खड़गे बोले- सभापति हेडमास्टर की तरह स्कूलिंग करते, प्रवचन सुनाते:वे सरकार के कसीदे पढ़ते; संविधान बचाने के लिए मजबूरी में अविश्वास प्रस्ताव लाए

सभापति के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव पर INDIA ब्लॉक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- सभापति राजनीति से परे होते हैं। आज सभापति नियमों को छोड़कर राजनीति ज्यादा कर रहे हैं। अंबेडकरजी ने संविधान में लिखा है कि भारत के उप-राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होंगे। पहले राज्यसभा सभापति राधाकृष्णन ने 1952 को सांसदों से कहा था कि मैं किसी भी पार्टी से नहीं हूं। इसका मतलब है कि मैं सदन में हर पार्टी से जुड़ा हूं। ये निष्पक्षता को बताता है। सदन में मैं हर पार्टी का आदमी हूं। हमें अफसोस है कि संविधान के अडॉप्शन के 75वें साल में चेयरमैन की तरफ से हो रहे पक्षपात, पार्टी को देखते हुए व्यवहार। इन सब ने विपक्षी पार्टियों को उनके खिलाफ प्रस्ताव लाने को मजबूर किया। 3 साल में उनका आचरण पद की गरिमा के विपरीत रहा है। कभी सरकार की तारीफ के कसीदे पढ़ते हैं, कभी खुद को आरएसएस का एकलव्य बताते हैं। ऐसी बयानबाजी उनके पद को शोभा नहीं देती। सभापति सदन के अंदर प्रतिपक्ष के नेताओं को अपने विरोधी के तौर पर देखते हैं। सीनियर-जूनियर कोई भी हो, विपक्षी नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर अपमानित करते हैं। सदन में एक्सपीरियंस नेता हैं, जर्नलिस्ट हैं, लेखक हैं, प्रोफेसर हैं। कई फील्ड में काम कर सदन में आए हैं। 40-40 साल का अनुभव रहा है, ऐसे नेताओं की भी सभापति हेडमास्टर की तरह स्कूलिंग करते हैं, प्रवचन सुनाते हैं और अपोजिशन पार्टी के लोग 5 मिनट बोलें, वो 10 मिनट उनका भाषण भी होता है। रूलिंग पार्टी और चेयरमैन की तरफ से ज्यादा गतिरोध होता है। आमतौर पर विपक्ष चेयर से प्रोटेक्शन मांगता है, सभापति ही संरक्षक होता है। अगर वही प्रधानमंत्री और सत्तापक्ष का गुणगान कर रहा हो तो विपक्ष की कौन सुनेगा। कन्नड़ में कहते हैं कि खुद बाड़ी लगा रहे हैं फसलों की सुरक्षा के लिए और बाड़ी ही खेत को खा रही है तो रक्षा कौन करेगा। हम सुरक्षा उनसे मांगते हैं, अपेक्षा उनसे करते हैं। वे ध्यान नहीं देते, रूलिंग पार्टी के मेंबर्स को कहने के लिए इशारा करते हैं। जब भी विपक्ष सवाल पूछता है तो मंत्रियों से पहले चेयरमैन खुद सरकार की ढाल बनकर खड़े होते हैं। उनके आचरण ने देश की गरिमा को बहुत नुकसान पहुंचाया है। देश के संसदीय इतिहास में ऐसी स्थिति ला दी है कि हमें उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लाना पड़ा। उनके खिलाफ हमारी कोई निजी दुश्मनी, द्वेष या राजनीतिक लड़ाई नहीं है। देश के नागरिकों को हम विनम्रता से बताना चाहते हैं कि हमने सोच-विचारकर संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए मजबूरी में ये कदम उठाया है। अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा
इससे पहले आज अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा हुआ। राज्यसभा कल तक के लिए और लोकसभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। हालांकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “हमारा मकसद है कि संसद चले, सदन में चर्चा हो। वे (सत्ता पक्ष) मुझे क्या कहते हैं, ये मायने नहीं रखता। हम चाहते हैं कि 13 दिसंबर को संविधान पर चर्चा हो।” संसद के शाीतकालीन सत्र के 10वें दिन मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के जनरल सेक्रेटरी पीसी मोदी को धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। I.N.D.I.A.ब्लॉक का आरोप- पक्षपात करते हैं धनखड़ कांग्रेस, TMC, AAP, सपा, DMK, CPI, CPI-M और RJD समेत विपक्षी पार्टियों के 60 सांसदों ने नोटिस पर दस्तखत किए। विपक्ष का आरोप है कि राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पक्षपातपूर्ण तरीके से सदन चलाते हैं और विपक्ष को बोलने नहीं देते। नड्डा बोले- अविश्वास प्रस्ताव मुद्दा भटकाने की कोशिश भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी का क्या संबंध है। देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा का सवाल है। यह देश की संप्रभुता पर भी प्रश्नचिह्न है। हम सोरोस पर इसलिए बात करना चाहते हैं, क्योंकि हम आम आदमी के लिए प्रतिबद्ध हैं। चेयर पर आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया। यह मुद्दे को भटकाने के लिए कुत्सित प्रयास है।” रिजिजू ने कहा- कांग्रेस ने सदन की गरिमा गिराई, माफी मांगें संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 72 साल बाद किसान का बेटा उपराष्ट्रपति बना। ऐसा सभापति मिलना मुश्किल है। विपक्ष ने सदन की गरिमा गिराई है। जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस के बीच रिश्ता क्या है, उन्हें ये बताना चाहिए। कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए। दिग्विजय बोले- मैंने इतना पक्षपाती सभापति नहीं देखा संसद के बाहर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी इतना पक्षपाती सभापति नहीं देखा है। वे सत्ता पक्ष के सांसदों को नियम के विपरीत बोलने की छूट देते हैं, जबकि विपक्षी सांसदों को चुप कराते हैं। ————————— संसद के 12वें दिन की कार्रवाई से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… राहुल गांधी बोले- हम अडाणी पर चर्चा नहीं छोड़ेंगे, लोकसभा अध्यक्ष से भी मिले संसद के शीतकालीन सत्र का आज 12वां दिन है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हम अडाणी मुद्दे पर चर्चा नहीं छोड़ेंगे। राहुल ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी मुलाकात की और कार्यवाही से अपमानजनक बातें हटाने की मांग की। राज्यसभा में सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामा हुआ। राज्यसभा पहले 12 बजे तक, फिर 12 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई। पढ़ें पूरी खबर…