अमेरिका को WHO में वापस लाने की अपील:WHO चीफ बोले- सदस्य देश ट्रम्प पर दबाव डालें; US इसका सबसे बड़ा दानदाता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने सदस्य देशों से अपील की है कि वो ट्रम्प पर वापस WHO जॉइन करने के लिए दबाव डालें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घेब्रेयसस ने पिछले हफ्ते विदेशी डिप्लोमेट्स की मीटिंग में कहा था कि ट्रम्प के WHO छोड़ने के फैसले से अमेरिका को ग्लोबल बीमारियों से जुड़ी की कई जरूरी जानकारी नहीं मिल पाएगी। एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक WHO की पिछले हफ्ते हुई बजट बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि अमेरिका के बाहर निकलने से वो फंडिंग संकट को कैसे मैनेज किया जाएगा। दरअसल अमेरिका WHO का सबसे बड़ा दानदाता है। अमेरिका 2024-2025 के लिए WHO को करीब 958 मिलियन डॉलर देगा, जो उसके 6.9 अरब डॉलर के बजट का लगभग 14% है। दरअसल डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद WHO से हटने से जुड़े एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर दस्तखत किए थे। ट्रम्प का आरोप है कि WHO ने कोरोना के संकट को सही से नहीं संभाला था। इसके अलावा अमेरिका इस एजेंसी को बहुत ज्यादा पैसा देता है जबकि इसका ज्यादा फायदा दूसरे देश उठाते हैं। अमेरिका WHO को सबसे ज्यादा फंडिंग करता है ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी कोरोना महामारी से निपटने के लिए WHO के उठाए कदमों की आलोचना की थी। इसके बाद उन्होंने अमेरिका को इस संगठन से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, हालांकि बाद में जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनते ही यह आदेश पलट दिया। अमेरिका WHO को सबसे ज्यादा फंडिंग करता है। 2023 में इस एजेंसी के बजट का 20% हिस्सा अमेरिका का था। WHO का हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम्स खतरे में WHO की बैठक में पेश किए गए एक दस्तावेज से पता चला कि वह हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम्स के लिए अमेरिका बहुत ज्यादा निर्भर है। उसके इमजरेंसी प्रोग्राम की लगभग 40% फंडिंग अमेरिका से ही होती है। अमेरिका के बाहर मिडिल ईस्ट, यूक्रेन और सूडान में पोलियो और HIV से जुड़े कई प्रोग्राम मुश्किल में पड़ गए हैं। क्या है विश्व स्वास्थ्य संगठन? —————————————————- यह खबर भी पढ़ें… ट्रम्प के नए टैरिफ में भारत का नाम नहीं:चीन, मेक्सिको और कनाडा पर लगाया टैरिफ, इनसे अमेरिका को सबसे ज्यादा व्यापार घाटा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 1 फरवरी को कनाडा और मेक्सिको पर 25% और चीन पर एक्स्ट्रा 10 टैरिफ का ऐलान किया। हालांकि उन्होंने इस दौरान भारत का नाम नहीं लिया। इससे पहले उन्होंने मंगलवार को फ्लोरिडा में एक कार्यक्रम में भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों पर हाई टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। यहां पढ़ें पूरी खबर…