दुनियाभर में ऐसे लोगों में लंग कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, जिन्होंने जीवन में कभी सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाया है। 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस पर लैंसेट की एक स्टडी छपी। इस स्टडी के अनुसार, साल 2022 में पूरी दुनिया में 25 लाख लंग कैंसर के मरीज मिले। सिगरेट पीने पर लंग कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। लैंसेट की यही स्टडी कह रही है कि पिछले कुछ सालों में सिगरेट पीने वालों की संख्या में भी तेजी से कमी आई है। इसके बावजूद, लंग कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लैंसेट की इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में 53-70% लंग कैंसर के मामले ऐसे लोगों में देखे गए, जो सिगरेट नहीं पीते हैं। फिर क्या वजह से है कि लंग कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इसका सबसे बड़ा कारण है कि पूरी दुनिया की हवा खराब हो रही है। बढ़ते हुए एयर पॉल्यूशन का खतरनाक प्रभाव बढ़ते लंग कैंसर के रूप में दिखाई दे रहा है। भारत, चीन और थाईलैंड जैसे देश इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ऐसे में आज हम सेहतनामा में जानेंगे कि- लंग कैंसर क्या है? लंग कैंसर एक गंभीर बीमारी है। इसमें फेफड़ों की सेल्स बेतहाशा बढ़ने लगती हैं और एक जगह इकट्ठा होकर ट्यूमर बन जाती हैं, जो अंतत: लंग कैंसर का कारण बनता है। लंग कैंसर कितने प्रकार का होता है? फेफड़ों में कई तरह के कैंसर हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर दो तरह के कैंसर को लंग कैंसर कहा जाता है। नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) एक तरह का कैंसर है, जो फेफड़ों के टिश्यू में होता है। लंग कैंसर के कुल मामलों में 80% लोग NSCLC से पीड़ित होते हैं। इसके मुख्यत: दो प्रकार हैं– एडेनोकार्सिनोमा और स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा। एडेनोकार्सिनोमा कैंसर फेफड़ों में बलगम या अन्य तरह के लिक्विड बनाने वाले टिश्यू में होता है। लैंसेट की स्टडी के अनुसार, साल 2022 में उन लोगों में एडेनोकार्सिनोमा कैंसर के मामले में पाए गए, जिन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी। एडेनोकार्सिनोमा कैंसर के कुल मामलों में तकरीबन साढ़े पांच लाख वो महिलाएं थीं, जिन्होंने जीवन में कभी सिगरेट को हाथ नहीं लगाया। स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) यह कैंसर जल्दी फैलता है और इसका इलाज मुश्किल है। आमतौर पर, यह छोटे से ट्यूमर के रूप में होता है, जो फेफड़ों के वायुमार्ग से शुरू होता है। यह पता चलने से पहले ही शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल चुका होता है। फेफड़ों के आसपास कुछ अन्य कैंसर भी होते हैं, जो हड्डियों और फेफड़ों की परत में हो सकते हैं। हालांकि, इन्हें लंग कैंसर नहीं कहा जाता है। लंग कैंसर के लक्षण लंग कैंसर के लक्षण शुरुआत में हल्के-फुल्के ही होते हैं। कई मामलों में बीमारी के गंभीर होने तक लक्षण पता ही नहीं चलते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को शुरुआती स्टेज में ही लक्षण दिख सकते हैं। आइए इन लक्षणों को ग्राफिक्स के जरिए समझते हैं। लंग कैंसर क्यों होता है? इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के अनुसार, स्मोकिंग के साथ-साथ एयर पॉल्यूशन भी लंग कैंसर की सबसे बड़ी वजहों में से एक है। लैंसेट की उपरोक्त स्टडी बताती है कि 2022 में पूरी दुनिया में महिलाओं में लंग कैंसर के जो 9 लाख केस सामने आए, उनमें 80,000 केसेज के लिए सीधे तौर पर प्रदूषित हवा जिम्मेदार थी। लंग कैंसर की स्टेज लंग कैंसर की चार स्टेज होती हैं। इसे ट्यूमर के साइज के आधार पर तय किया जाता है। साथ ही यह देखा जाता है कि कैंसर आसपास के टिश्यू, लिम्फ नोड्स और दूसरे अंगों तक तो नहीं पहुंचा है। लिम्फ नोड्स हमारे इम्यून सिस्टम का हिस्सा हैं, जो वायरस और बैक्टीरिया से शरीर का बचाव करते हैं। स्टेज 0: इसका मतलब है कि कैंसर अभी सिर्फ फेफड़े या ब्रोन्कस की ऊपरी परत में ही है। यह फेफड़े के अन्य हिस्सों और या उसके बाहर नहीं फैला है। ब्रोन्कस उस नली को कहते हैं, जिससे होकर हवा फेफड़ों में प्रवेश करती है। स्टेज I: कैंसर लंग्स के अंदर बढ़ रहा है, लेकिन अभी उसने लंग्स के बाहर फैलना शुरू नहीं किया है। स्टेज II: कैंसर फेफड़े के अंदर की लिम्फ नोड्स तक फैल चुका है या फेफड़े के एक ही लोब (फेफड़े का एक हिस्सा) में एक से ज्यादा ट्यूमर बन गए हैं। स्टेज III: इस स्टेज में कैंसर आसपास के लिंफ नोड्स या एक ही फेफड़े के अलग-अलग लोब में फैल चुका है। स्टेज IV: चौथी स्टेज में कैंसर फेफड़े के दूसरे हिस्से, उसके आसपास के लिक्विड, दिल के आसपास या शरीर के दूसरे अंगों तक फैलना शुरू कर चुका है। लंग कैंसर से बचाव के उपाय लंग कैंसर से बचाव के लिए सबसे पहले स्मोकिंग छोड़ें। स्मोकिंग लंग कैंसर की सबसे बड़ी वजह है। साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर लंग कैंसर से बच सकते हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। सिगरेट और तंबाकू से दूर रहें WHO के अनुसार, स्मोकिंग लंग कैंसर के बढ़ते मामलों की सबसे बड़ी वजह है। लैंसेट की स्टडी के अनुसार, स्मोकिंग छोड़ने के अगले 5 सालों में, शरीर खुद को रिकवर कर लेता है और लंग कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है। स्वस्थ आहार लें मौसमी फल, सब्जियां और फाइबर से भरपूर डाइट कैंसर से बचाने में मददगार है। साथ ही एंटीऑक्सिडेंट्स रिच फूड फेफड़ों की सेहत के लिए अच्छे होते हैं। ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें नियमित व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है और कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही ब्रीदिंग एक्सरसाइज से फेफड़े मजबूत रहते हैं। फेफड़ों की सुरक्षा का ध्यान रखें अगर आप ऐसी फैक्ट्री में काम करते हैं, जहां जहरीली गैस या टॉक्सिन्स के संपर्क में आते हैं, तो सुरक्षा का खास ध्यान रखें। काम के दौरान मास्क पहने और वेंटिलेशन सिस्टम का उपयोग करें। एयर प्यूरिफायर लगवाएं अगर आप किसी प्रदूषित क्षेत्र या शहर में रहते हैं, तो घर में एयर प्यूरिफायर लगवाएं। यह हवा को साफ करता है और फेफड़ों को प्रदूषण से बचाता है। नियमित हेल्थ चेकअप कराएं अगर आपको लंग कैंसर का खतरा है या परिवार में किसी को यह बीमारी रही है, तो लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं। लंग कैंसर से जुड़े कॉमन सवाल और जवाब सवाल- क्या लंग कैंसर से 100% रिकवरी मुमकिन है? जवाब- हां, कुछ मामलों में, लंग कैंसर के मरीज पूरी तरह से ठीक होकर नॉर्मल लाइफ इंजॉय करते हैं। शुरुआती स्टेज में लंग कैंसर का पता चलने पर बीमारी का इलाज आसान होता है। देर होने पर पेशेंट को बचाना मुश्किल हो सकता है सवाल- क्या एक बार लंग कैंसर ठीक होने के बाद यह दोबारा हो सकता है? जवाब- हां, लंग कैंसर ठीक होने के बाद दोबारा भी हो सकता है। अगर फिर से आपको पुराने लक्षण दिखें तो डॉक्टर से संपर्क करें। सवाल- क्या लंग कैंसर ठीक होने के बाद भी हेल्थ से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं? यदि हां तो क्या? जवाब- लंग कैंसर के इलाज के तुरंत बाद थकान, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और वजन घटने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, एहतियात के तौर पर आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। सवाल- अगर परिवार में किसी को लंग कैंसर हुआ हो तो क्या अगली पीढ़ी में उसके होने की संभावना बढ़ जाती है? जवाब- हां, अगर परिवार में किसी को लंग कैंसर हुआ है तो अगली पीढ़ी में इसकी संभावना बढ़ जाती है। कुछ जेनेटिक म्यूटेशन पीढ़ी दर पीढ़ी चलते हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि अगली पीढ़ी में भी यह बीमारी जरूर होगी। सवाल- वो कौन से शुरुआती संकेत हैं, जो दिखें तो तुरंत लंग कैंसर की जांच करानी चाहिए? जवाब- लगातार खांसी, खांसी में खून आना, सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द बना रहता हो, तेजी से वजन घट रहा हो तो ये लंग कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत जांच करानी चाहिए। सवाल- क्या सिगरेट पीने के बावजूद अगर लाइफ स्टाइल और फूड हैबिट अच्छी है तो लंग कैंसर के चांस कम हो जाते हैं? जवाब- बिल्कुल नहीं, सिगरेट अपने आप में एक जहर है। स्मोकिंग के नुकसान इतने ज्यादा होते हैं कि एक अच्छी लाइफस्टाइल भी उसके असर को कम नहीं कर सकती। ….. सेहत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें
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