कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा- मोहन भागवत कह रहे हैं कि 1947 में भारत को सच्ची आजादी नहीं मिली थी। मोहन भागवत का यह कमेंट हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ हर एक भारतीय नागरिक का अपमान है। भागवत का कमेंट हमारे संविधान पर हमला है। राहुल गांधी ने कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा- मोहन भागवत हर दो-तीन दिन में अपने बयानों से देश को यह बताते रहते हैं कि वह स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने हाल ही में जो कहा वह देशद्रोह है, क्योंकि उनके बयान का मतलब है कि संविधान का कोई औचित्य नहीं है। राहुल ने कहा कि भागवत के हिसाब से अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई का कोई महत्व ही नहीं है। मोहन भागवत अगर किसी और देश में ऐसे बयान देते तो गिरफ्तार हो जाते। उनके खिलाफ केस भी चलाया जाता। दरअसल, भागवत ने 13 जनवरी को इंदौर में एक कार्यक्रम में कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए, क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मनों का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इस दिन मिली थी। राहुल बोले- हमारे पास कृष्ण, नानक, बुद्ध, कबीर, क्या ये सब RSS की विचारधारा हैं हमारी विचारधारा कल सामने नहीं आ गई। हमारी विचारधारा हजारों साल पुरानी है। यह हजारों सालों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा से लड़ रही है। हमारे अपने प्रतीक हैं। हमारे पास शिव हैं। हमारे पास गुरुनानक हैं। हमारे पास कबीर हैं। हमारे पास महात्मा गांधी हैं। ये सभी हमें यानी देश को सही रास्ता दिखाते हैं। क्या गुरुनानक संघ की विचारधारा हैं? क्या बुद्ध संघ की विचारधारा हैं? क्या भगवान कृष्ण संघ की विचारधारा हैं? इनमें से कोई नहीं। इनमें से सभी ने लोगों की समानता और भाईचारे के लिए लड़ाई लड़ी। राहुल, खड़गे और सोनिया ने किया उद्घाटन खबर अपडेट की जा रही है….