अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे 205 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है। इनमें से 104 लोगों को लेकर US मिलिट्री का विमान C-17 अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड कर चुका है। अब यहां इन लोगों की वैरिफिकेशन होगी। भारतीय समय के मुताबिक 4 फरवरी की सुबह 3 बजे अमेरिका से यह विमान रवाना किया गया था। यह पहली बार है जब अमेरिका अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल कर रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद अवैध तरीके से रह रहे बाहरी लोगों को डिपोर्ट करने के आदेश दिए थे। वतन वापसी वालों में हरियाणा के 33 और पंजाब के 30 और चंडीगढ़ के 2 लोग हैं। इसके अलावा कुछ परिवार भी हैं। जिनमें 8 से 10 साल के बच्चे भी हैं। हालांकि एयरपोर्ट पर सुरक्षा में लगे अधिकारियों के मुताबिक इनमें कोई कुख्यात अपराधी नहीं है। वहीं एयरपोर्ट के अंदर और बाहर पंजाब पुलिस व CISF के जवानों को तैनात किया गया है। पंजाब सरकार की तरफ से कुछ बसें भी एयरपोर्ट परिसर में खड़ी की गई हैं, जिनसे डिपोर्ट किए भारतीयों को उनके घरों की तरफ रवाना किया जाएगा। सुरक्षा में लगे अधिकारियों के मुताबिक, उचित दस्तावेज न होने से डिपोर्ट किए भारतीयों को इमिग्रेशन और कस्टम प्रक्रिया के बाद पंजाब पुलिस को सौंप दिया जाएगा। अधिकारी बोले- किसी को डिटेन करने के आदेश नहीं, सेंटर भी नहीं बनाया
अमृतसर जिला प्रशासन से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके पास अभी तक डिपोर्ट होकर आ रहे भारतीयों को डिटेन करने का कोई आदेश नहीं आया है और न ही जिला प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह का कोई डिटेंशन सेंटर बनाया गया है। सूचना के अनुसार अमेरिका से आ रहे विमान में 11 क्रू-मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी साथ में होंगे, जो भारतीयों को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारकर लौट जाएंगे। सभी अवैध प्रवासियों का डेटा चेक किया
केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सभी अवैध प्रवासियों की भारत में रिहाइश का पूरा डेटा चेक करने के बाद ही उन्हें देश में आने की इजाजत मिली है। 23 जनवरी को विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा की। इस दौरान डिपोर्ट करने पर सहमति बनी। वहीं, 27 जनवरी को राष्ट्रपति ट्रम्प ने दावा किया कि फोन पर वार्ता के दौरान इस मुद्दे पर PM मोदी ने भरोसा दिलाया कि जो सही होगा, वही करेंगे। पूर्व पासपोर्ट अधिकारी बोले- सर्टिफिकेट पर लौटेंगे, वैरिफिकेशन होगी
अमृतसर के पूर्व पासपोर्ट अधिकारी जेएस सोढी ने बताया कि जिस भी व्यक्ति को डिपोर्ट किया जाता है, उसके पास अपना पासपोर्ट नहीं होता। ऐसे में संबंधित भारतीय दूतावास उन्हें सर्टिफिकेट इश्यू करता है, जो भारत में लैंड होते ही वापस ले लिया जाता है। यह सर्टिफिकेट इश्यू होने से पहले भारतीय दूतावास संबंधित व्यक्ति के बारे में विस्तृत जानकारियां जुटाता है। भारत लौटने के बाद भी स्थानीय पुलिस इन पर नजर रखती है। इनकी वेरिफिकेशन दोबारा से की जाती है। भारतीयों को ला रहे विमान पर 6 करोड़ खर्च
जिस विमान से अमेरिका ने भारतीयों को भेजा है, उस पर लगभग 6 करोड़ रुपए का खर्च आया है। यह चार्टर्ड विभाग सामान्य उड़ान से लगभग 6 गुना ज्यादा कीमती है। सफर में अवैध प्रवासी हथकड़ियों में ही रहेंगे। राष्ट्रपति ट्रम्प हमेशा से अवैध प्रवासियों को क्रिमिनल करार देते आए हैं। अवैध प्रवासियों को सेना के विमान से डिपोर्ट करने के पीछे ट्रम्प सख्त संदेश देना चाहते हैं कि अवैध प्रवासियों के लिए अब अमेरिका में कोई जगह नहीं है। अमेरिका अब तक 4 छोटे देशों को डिपोर्ट कर चुका
ट्रम्प सरकार अब तक 4 छोटे देशों- ग्वाटेमाला, होन्डुरास, इक्वाडोर और पेरू के अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट कर चुकी है। भारत पांचवां देश है, जहां के अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया गया है। अमेरिका से जहां डिपोर्टेशन किया गया है उसमें भारत सबसे दूर स्थित देश है। अमेरिका की भारत से दूरी लगभग 11 हजार किमी है। जबकि, पेरू लगभग 6 हजार किमी दूर स्थित है। 1700 अवैध प्रवासी भारतीय हिरासत में, अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर से घुसपैठ में 94 फीसदी की गिरावट
ट्रम्प के सत्ता संभालने के 11 दिन में 25 हजार से ज्यादा अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया। ट्रम्प की आइस टीम (इमिग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट) ने 12 राज्यों में छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर छापे की कार्रवाई रिपब्लिकन राज्यों में हुई है। इनमें 1700 अवैध प्रवासी भारतीयों को हिरासत में लिया है। इससे पहले ही 18 हजार अवैध प्रवासी भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए सिलेक्ट किया जा चुका है। इस दौरान मेक्सिको बॉर्डर से घुसपैठ की घटनाएं 94% तक घटी हैं। बाइडेन के कार्यकाल में इस साल 1 जनवरी से 19 जनवरी के बीच रोज औसतन घुसपैठ की 2087 घटनाएं हुईं, जबकि ट्रम्प के बाद 20 जनवरी से 31 जनवरी तक रोज औसतन घुसपैठ की मात्र 126 घटनाएं ही हुईं। अमेरिका में 17,940 भारतीय अवैध प्रवासी
ICE के डेटा के मुताबिक अमेरिका में 17,940 भारतीय ऐसे हैं जो अवैध प्रवासी हैं। साथ ही इन लोगों को गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका में घुसने के लिए जेल में नहीं डाला गया है। ये कागजी कार्रवाई की लंबी प्रक्रिया में फंस गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह प्रक्रिया पूरी होने में 3 साल तक का वक्त लग जाता है। अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2023 में 3,86,000 लोगों को H-1B वीजा दिया गया था, जिनमें से लगभग तीन-चौथाई भारतीय नागरिक हैं। —————– ये खबरें भी पढ़ें…. अमेरिका से अवैध प्रवासियों की वापसी पर भारत सहमत, जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री से बात की अमेरिकी दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों नागरिकों की वापसी के लिए तैयार हैं। विदेश मंत्री ने इस मुद्दे पर भारत के रुख को स्थिर और सैद्धांतिक बताया। जयशंकर ने इसे लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की है। पूरी खबर पढ़ें…
अमृतसर जिला प्रशासन से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके पास अभी तक डिपोर्ट होकर आ रहे भारतीयों को डिटेन करने का कोई आदेश नहीं आया है और न ही जिला प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह का कोई डिटेंशन सेंटर बनाया गया है। सूचना के अनुसार अमेरिका से आ रहे विमान में 11 क्रू-मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी साथ में होंगे, जो भारतीयों को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारकर लौट जाएंगे। सभी अवैध प्रवासियों का डेटा चेक किया
केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सभी अवैध प्रवासियों की भारत में रिहाइश का पूरा डेटा चेक करने के बाद ही उन्हें देश में आने की इजाजत मिली है। 23 जनवरी को विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा की। इस दौरान डिपोर्ट करने पर सहमति बनी। वहीं, 27 जनवरी को राष्ट्रपति ट्रम्प ने दावा किया कि फोन पर वार्ता के दौरान इस मुद्दे पर PM मोदी ने भरोसा दिलाया कि जो सही होगा, वही करेंगे। पूर्व पासपोर्ट अधिकारी बोले- सर्टिफिकेट पर लौटेंगे, वैरिफिकेशन होगी
अमृतसर के पूर्व पासपोर्ट अधिकारी जेएस सोढी ने बताया कि जिस भी व्यक्ति को डिपोर्ट किया जाता है, उसके पास अपना पासपोर्ट नहीं होता। ऐसे में संबंधित भारतीय दूतावास उन्हें सर्टिफिकेट इश्यू करता है, जो भारत में लैंड होते ही वापस ले लिया जाता है। यह सर्टिफिकेट इश्यू होने से पहले भारतीय दूतावास संबंधित व्यक्ति के बारे में विस्तृत जानकारियां जुटाता है। भारत लौटने के बाद भी स्थानीय पुलिस इन पर नजर रखती है। इनकी वेरिफिकेशन दोबारा से की जाती है। भारतीयों को ला रहे विमान पर 6 करोड़ खर्च
जिस विमान से अमेरिका ने भारतीयों को भेजा है, उस पर लगभग 6 करोड़ रुपए का खर्च आया है। यह चार्टर्ड विभाग सामान्य उड़ान से लगभग 6 गुना ज्यादा कीमती है। सफर में अवैध प्रवासी हथकड़ियों में ही रहेंगे। राष्ट्रपति ट्रम्प हमेशा से अवैध प्रवासियों को क्रिमिनल करार देते आए हैं। अवैध प्रवासियों को सेना के विमान से डिपोर्ट करने के पीछे ट्रम्प सख्त संदेश देना चाहते हैं कि अवैध प्रवासियों के लिए अब अमेरिका में कोई जगह नहीं है। अमेरिका अब तक 4 छोटे देशों को डिपोर्ट कर चुका
ट्रम्प सरकार अब तक 4 छोटे देशों- ग्वाटेमाला, होन्डुरास, इक्वाडोर और पेरू के अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट कर चुकी है। भारत पांचवां देश है, जहां के अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया गया है। अमेरिका से जहां डिपोर्टेशन किया गया है उसमें भारत सबसे दूर स्थित देश है। अमेरिका की भारत से दूरी लगभग 11 हजार किमी है। जबकि, पेरू लगभग 6 हजार किमी दूर स्थित है। 1700 अवैध प्रवासी भारतीय हिरासत में, अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर से घुसपैठ में 94 फीसदी की गिरावट
ट्रम्प के सत्ता संभालने के 11 दिन में 25 हजार से ज्यादा अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया। ट्रम्प की आइस टीम (इमिग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट) ने 12 राज्यों में छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर छापे की कार्रवाई रिपब्लिकन राज्यों में हुई है। इनमें 1700 अवैध प्रवासी भारतीयों को हिरासत में लिया है। इससे पहले ही 18 हजार अवैध प्रवासी भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए सिलेक्ट किया जा चुका है। इस दौरान मेक्सिको बॉर्डर से घुसपैठ की घटनाएं 94% तक घटी हैं। बाइडेन के कार्यकाल में इस साल 1 जनवरी से 19 जनवरी के बीच रोज औसतन घुसपैठ की 2087 घटनाएं हुईं, जबकि ट्रम्प के बाद 20 जनवरी से 31 जनवरी तक रोज औसतन घुसपैठ की मात्र 126 घटनाएं ही हुईं। अमेरिका में 17,940 भारतीय अवैध प्रवासी
ICE के डेटा के मुताबिक अमेरिका में 17,940 भारतीय ऐसे हैं जो अवैध प्रवासी हैं। साथ ही इन लोगों को गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका में घुसने के लिए जेल में नहीं डाला गया है। ये कागजी कार्रवाई की लंबी प्रक्रिया में फंस गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह प्रक्रिया पूरी होने में 3 साल तक का वक्त लग जाता है। अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2023 में 3,86,000 लोगों को H-1B वीजा दिया गया था, जिनमें से लगभग तीन-चौथाई भारतीय नागरिक हैं। —————– ये खबरें भी पढ़ें…. अमेरिका से अवैध प्रवासियों की वापसी पर भारत सहमत, जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री से बात की अमेरिकी दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों नागरिकों की वापसी के लिए तैयार हैं। विदेश मंत्री ने इस मुद्दे पर भारत के रुख को स्थिर और सैद्धांतिक बताया। जयशंकर ने इसे लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की है। पूरी खबर पढ़ें…