रिलेशनशिप- मिनिमलिस्ट जीवन की ओर क्यों लौट रहे लोग:कम सामान मतलब कम खर्च, कम काम, कम बोझ, ऐसे जीने के 14 टिप्स

आजकल बाजार दिन-रात थोक के भाव में ऐसी चीजें बना रहा है, जिसकी हमें कोई जरूरत नहीं है। हजारों वैराइटी के कपड़े, घर और किचन के सामान, बाजार इनसे पटा पड़ा है। ये सारी चीजें हमें आकर्षित भी करती हैं। मान लीजिए कि आप किसी स्टोर में ग्रॉसरी खरीदने गए हैं। स्टोर में घुसते ही आपको कपड़े, जूते-चप्पल से लेकर इतनी सारी चीजें दिखेंगी कि जो आप खरीदने गए थे, वह भूल जाएंगे। मार्केट की स्ट्रेटजी लोगों को इधर-उधर की चीजों में फंसाना है। इसके चलते व्यक्ति जरूरत से ज्यादा खरीदारी कर रहा है। इससे न सिर्फ पैसे की बर्बादी होती है, बल्कि घर गैर-जरूरी सामानों से भर जाता है। इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। आपके घर में जितना ज्यादा सामान होगा, दिमाग उतना अशांत रहेगा। हालांकि, इन सब चीजों से परेशान होकर अब दुनिया में बहुत से लोग कम-से-कम चीजों में मिनिमल तरीके से जीवन जीने पर जोर दे रहे हैं। लोग उस लाइफस्टाइल की तरफ लौट रहे हैं, जो हमारे पूर्वजों की सहज जीवनशैली थी। वे ऐसे ही रहते थे। मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल से तनावमुक्त और सकारात्मक रहने में भी मदद मिलती है। तो आज रिलेशनशिप कॉलम में हम मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल क्या है? मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल का मतलब है, कम-से-कम चीजों और सुविधाओं में जीवनयापन करना। सिर्फ वही चीजें खरीदना, जिनकी आपको सच में जरूरत है। अपने आस-पास के आकर्षण में न फंसकर कम से कम चीजों में संतुलित और सरल जीवन जीना ही मिनिमलिस्ट जीवन कहलाता है। मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल क्यों अपनाएं इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए कि तीन लोगों का परिवार है। इनका दो कमरों के घर में बड़े आराम से गुजारा हो सकता है, लेकिन उन्होंने पांच कमरे का बड़ा सा घर बना रखा है। अपने घर में कई वेराइटी के गुलदान सजा रखे हैं। पूरी अलमारी कपड़ों से भरी है, जबकि 8-10 कपड़ों में उनका काम आसानी से चल सकता है। कई जोड़ी शूज और सैंडल समेत फैशन के सामानों की गिनती ही नहीं है। इसके अलावा किचन में सब्जियां काटने, छीलने, धोने और बनाने के लिए बहुत सारे सामान जमा रखे हैं। ये चीजें परेशानी बढ़ाने का ही काम करती हैं। ऐसे में मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल जीवन को बेहतर बनाने में मददगार हो सकती है। मिनिमलिस्ट जीवन के फायदे मिनिमलिस्ट जीवन जीने वाले लोग अपने पास सिर्फ वही चीजें रखते हैं, जो उनके लिए बेहद जरूरी होती हैं। ये चीजें हर व्यक्ति के अनुसार अलग-अलग हो सकती हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि वह किस चीज को अपने इस्तेमाल के लिए रखता है और उसमें से क्या हटाता है। इसके अलावा बहुत से लोग तनाव कम करने के लिए भी मिनिमलिस्ट जीवन जीते हैं। इसके कई और फायदे भी हैं। इसे नीचे ग्राफिक में देखिए- मिनिमलिस्ट जीवन जीने के लिए खुद को कैसे तैयार करें मिनिमलिस्ट जीवन जीने के लिए अपनी मानसिकता बदलना और इसके लिए खुद को तैयार करना जरूरी है। इसकी शुरुआत उन चीजों को हटाने से की जा सकती है, जिनके बिना भी काम चल सकता है। इसके अलावा शॉपिंग से पहले हमेशा जरूरी सामानों की एक लिस्ट बनाएं और उसके अनुसार ही खरीदारी करें। कुछ और टिप्स भी हैं, जो मिनिमलिस्ट जीवन जीने में मददगार हो सकते हैं। इसे नीचे ग्राफिक में देखिए- आइए अब ऊपर दिए पॉइंट्स के बारे में विस्तार से बात करते हैं। ज्यादा शॉपिंग की आदत को कंट्रोल करें आजकल लोग जिंदगी में बहुत से ऑप्शन चाहते हैं। इसके लिए वे जरूरत से ज्यादा शॉपिंग करते हैं। तेजी से बदलती इस दुनिया में सबकुछ ऑनलाइन है। ऐसे में कोई भी घर बैठे लाखों की शॉपिंग कर सकता है। कई बार ऑनलाइन शॉपिंग के आकर्षक ऑफर्स और कैशबैक के चक्कर में लोग जरूरत से ज्यादा शॉपिंग कर लेते हैं। मिनिमलिस्ट जीवन जीने के लिए जरूरत से ज्यादा शॉपिंग पर कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। आवश्यकताओं को पहचानें मिनिमलिस्ट जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी चीज है, अपनी आवश्यकताओं को पहचानना। इससे आप अपनी लाइफ से जुड़ी उन अनावश्यक चीजों को हटा सकते हैं, जिनका आप पिछले कुछ समय से इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा कुछ भी नया खरीदने से पहले खुद से ये दो सवाल जरूर पूछें- अलमारी में रखें सिर्फ जरूरी सामान अगर आप मिनिमलिस्ट जीवन जीना चाहते हैं तो अपनी अलमारी से ऐसे कपड़ों को बाहर निकाल दें, जिन्हें आप पहनने में हिचकिचाते हों या जो आपको फिट नहीं आ रहे हों। इससे आपके पास रोजाना पहनने के लिए अच्छे विकल्प होंगे और आपकी अलमारी भी भरी नहीं रहेगी। इसी तरह वह सारा सामान जो अलमारी में जगह घेरे हुए हुए है और अब आपके काम का नहीं है, उसे बाहर कर दें। जितना है, उतने में खुश रहें सोशल मीडिया एल्गोरिद्म से लेकर आसपास के टॉक्सिक लोगों तक, सब आपको दूसरों से अपनी तुलना करने के लिए प्रेरित करते हैं। लेकिन आप ऐसी चीजों पर ध्यान न देकर सेल्फ केयरिंग पर फोकस करें। अपने दिन की शुरुआत किसी ऐसी चीज को लिखकर करें, जिसके लिए आप आभारी हैं। जैसेकि अपनी नौकरी से खुश होना या परिवार के साथ अच्छा समय बिताना। ये आपको याद दिलाता है कि जीवन में आपके लिए क्या महत्वपूर्ण है। टूटी हुई वस्तुओं की मरम्मत करें बाजार और उपभोक्तावादी संस्कृति हमें टूट गई या खराब हो गई चीज को फेंककर उसकी जगह तुरंत नई चीज ले आने की ट्रेनिंग देती है। इतना ही नहीं, कोई चीज थोड़ी भी पुरानी हो जाए तो उसे एक्सचेंज कर तुरंत नया सामान खरीदने के ऑफर आए दिन ललचाते रहते हैं। लेकिन क्या ये बेहतर नहीं होगा कि टूट गई चीज को जोड़कर, खराब हुए सामान को रिपेयर कर उसका इस्तेमाल किया जाए। सोचकर देखिए, ये एक सुंदर बात है। ये न सिर्फ फिजूलखर्ची से बचना है, बल्कि इसके पीछे एक गहरा दर्शन भी है। सामान के बजाय अनुभव अर्जित करने में पैसे खर्च करें मिनिमलिस्ट जीवन जीने के लिए अनुभव अर्जित करने में पैसे खर्च करना एक अच्छा विकल्प है। अनुभव आपके जीवन में हमेशा रहते हैं, जबकि सामान समय के साथ खराब हो जाते हैं। अनुभव आपको संतुष्टि और आनंद प्रदान करते हैं। इसके लिए ट्रैवल कर सकते हैं, म्यूजिक इवेंट जॉइन कर सकते हैं, किसी खेल में हिस्सा ले सकते हैं और परिवार व दोस्तों के साथ समय बिता सकते हैं। अपना स्क्रीन टाइम कंट्रोल करें आजकल लोग मोबाइल से दूर नहीं रह पाते हैं। लेकिन ये मिनिमलिस्ट जीवन जीने में सबसे बड़ी बाधा है। इसके लिए काम खत्म होने के बाद अपने फोन को साइलेंट मोड पर डाल दें। उसका पुश नोटिफिकेशन ऑफ कर दें और बेवजह मोबाइल देखने की आदत को कंट्रोल करें।