महाराष्ट्र में वोटिंग से 2 दिन पहले सीएम एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि वो सीएम पद की रेस में नहीं हैं। आजतक से बातचीत में उन्होंने कहा कि ये भी तय है कि सीएम महायुति का ही होगा। एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने ANI से बातचीत में भी यही बात कही थी। सीएम शिंदे ने आजतक से कहा- कांग्रेस की नीति फूट डालो राज करो की है। राहुल गांधी, बाला साहेब ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट कब कहेंगे? शिंदे ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे कहते थे कि मैं अपनी पार्टी को कभी भी कांग्रेस नहीं बनने दूंगा, लेकिन उद्धव ठाकरे खुद के स्वार्थ और मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस के साथ चले गए। शिंदे ने पीएम मोदी के एक हैं तो सेफ हैं नारे का भी समर्थन किया। महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए सिंगल फेज में 20 नवंबर वोटिंग होगी। 23 नवंबर को इसका रिजल्ट आएगा। फडणवीस ने कहा था- ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारा समझने में अजित को थोड़ा वक्त लगेगा
फडणवीस ने 16 नवंबर को ANI को दिए इंटरव्यू में कहा था कि NCP (SP) चीफ शरद पवार परिवार और पार्टी तोड़ने के मामले में महारथी हैं। NCP और शिवसेना अपनी अति महत्वाकांक्षाओं के कारण टूटीं। उद्धव CM बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने हमसे नाता तोड़ लिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद वे आदित्य ठाकरे को आगे लाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने एकनाथ शिंदे को सफोकेट करने की कोशिश की। उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हो चुके हैं। महाराष्ट्र में पार्टी भविष्य में उनके साथ नहीं जाएगी। शिंदे को CM बनाने की जानकारी मुझे पहले से थी। मैं मुख्यमंत्री या अध्यक्ष किसी भी रेस में नहीं हूं। पूरी खबर पढ़ें… अजित बोले- ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा, UP-झारखंड में चलता होगा
10 नवंबर को महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा था कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा उत्तर प्रदेश और झारखंड में चलता होगा, महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। मैं इसका समर्थन नहीं करता। हमारा नारा है- सबका साथ सबका विकास।’ उन्होंने कहा था कि दूसरे राज्यों के भाजपा के मुख्यमंत्री तय करें कि उन्हें क्या बोलना है। महाराष्ट्र में बाहर के लोग आकर ऐसी बातें बोल जाते हैं। हम महायुति में एक साथ काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी पार्टियों की विचारधारा अलग-अलग है। हो सकता है कि दूसरे राज्यों में यह सब चलता हो, लेकिन महाराष्ट्र में ये काम नहीं करता। पूरी खबर पढ़ें… …………………………….. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़ीं ये खबरें भी पढ़ें… जिस चॉल में रहकर कभी फैक्ट्री में मछलियां छीलीं:वहीं 4 बार विधायक बने; उद्धव को झकझोरने वाले शिंदे की कहानी एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका में हुआ था। शिंदे के पिता संभाजी शिंदे एक किसान थे। बचपन में ही वो अपने परिवार के साथ ठाणे की एक मराठी बस्ती किसन नगर की चॉल में रहने चले आए थे। पिता ने शिंदे का दाखिला म्युनिसिपैलिटी के स्कूल में करवाया, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा। पूरी खबर पढ़ें… शिंदे को युवक ने कांग्रेस दफ्तर के बाहर गद्दार कहा और काला झंडा दिखाया; सीएम गुस्से में दफ्तर में घुसे 11 नवंबर की देर रात शिंदे अपने काफिले के साथ साकीनाका इलाके से गुजर रहे थे। इसी दौरान संतोष काटके नाम के युवक ने शिंदे को काला झंडा दिखाया और उन्हें गद्दार कहा। साथ ही उनके काफिले को रोकने की कोशिश की। ये पूरी घटना कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मंत्री नसीम खान के चुनावी कार्यालय के बाहर हुई, जिसका किसी ने वीडियो बनाया लिया। पूरी खबर पढ़ें…
फडणवीस ने 16 नवंबर को ANI को दिए इंटरव्यू में कहा था कि NCP (SP) चीफ शरद पवार परिवार और पार्टी तोड़ने के मामले में महारथी हैं। NCP और शिवसेना अपनी अति महत्वाकांक्षाओं के कारण टूटीं। उद्धव CM बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने हमसे नाता तोड़ लिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद वे आदित्य ठाकरे को आगे लाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने एकनाथ शिंदे को सफोकेट करने की कोशिश की। उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हो चुके हैं। महाराष्ट्र में पार्टी भविष्य में उनके साथ नहीं जाएगी। शिंदे को CM बनाने की जानकारी मुझे पहले से थी। मैं मुख्यमंत्री या अध्यक्ष किसी भी रेस में नहीं हूं। पूरी खबर पढ़ें… अजित बोले- ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा, UP-झारखंड में चलता होगा
10 नवंबर को महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा था कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा उत्तर प्रदेश और झारखंड में चलता होगा, महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। मैं इसका समर्थन नहीं करता। हमारा नारा है- सबका साथ सबका विकास।’ उन्होंने कहा था कि दूसरे राज्यों के भाजपा के मुख्यमंत्री तय करें कि उन्हें क्या बोलना है। महाराष्ट्र में बाहर के लोग आकर ऐसी बातें बोल जाते हैं। हम महायुति में एक साथ काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी पार्टियों की विचारधारा अलग-अलग है। हो सकता है कि दूसरे राज्यों में यह सब चलता हो, लेकिन महाराष्ट्र में ये काम नहीं करता। पूरी खबर पढ़ें… …………………………….. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़ीं ये खबरें भी पढ़ें… जिस चॉल में रहकर कभी फैक्ट्री में मछलियां छीलीं:वहीं 4 बार विधायक बने; उद्धव को झकझोरने वाले शिंदे की कहानी एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका में हुआ था। शिंदे के पिता संभाजी शिंदे एक किसान थे। बचपन में ही वो अपने परिवार के साथ ठाणे की एक मराठी बस्ती किसन नगर की चॉल में रहने चले आए थे। पिता ने शिंदे का दाखिला म्युनिसिपैलिटी के स्कूल में करवाया, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा। पूरी खबर पढ़ें… शिंदे को युवक ने कांग्रेस दफ्तर के बाहर गद्दार कहा और काला झंडा दिखाया; सीएम गुस्से में दफ्तर में घुसे 11 नवंबर की देर रात शिंदे अपने काफिले के साथ साकीनाका इलाके से गुजर रहे थे। इसी दौरान संतोष काटके नाम के युवक ने शिंदे को काला झंडा दिखाया और उन्हें गद्दार कहा। साथ ही उनके काफिले को रोकने की कोशिश की। ये पूरी घटना कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मंत्री नसीम खान के चुनावी कार्यालय के बाहर हुई, जिसका किसी ने वीडियो बनाया लिया। पूरी खबर पढ़ें…