कल यानी बुधवार, 18 दिसंबर को पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। इस दिन गणेश चतुर्थी व्रत किया जाएगा। इस दिन भक्त दिनभर निराहार रहते हैं, भगवान गणेश की विशेष पूजा करते हैं। भगवान की कथाएं पढ़ते-सुनते हैं और शाम को चंद्र दर्शन के बाद चंद्र पूजा और गणेश पूजा करके व्रत पूरा करते हैं। बुधवार और गणेश चतुर्थी के योग में भगवान गणपति के साथ ही बुध ग्रह के लिए भी विशेष पूजा-पाठ करनी चाहिए। ऐसे कर सकते हैं गणेश पूजन गणेश चतुर्थी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक और धूप जलाएं। भगवान गणेश को जल, दूध, पंचामृत अर्पित करें। हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें। दूर्वा (दूब), लाल फूल, मोदक, गुड़ और नारियल चढ़ाएं। ऊँ गं गणपतये नमः मंत्र का जप करें। गणपति को दूर्वा की 21 गांठ चढ़ानी चाहिए। व्रत से जुड़ी ये बातें ध्यान रखें गणेश चतुर्थी का व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। व्रत रखें, दिनभर निराहार रहें और भूखे रहना संभव न हो तो फलाहार करें। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें और गणेश पूजन करके व्रत पूरा करें। इस दिन जरूरतमंद लोगों को ऊनी कपड़े, भोजन और दक्षिणा दान करें। गणेश चतुर्थी पर पूरे परिवार के साथ गणेश पूजा करने से घर में सुख-शांति और एकता बनी रहती है। ये हैं पौष मास जुड़ी खास बातें