने का काम किया है। रोबोटिक सर्जरी कैसे की जाती है? इसमें सर्जन कंप्यूटर के जरिए रोबोट के हाथों को कंट्रोल करके सर्जरी करते हैं। जिस रोबोट डिवाइस का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसमें रोबोटिक आर्म्स होते हैं, जो सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले इंस्ट्रूमेंट्स को आसानी से पकड़ सकते हैं। सर्जन इन रोबोटिक आर्म्स को कंट्रोलर और एक व्यूइंग स्क्रीन के जरिए ऑपरेट करते हैं। रोबोट के हाथों में लगे कैमरे से सर्जन मरीज के अंदर के अंगों को देखते–समझते हैं और उसके अनुसार सर्जरी करते हैं। रोबोटिक सर्जरी के फायदे यह सर्जरी इसीलिए पॉपुलर हो रही है क्योंकि डॉक्टरों के साथ–साथ यह मरीजों के लिए भी काफी उपयोगी और फायदेमंद है। डिटेल नीचे ग्राफिक में देखिए- रोबोटिक सर्जरी की स्पेशल ट्रेनिंग कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन डॉ. गौरांग मजूमदार बताते हैं कि हर सर्जन रोबोटिक सर्जरी नहीं कर सकता है। इसके लिए उन्हें स्पेशल ट्रेनिंग की जरूरत होती है। मेडिकल की पढ़ाई किया हुआ कोई भी व्यक्ति यह ट्रेनिंग नहीं ले सकता। ये ट्रेनिंग सिर्फ सर्जन्स को ही दी जाती है। मतलब सिर्फ वही व्यक्ति, जिसे पहले से ओपन सर्जरी की विशेषज्ञता हासिल है। रोबोटिक सर्जरी से जुड़े बुनियादी सवाल-जवाब सवाल- रोबोटिक सर्जरी का इस्तेमाल कहां–कहां होता है? जवाब- रोबोटिक सर्जरी का सबसे अधिक इस्तेमाल यूरोलॉजी से संबंधित सर्जरी में किया जाता है। इसके अलावा कई अन्य प्रकार की सर्जरी में भी रोबोटिक असिस्टेंस का इस्तेमाल होता है। जैसेकि- सवाल- रोबोटिक सर्जरी का सक्सेस रेट कितना है? जवाब- रोबोटिक सर्जरी की कुल सफलता दर 94% से अधिक है। हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किस तरह की सर्जरी करा रहे हैं। इसके अलावा यह मरीज की मौजूदा हेल्थ कंडीशन पर भी निर्भर है। सवाल- रोबोटिक सर्जरी के कितने दिन बाद मरीज घर जा सकता है? जवाब- आमतौर पर ओपन सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी की रिकवरी बहुत कम समय लेती है। इसमें सर्जरी के प्रकार और ओवर ऑल हेल्थ के आधार पर एनेस्थीसिया खत्म होने के तुरंत बाद मरीज बिस्तर से उठ सकते हैं। सर्जरी के कुछ घंटों के भीतर वे खा–पी भी सकते हैं। कुछ मामलों में मरीज सर्जरी के 24 या 48 घंटे बाद घर भी जा सकते हैं। हालांकि कुछ दिनों तक मरीज को सर्जन द्वारा दिए गए सुझावों का पालन करना जरूरी है। सवाल- क्या रोबोटिक सर्जरी में बिना किसी डॉक्टर के मशीन खुद से ऑपरेशन कर सकती है? जवाब- नहीं। यहां मशीन सिर्फ इंसान के काम को आसान बनाने और मदद करने का काम करती है। वो इंसान के दिमाग और स्किल का विकल्प नहीं है। रोबोटिक सर्जरी मशीन को भी काबिल और प्रशिक्षित सर्जन ही चला रहे होते हैं। सवाल- डॉक्टर लोगों को रोबोटिक सर्जरी की सलाह क्यों देते हैं? जवाब- इस सर्जरी का विकल्प चुनने का सबसे बड़ा कारण ये है कि ओपेन सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी में मरीज का ब्लड लॉस कम होता है। रोबोटिक सर्जरी के दौरान सटीकता और कंट्रोलिंग बेहतर होती है। रोबोटिक सर्जरी में ‘मिनिमली इनवेसिव’ (कम चीरे वाली) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इसका अर्थ है कि चीरा छोटा होता है, घाव कम होता है और खून कम निकलता है। ज्यादा दर्द नहीं होता है और इन्फेक्शन की संभावना भी कम होती है। सवाल- रोबोटिक सर्जरी कितनी सुरक्षित है? जवाब- रोबोटिक सर्जरी पूरी तरह से तकनीक पर आधारित है। ऐसे में इसमें तकनीकी खराबी आने की संभावना भी हो सकती है। इस कारण सर्जरी में देरी हो सकती है या सर्जरी असफल हो सकती है। कुछ साल पहले यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर, शिकागो द्वारा एक संयुक्त रिसर्च की गई। इस रिसर्च के मुताबिक, जनवरी, 2000 से दिसंबर, 2013 के बीच कुल 17 लाख से अधिक रोबोटिक सर्जरी की गईं। इसमें 144 मरीजों की मौत हुई और 1,391 मरीज सर्जरी के दौरान घायल हुए। ये स्टडी बताती है कि अन्य सर्जरी की तरह ही रोबोटिक सर्जरी के भी कुछ संभावित नुकसान हैं। इसे नीचे ग्राफिक में देखिए- सवाल- रोबोटिक सर्जरी में कितना खर्च आता है? क्या ये सामान्य सर्जरी के मुकाबले महंगी है? जवाब- हां। रोबोटिक सर्जरी का खर्च सामान्य सर्जरी से ज्यादा होता है। हालांकि अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर जैसे देशों की तुलना में भारत में रोबोटिक सर्जरी का खर्च काफी कम है। भारत में करीब 1.5 लाख रुपए से रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत होती है, जो अधिकतम 15 लाख रुपए तक है। वहीं अमेरिका में इसकी लागत 70-80 लाख रुपए से शुरू होकर करोड़ों में है। आने वाला भविष्य रोबोटिक सर्जरी का डॉ. गौरांग मजूमदार का कहते हैं कि रोबोटिक सर्जरी के सक्सेस रेट को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाला समय रोबोटिक सर्जरी का ही होने वाला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, 2050 तक दुनिया भर में 1.5 अरब लोग बुजुर्ग होंगे। उनके लिए घुटने और कूल्हे की रिप्लेसमेंट सर्जरी की अधिक जरूरत होगी। इसके अलावा पुरानी बीमारियों और एक्सीडेंट के बढ़ते मामलों में रोबाटिक सर्जरी की जरूरत बढ़ती जा रही है। इससे रोबाटिक सर्जरी के भविष्य का अंदाजा लगाया जा सकता है। ……………………. सेहतनामा की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- पूरी दुनिया के 25% टीबी मरीज भारत में: 25 लाख से ज्यादा लोगों को टीबी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया है कि दुनियाभर में साल 2023 में 80 लाख से अधिक टीबी के केस मिले हैं। फिक्र की बात ये है कि WHO ने साल 1995 से इसका ट्रैक रखना शुरू किया था और तब से लेकर अब तक किसी भी साल में दर्ज किए गए टीबी के ये सबसे ज्यादा मामले हैं। पूरी खबर पढ़िए…