दो दिन रहेगी मार्गशीर्ष पूर्णिमा:14 दिसंबर को दत्तात्रेय जयंती और 15 को रहेगी स्नान-दान की पूर्णिमा, जानिए इस दिन कौन-कौन से शुभ काम करें

अभी अगहन यानी मार्गशीर्ष मास चल रहा है और इस मास की अंतिम तिथि यानी पूर्णिमा 14 और 15 दिसंबर को दो दिन रहेगी। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर की दोपहर करीब 4 बजे होगी और ये तिथि 15 दिसंबर की दोपहर करीब 2.30 बजे तक रहेगी। इस पूर्णिमा पर भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है। जानिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा से जुड़ी खास बातें और इस दिन कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं… मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें ये शुभ काम पूर्णिमा पर नदी स्नान करने की परंपरा है। इस दिन श्रद्धालु गंगा, यमुना, शिप्रा, नर्मदा, गोदावरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। जो लोग नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं, वे अपने घर पर ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान सकते हैं। स्नान करते समय पवित्र नदियों का और तीर्थों का ध्यान करना चाहिए। पूर्णिमा पर काशी, मथुरा, उज्जैन, द्वारका, पुरी, रामेश्वरम् जैसे किसी पौराणिक महत्व वाले मंदिर में दर्शन पूजन करना चाहिए। अगर इन जगहों पर जाना संभव न हो तो अपने शहर के किसी अन्य मंदिर में दर्शन-पूजन कर सकते हैं। अगर शहर के मंदिर जाना भी संभव न हो तो घर पर ही पूजा-पाठ कर सकते हैं। घर के मंदिर में भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण, महादेव, चंद्र देव, दत्तात्रेय, महालक्ष्मी, देवी दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। इन देवी-देवताओं का दूध, पंचामृत और जल से अभिषेक करें। भगवान को मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करें। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर जरूरतमंद लोगों को धन, कपड़े, जूते-चप्पल, खाना दान करें। किसी मंदिर में पूजन सामग्री भेंट करें। किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें।