इजराइल में सुरक्षा कैबिनेट ने सीजफायर डील को मंजूरी दे दी है। PM ऑफिस ने कहा कि शुक्रवार शाम को इसके लिए वोटिंग हुई थी, जहां इसे मंजूरी मिल गई। अब यह डील कैबिनेट के पास जाएगी, जहां इस पर शनिवार को वोटिंग होगी। हालांकि PMO ने यह नहीं बताया कि इस डील का किन पार्टियों ने समर्थन किया है और किन पार्टियों ने इसके खिलाफ मतदान किया। इससे पहले इजराइल के सुरक्षा मंत्री और दक्षिणपंथी नेता बेन-ग्विर इतामार ने हमास के साथ सीजफायर डील का विरोध किया। उन्होंने डील को मंजूरी देने पर सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी। इजराइल टाइम्स के मुताबिक ग्विर ने हमास के साथ समझौते को बड़ी लापरवाही कहा है। उन्होंने कहा कि उनकी ओत्जमा येहुदित पार्टी नेतन्याहू की लिकुड पार्टी से गठबंधन तोड़ देगी। साथ ही दोबारा सरकार में शामिल होने के लिए गाजा में फिर से युद्ध शुरू करने की शर्त भी रखी है। इजराइल और हमास ने सीजफायर डील पर साइन कर दिए हैं। अगर सीजफायर डील को शनिवार को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाती है तो 19 जनवरी से सीजफायर लागू होगा। डील मंजूरी को लेकर कल नहीं हो पाई मीटिंग इससे पहले गुरुवार को डील को मंजूरी देने के लिए कैबिनेट की मीटिंग होनी थी। लेकिन हमास की मांगों को लेकर PM बेंजामिन नेतन्याहू ने मीटिंग कर रद्द कर दी थी। नेतन्याहू ने आरोप लगाया था कि हमास आखिरी समय में समझौते की शर्तों से मुकर रहा है। इजराइल टाइम्स के मुताबिक, हमास ने फिलिस्तीनी कैदियों की पहचान से जुड़ा मुद्दा उठाया था, जिसे बाद में मध्यस्थों की मदद से हल कर लिया गया। बुधवार को कतर के PM ने डील के फाइनल होने पुष्टि हुई थी। ये डील 3 फेज में पूरी होगी। पहले फेज में इजराइल के 33 बंधकों को रिहा किया जाएगा। बदले में इजराइल भी 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। इजराइली सेना भी गाजा से पीछे हटेगी। कैसै लागू होगी डील डील के मुताबिक सीजफायर का पहला फेज 42 दिन का होगा। पहले फेज में हमास 33 इजराइली बंधकों को रिहा करेगा। बदले में इजराइल भी हमास के 250 कैदियों को रिहा करेगा। साथ ही इजराइली सेना गाजा की सीमा से 700 मीटर पीछे लौटेगी। सीजफायर के लिए पिछले कई हफ्तों से कतर की राजधानी दोहा में बातचीत चल रही थी। इस बातचीत में मिस्र और अमेरिका भी शामिल थे। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक कतर PM थानी ने हमास और इजराइल के प्रतिनिधियों से बुधवार को मुलाकात की, जिसके बाद ये डील पूरी हुई। बंधकों की पहली फेज की रिहाई के 15 दिन बाद हमास बाकी बंधकों को रिहा करेगा। इस बीच दोनों पक्ष स्थायी सीजफायर पर बात करेंगे। बाइडेन और ट्रम्प में क्रेडिट वॉर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को सीजफायर का क्रेडिट लेने का दावा किया। व्हाइट हाउस ने इस डील में ट्रम्प के प्रतिनिधि को भी शामिल किया था। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि ये ऐतिहासिक समझौता, राष्ट्रपति चुनाव में हमारी जीत की वजह से हो पाया। ट्रम्प ने कहा कि ये डील मेरे प्रशासन की शांति स्थापित करने और अमेरिका व उसके सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास का सबूत है। वहीं बाइडेन ने व्हाइट हाउस से अपने आखिरी भाषण में डील का जिक्र करते हुए कहा कि- सीजफायर के लिए हमारे कूटनीतिक प्रयास कभी रुके नहीं। यह समझौता हमास पर बढ़ते दबाव, क्षेत्रीय समीकरणों में बदलाव और लेबनान में सीजफायर के बाद ही संभव हो सका। यह अमेरिका की कूटनीति का नतीजा है। डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने शपथग्रहण से पहले हमास को सीजफायर करने का अल्टीमेटम दिया था। कतर और अमेरिका की मध्यस्थता में डील इस समझौते के लिए कतर की राजधानी दोहा में मिस्र, कतर और अमेरिका की मदद से बातचीत की गई। इसमें इजराइल का प्रतिनिधित्व मोसाद चीफ डेविड बार्निया और शिन बेट चीफ रोनेन बार ने किया। वहीं, अमेरिका की तरफ से यहां पर ट्रम्प के दूत स्टीव विटकॉफ और बाइडेन के दूत ब्रेट मैकगर्क मौजूद रहे। इजराइल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हमास के साथ सीजफायर के विरोध में उतरे इजराइली नागरिक:सरकार पर सरेंडर करने का आरोप लगाया; डील के समर्थन में भी प्रदर्शन इजराइल और हमास के बीच सीजफायर डील के विरोध में इजराइली नागरिकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट की मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आतंकियों के सामने सरेंडर करने का आरोप लगाया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…