अभी मंगल ग्रह वक्री है और वक्री रहते हुए ये ग्रह 21 जनवरी को कर्क से मिथुन राशि में प्रवेश कर लेगा। 24 फरवरी तक मंगल मिथुन में वक्री रहेगा, इसके बाद मार्गी हो जाएगा और 2 अप्रैल को फिर से कर्क राशि में आ जाएगा। ज्योतिष की सरल भाषा में ग्रह का वक्री होना यानी ग्रह का पीछे की ओर चलना और मार्गी होना यानी आगे की ओर बढ़ना। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक मंगल हमारी अपनी योजनाओं, कार्यशैली और सोच-विचार को प्रभावित करता है। मंगल के वक्री होने से कई लोगों को अपने कार्यों में संघर्ष का सामना करना पड़ेगा। काम में देरी हो सकती है। ये सतर्कता बरतने का समय है। निवेश किसी से मार्गदर्शन लेकर ही करें। मंगल के अशुभ असर को कम करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें। मंगल देव की पूजा करें। मंगल के मंत्र ऊँ अं अंगारकाय नम: का जप करें। मसूर की दाल का दान करें। जानिए मंगल का सभी 12 राशियों के लिए कैसा असर रहने वाला है…