हममें से हर किसी ने कभी-न-कभी ऐसी परिस्थितियों का सामना किया होगा, जब बातचीत के दौरान हमने अपना आपा खो दिया हो। कई बार बातचीत में हम अपनी भावनाओं को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। ऐसे में गुस्सा आना स्वाभाविक है। हालांकि ऐसी स्थिति में खुद को शांत रखना बहुत जरूरी है। इससे हम अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकते हैं और स्थिति को बिगड़ने से रोक सकते हैं। अगर हम अपने गुस्से पर काबू पाना चाहें तो ये बिल्कुल भी असंभव नहीं है। तो आज रिलेशनशिप कॉलम में हम बात करेंगे कि बातचीत के दौरान अपने गुस्से को कैसे कंट्रोल करें। साथ ही जानेंगे कि- बातचीत के दौरान क्यों आता है गुस्सा जब कोई बातचीत के बीच में व्यक्तिगत कमेंट करता है तो इससे गुस्सा आ सकता है। इसके अलावा गुस्सा अपमान और भावनाओं की कद्र न करने से भी जुड़ा है। कभी-कभार ये गलतफहमी और तनाव के कारण भी हो सकता है। अगर समय रहते गुस्से पर काबू नहीं पाया जाए तो इससे रिश्ता भी प्रभावित हो सकता है। बातचीत में संयम बनाए रखना क्यों मुश्किल? बातचीत हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन कई बार यह हमारे लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। खासकर जब उस विषय से हमारी भावनाएं जुड़ी होती हैं। कभी-कभी इगो और मेंटल हेल्थ भी इसका कारण बन सकते हैं। बातचीत में आपा खोने के कई और कारण हैं, नीचे ग्राफिक से समझिए- बातचीत के दौरान गुस्से पर कैसे काबू पाएं बातचीत के समय अपने गुस्से पर काबू न कर पाने से चीजें बहुत खराब हो जाती हैं, जिसे बाद में कंट्रोल करना मुश्किल होता है। ऐसे में हेल्दी बातचीत के लिए कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए- अब आइए ऊपर दिए पॉइंट्स के बारे में विस्तार से बात करते हैं। गुस्सा आने पर गहरी सांस लें गुस्सा हमारी बातचीत को प्रभावित कर सकता है। इसका हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। गुस्से को कंट्रोल करने के कई तरीके हैं। इसमें सबसे आसान और प्रभावी तरीकों में से एक है गहरी सांस लेना। इससे हम अपने गुस्से को शांत कर सकते हैं। जल्दबाजी में जवाब देने से बचें बातचीत के दौरान कई बार हम जल्दबाजी में जवाब देकर अपने संबंधों को खराब कर लेते हैं। इससे हम अपने विचारों को खुलकर व्यक्त नहीं कर पाते हैं। जल्दबाजी में जवाब देने से अक्सर चीजें बिगड़ सकती हैं। इसलिए बातचीत के दौरान सावधानी बरतें और जल्दबाजी में जवाब देने से बचें। बहुत तेज आवाज में न बोलें कई बार हम अपनी तेज आवाज के कारण पूरी बातचीत को खराब कर लेते हैं। बहुत तेज आवाज में बोलने से दूसरे व्यक्ति को परेशानी हो सकती है। इसका आपके संबंध पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा तेज आवाज में बोलने से छोटी सी बात भी बेवजह विवादित हो सकती है। वहीं कूल होकर बातचीत करने से आप अपने विचारों को आसानी से समझा सकते हैं। इससे मिसअंडरस्टैंडिंग नहीं होती है। बातचीत के दौरान विषय से न भटकें जिस विषय पर बात हो रही है, उसी पर ध्यान केंद्रित करना बहुत जरूरी है। इससे आप अपनी बात को खुलकर रख पाएंगे। साथ ही दूसरे व्यक्ति की बात को भी समझ सकेंगे। इसलिए बातचीत के दौरान अपना ध्यान दूसरी चीजों में न भटकाएं। कई बार ये भी गुस्से की वजह बन सकता है। अपनी भावनाओं पर कंट्रोल रखें जब किसी विषय से हमारी भावनाएं जुड़ी होती हैं तो कई बार ये भी बातचीत में गुस्से का कारण बन सकती हैं। इसलिए बातचीत के समय अपनी भावनाओं को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। इस दौरान सिर्फ तार्किक तथ्य ही रखें और इसे इमोशन से बिल्कुल भी न जोड़ें। पॉजिटिव रहें पॉजिटिविटी में किसी भी बात को हेल्दी बनाने की क्षमता होती है। इसलिए बात करते समय खुद को कूल और पॉजिटिव बनाए रखें। अगर सामने वाला व्यक्ति किसी बात पर गुस्सा होता है तो भी खुद अग्रेसिव रिएक्शन न दें। मुस्कुराते हुए बातचीत करें। इससे उस पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है। दूसरों की बातें भी सुनें हेल्दी कम्युनिकेशन में हर बार खुद बोलना ही नहीं, बल्कि सामने वाले व्यक्ति की बात को धैर्य से सुनना भी जरूरी है। इससे चीजें पूरी तरह स्पष्ट हो जाती हैं और मिसकम्युनिकेशन भी नहीं होता है। इसलिए हमेशा किसी भी तरह की मिसअंडरस्टैंडिंग होने पर सामने वाले व्यक्ति की बात जरूर सुनें। इसके बाद आप उस पर बेहतर प्रतिक्रिया दे पाएंगे। आक्रामक न हों कई बार बातों–बातों में चीजें इतनी बिगड़ जाती हैं कि लोग आक्रामक हो जाते हैं। इससे बात कब झगड़े में तब्दील हो जाती है, पता भी नहीं चल पाता है। ये अनावश्यक झगड़े को दावत देने जैसा है। अगर किसी बात को लेकर गुस्सा आता है तो थोड़ा सा पानी पीकर अपने गुस्से को काबू कर सकते हैं। गुस्सा आने पर ब्रेक जरूर लें जब कभी बातचीत के दौरान गुस्सा आए तो ब्रेक लेना एक समाधान के रूप में काम कर सकता है। ब्रेक आपको उस विषय पर विचार करने के बारे में मौका देता है। इसके लिए आप थोड़ी देर के लिए बातचीत की जगह से उठकर टहल सकते हैं। इससे मामले को आसानी से हैंडल किया जा सकता है। आपा खोने के संभावित नुकसान आपा खोना कई तरह से नुकसानदायक हो सकता है। इससे रिश्ते बिगड़ सकते हैं, मनमुटाव हो सकता है, तनाव हो सकता है और यहां तक कि मारपीट तक की नौबत भी आ सकती है। इससे मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की क्षति हो सकती है। ऐसे में बातचीत के दौरान अपने गुस्से पर कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है।