कल (बुधवार, 11 दिसंबर) मार्गशीर्ष (अगहन) मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ गीता का पाठ भी करना चाहिए। श्रीकृष्ण ने अगहन शुक्ल एकादशी पर अर्जुन का मोह, संदेह और सभी उलझनों को शांत करने के लिए गीता उपदेश दिया था। आज भी जो लोग गीता का पाठ करते हैं, उनके सभी मोह और पाप कर्म दूर हो जाते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, मोक्षदा एकादशी पर श्रीकृष्ण के गीता उपदेश से अर्जुन का मोहभंग हुआ था, ठीक इसी तरह मोक्षदा एकादशी व्रत करने से और गीता का पाठ करने से हमारी सभी उलझनें दूर हो सकती हैं। व्रत के शुभ फल से लोभ, मोह, द्वेष जैसी बुराइयां दूर होती हैं। इस एकादशी के व्रत से जाने-अनजाने में किए गए सभी पापों के फल नष्ट हो जाते हैं। ये व्रत कई यज्ञों के समान पुण्य फल देता है। जानिए मोक्षदा एकादशी से जुड़ी खास बातें…