तेजी से भागती-दौड़ती इस दुनिया में हर किसी को जल्दी है। किसी के पास भी समय नहीं है। लोग कम समय में सब कुछ हासिल करना चाहते हैं। लाइफस्टाइल में हुए इस बदलाव और समय की कमी ने लोगों के खाने-पीने के तौर-तरीकों को भी पूरी तरह बदल दिया है। अब लोग पैकेज्ड, प्रोसेस्ड और फ्रोजन फूड्स जैसे रेडी-टू-ईट मील्स को खूब पसंद करते हैं। ये खाने-पीने की चीजें उन लोगों के लिए बेहद सुविधाजनक हैं, जिनकी लाइफस्टाइल काफी बिजी है। फ्रोजन फूड्स को फ्रीजर से निकालकर उसे तेल में डीप फ्राई या एयर फ्रायर में फ्राई करके तुरंत खा सकते हैं। इससे समय की बहुत बचत होती है। हालांकि फ्रोजन फूड्स खाना सेहत के लिए सही है या नहीं, इस पर अभी बहस जारी है। बहुत से लोग इसे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक मानते हैं। लेकिन सवाल ये है कि साइंस, डॉक्टर्स और न्यूट्रीशनिस्ट का इस बारे में क्या कहना है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि फ्रोजन फूड्स खाना सही है या नहीं। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अनु अग्रवाल, न्यूट्रिशनिस्ट और ‘वनडाइटटुडे’ की फाउंडर, नई दिल्ली सवाल- फ्रोजन फूड्स क्या है?
जवाब- हर खाने-पीने की चीज की एक शेल्फ लाइफ होती है। कुछ फल या सब्जियां हमें पूरे साल नहीं मिलती हैं। ऐसे में इन फूड्स को लंबे समय तक फ्रेश बनाए रखने के लिए ठंडे टेम्परेचर में स्टोर किया जाता है। इससे उनकी शेल्फ लाइफ बनी रहती है। उदाहरण के लिए मटर, गाजर, ब्रॉकली, पालक, स्ट्रॉबेरी वगैरह। सवाल- क्या फ्रोजन फूड्स वाकई खाने लायक होते हैं?
जवाब- डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट अनु अग्रवाल कहती हैं कि फ्रोजन फूड्स खाने लायक होते हैं, बशर्ते उनमें प्रिजर्वेटिव्स न डाले गए हों। कुछ फूड्स को फ्रीजर में रखने से उनमें न्यूट्रिएंट्स की कमी हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें कैसे फ्रीज किया गया है और कितने समय तक स्टोर किया गया है। इस प्रोसेस में विटामिन C और B जैसे पानी में घुलनशील विटामिन्स में कुछ कमी आ सकती है। सवाल- फ्रोजन स्नैक्स या रेडी-टू-ईट फूड खाने से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
जवाब- फ्रोजन स्नैक्स या रेडी टू ईट फूड में हाइड्रोजेनेटेड पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है, जिसमें अनहेल्दी फैट होता है। अक्सर इन खाने-पीने की चीजों में ज्यादा नमक, चीनी और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। लंबे समय तक इन्हें खाने से कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- आइए, फ्रोजन फूड्स से होने वाली बीमारी की असल वजह को समझते हैं। सोडियम की मात्रा ज्यादा अक्सर फ्रोजन मील और स्नैक्स में सोडियम यानी नमक की मात्रा अधिक होती है। सोडियम के कारण फ्रोजन फूड्स की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है, जिससे यह लंबे समय तक खराब नहीं होता है। हालांकि ज्यादा सोडियम की वजह से लंबे समय तक इन्हें खाने से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन एक एडल्ट को प्रतिदिन 2,300 मिलीग्राम सोडियम खाने की सलाह देता है, लेकिन कई फ्रोजन फूड्स में इस मात्रा के बराबर या उससे बहुत ज्यादा सोडियम होता है। अनहेल्दी फैट फ्रोजन स्नैक्स, जैसे पिज्जा, समोसा, स्प्रिंग रोल और पेटीज में अनहेल्दी फैट पाया जाता है। यह बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाता है। यही वजह है कि इससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही अनहेल्दी फैट में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जिससे मोटापे और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। सवाल- फ्रोजन फूड्स का इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- फ्रोजन फूड्स का इस्तेमाल करते समय उसके लेबल को ध्यान से पढ़ें। लेबल पर न्यूट्रिशन संबंधी जानकारी जैसे कि सोडियम, ट्रांस फैट, शुगर की मात्रा देखें। इसके अलावा कुछ अन्य बातों का ध्यान रखें। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए- सवाल- फ्रोजन फल और सब्जियों को कितने दिनों तक इस्तेमाल कर सकते हैं?
जवाब- डाइटीशियन अनु अग्रवाल बताती हैं कि लंबे समय तक फ्रिज में रखे फल-सब्जियों के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि इनमें विटामिन्स और मिनरल्स की मात्रा कम हो जाती है। साथ ही उनके स्वाद में भी बदलाव आ सकता है। अगर फ्रीजर में रखने के बावजूद फल व सब्जियों के रंग में बदलाव आए या फिर उसमें सड़न दिखाई दे तो इसका मतलब है कि वह अब खाने लायक नहीं है। ऐसे फल-सब्जियों को खाना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। सवाल- फ्रोजन फूड्स की शेल्फ लाइफ कितनी होती है?
जवाब- फ्रोजन फूड्स की शेल्फ लाइफ इस बात पर निर्भर करती है कि वह किस प्रकार का भोजन है और उसे किस टेम्परेचर पर रखा गया है। फ्रोजन फूड्स की शेल्फ लाइफ ताजे खाने की तुलना में ज्यादा होती है। कुछ फ्रोजन फूड्स 3 से 6 महीने तक चल सकते हैं। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। डाइटीशियन डॉ. अनु अग्रवाल बताती हैं कि मौसमी फल और सब्जियां नेचुरल रूप से शरीर की जरूरत को पूरा करती हैं। यह न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहतर होती हैं, बल्कि ताजगी, स्वाद और न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होती हैं। ये उसी मौसम में उगती हैं, जब हमारे शरीर को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए हमेशा ताजे और मौसमी फल-सब्जियों को प्राथमिकता देनी चाहिए। ………………… जरूरत की ये खबर भी पढ़ें… जरूरत की खबर- खाना कभी जल्दबाजी में न खाएं:भोजन का 30-30 का नियम, डॉक्टर से जानिए फास्ट ईटिंग की आदत कैसे छुड़ाएं हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि हर निवाले को कम-से-कम 32 बार चबाना चाहिए। तभी खाने के जरूरी न्यूट्रिएंट्स शरीर को मिलते हैं। खाने को कम चबाने का खामियाजा हमारी सेहत को चुकाना पड़ता है। पूरी खबर पढ़िए…
जवाब- हर खाने-पीने की चीज की एक शेल्फ लाइफ होती है। कुछ फल या सब्जियां हमें पूरे साल नहीं मिलती हैं। ऐसे में इन फूड्स को लंबे समय तक फ्रेश बनाए रखने के लिए ठंडे टेम्परेचर में स्टोर किया जाता है। इससे उनकी शेल्फ लाइफ बनी रहती है। उदाहरण के लिए मटर, गाजर, ब्रॉकली, पालक, स्ट्रॉबेरी वगैरह। सवाल- क्या फ्रोजन फूड्स वाकई खाने लायक होते हैं?
जवाब- डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट अनु अग्रवाल कहती हैं कि फ्रोजन फूड्स खाने लायक होते हैं, बशर्ते उनमें प्रिजर्वेटिव्स न डाले गए हों। कुछ फूड्स को फ्रीजर में रखने से उनमें न्यूट्रिएंट्स की कमी हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें कैसे फ्रीज किया गया है और कितने समय तक स्टोर किया गया है। इस प्रोसेस में विटामिन C और B जैसे पानी में घुलनशील विटामिन्स में कुछ कमी आ सकती है। सवाल- फ्रोजन स्नैक्स या रेडी-टू-ईट फूड खाने से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
जवाब- फ्रोजन स्नैक्स या रेडी टू ईट फूड में हाइड्रोजेनेटेड पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है, जिसमें अनहेल्दी फैट होता है। अक्सर इन खाने-पीने की चीजों में ज्यादा नमक, चीनी और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। लंबे समय तक इन्हें खाने से कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- आइए, फ्रोजन फूड्स से होने वाली बीमारी की असल वजह को समझते हैं। सोडियम की मात्रा ज्यादा अक्सर फ्रोजन मील और स्नैक्स में सोडियम यानी नमक की मात्रा अधिक होती है। सोडियम के कारण फ्रोजन फूड्स की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है, जिससे यह लंबे समय तक खराब नहीं होता है। हालांकि ज्यादा सोडियम की वजह से लंबे समय तक इन्हें खाने से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन एक एडल्ट को प्रतिदिन 2,300 मिलीग्राम सोडियम खाने की सलाह देता है, लेकिन कई फ्रोजन फूड्स में इस मात्रा के बराबर या उससे बहुत ज्यादा सोडियम होता है। अनहेल्दी फैट फ्रोजन स्नैक्स, जैसे पिज्जा, समोसा, स्प्रिंग रोल और पेटीज में अनहेल्दी फैट पाया जाता है। यह बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाता है। यही वजह है कि इससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही अनहेल्दी फैट में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जिससे मोटापे और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। सवाल- फ्रोजन फूड्स का इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- फ्रोजन फूड्स का इस्तेमाल करते समय उसके लेबल को ध्यान से पढ़ें। लेबल पर न्यूट्रिशन संबंधी जानकारी जैसे कि सोडियम, ट्रांस फैट, शुगर की मात्रा देखें। इसके अलावा कुछ अन्य बातों का ध्यान रखें। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए- सवाल- फ्रोजन फल और सब्जियों को कितने दिनों तक इस्तेमाल कर सकते हैं?
जवाब- डाइटीशियन अनु अग्रवाल बताती हैं कि लंबे समय तक फ्रिज में रखे फल-सब्जियों के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि इनमें विटामिन्स और मिनरल्स की मात्रा कम हो जाती है। साथ ही उनके स्वाद में भी बदलाव आ सकता है। अगर फ्रीजर में रखने के बावजूद फल व सब्जियों के रंग में बदलाव आए या फिर उसमें सड़न दिखाई दे तो इसका मतलब है कि वह अब खाने लायक नहीं है। ऐसे फल-सब्जियों को खाना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। सवाल- फ्रोजन फूड्स की शेल्फ लाइफ कितनी होती है?
जवाब- फ्रोजन फूड्स की शेल्फ लाइफ इस बात पर निर्भर करती है कि वह किस प्रकार का भोजन है और उसे किस टेम्परेचर पर रखा गया है। फ्रोजन फूड्स की शेल्फ लाइफ ताजे खाने की तुलना में ज्यादा होती है। कुछ फ्रोजन फूड्स 3 से 6 महीने तक चल सकते हैं। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। डाइटीशियन डॉ. अनु अग्रवाल बताती हैं कि मौसमी फल और सब्जियां नेचुरल रूप से शरीर की जरूरत को पूरा करती हैं। यह न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहतर होती हैं, बल्कि ताजगी, स्वाद और न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होती हैं। ये उसी मौसम में उगती हैं, जब हमारे शरीर को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए हमेशा ताजे और मौसमी फल-सब्जियों को प्राथमिकता देनी चाहिए। ………………… जरूरत की ये खबर भी पढ़ें… जरूरत की खबर- खाना कभी जल्दबाजी में न खाएं:भोजन का 30-30 का नियम, डॉक्टर से जानिए फास्ट ईटिंग की आदत कैसे छुड़ाएं हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि हर निवाले को कम-से-कम 32 बार चबाना चाहिए। तभी खाने के जरूरी न्यूट्रिएंट्स शरीर को मिलते हैं। खाने को कम चबाने का खामियाजा हमारी सेहत को चुकाना पड़ता है। पूरी खबर पढ़िए…