मेरा नाम मोहम्मद हमजा है। मैं शहडोल, मप्र का रहने वाला हूं। मेरी मम्मी नाजनीन फातिमा हाउसवाइफ और पापा इरशाद अहमद बिजनेसमैन हैं। मैंने 11वीं, 12वीं की पढ़ाई देहरादून के किंगस्टन स्कूल से की और यहीं पढ़ाई के दौरान तीन साल पहले आकाश इंस्टीट्यूट जॉइन किया। मैं छोटे शहर से देहरादून आया था। यहां स्टूडेंट्स के बीच पढ़ाई को लेकर टफ कॉम्पिटीशन था। ऐसे में मेरे लिए सबसे मुश्किल था उस माहौल में एडजस्ट होना। लेकिन मुझे उन पेरेंट्स की खातिर मेहनत तो करना थी जिन्होंने मुझ पर भरोसा करके मुझे घर से दूर पढ़ने भेजा था। 11वीं की पढ़ाई के साथ शुरू की JEE मेन्स की तैयारी ये मेरे टीचर्स और पेरेंट्स का भरोसा ही था जिसके दम पर मुझे JEE Main 2025 में 99.8 परसेंटाइल मिले। मैंने 11वीं की पढ़ाई के साथ ही JEE की तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि 11वीं की पढ़ाई के साथ ही तैयारी करना मेरे लिए बिल्कुल आसान नहीं था। इसके लिए सबसे पहले मैंने इंग्लिश जैसे सब्जेक्ट की अलग से रोज 2 घंटे तैयारी करना शुरू किया। बाकी सभी सब्जेक्ट के लिए अलग से तैयारी करने की जरूरत नहीं थी क्योंकि आकाश इंस्टीट्यूट ने सभी सब्जेक्ट के नोट्स भी अवेलेबल करा दिए थे। टफ सब्जेक्ट को ज्यादा टाइम दिया मैंने कोचिंग जॉइन करने के शुरुआती दिनों में रात को पढ़ाई की। फिर जब स्टडी को लेकर मांइड क्लियर हुआ तो टफ सब्जेक्ट को सबसे ज्यादा टाइम दिया। शुरुआत में मुझे मैथ्स सबसे टफ लगा जिसके लिए रोज 3 घंटे प्रैक्टिस की। जब मैथ्स में मेरी एक्सपर्टीज हुई तो मैंने केमेस्ट्री की रोज 3 घंटे प्रैक्टिस की और मैथ्स की पढ़ाई रोज 2 घंटे करने लगा। IIT दिल्ली मेरा ड्रीम कॉलेज अब मेरा अगला टारगेट JEE एडवांस क्लियर करना है। मैं अपना ड्रीम कॉलेज IIT दिल्ली मानता हूं और यही एडमिशन लेना चाहता हूं। मेरा ये मानना है कि एक स्टूडेंट की लाइफ में जितना जरूरी पेरेंट्स का सपोर्ट है, उतना ही टीचर का भी होता है। सक्सेस के लिए पेरेंट्स, टीचर्स का सपोर्ट जरूरी मुझे पेरेंट्स और टीचर्स दोनों का ही सपोर्ट मिला। मुझे और मेरे बड़े भाई मोहम्मद अबूजर को पढ़ाई के लिए मेरे पेरेंट्स ने हमेशा सपोर्ट किया और कभी पास होने या फर्स्ट आने का प्रेशर नहीं दिया। मेरा भाई CA इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहा है। पढ़ाई के प्रेशर को हैंडल करना सीखें मेरे साथ ऐसे कई स्टूडेंट्स हैं जो पढ़ाई के प्रेशर के चलते डिप्रेशन में हैं या परेशान रहते हैं। यहां यह कहना चाहूंगा कि टफ कॉम्पिटीशन को देखकर घबरा जाना नैचुरल है लेकिन इसे हैंडल करते आना चाहिए। जो स्टूडेंट्स इस प्रेशर को हैंडल करना सीख जाते हैं, उनके लिए हर एग्जाम में सक्सेस पाना आसान हो जाता है। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि जब भी एग्जाम या टेस्ट में मार्क्स कम आएं तो खुद को मोटिवेट कर आगे की तैयारी में जुट जाएं। सक्सेस के लिए सबसे जरूरी मॉक टेस्ट : JEE मेन्स की तैयारी के दौरान सबसे पहला फोकस मॉक टेस्ट पर रखें। मैंने इतने मॉक टेस्ट अटेंड किए कि जब एग्जाम देने गया तो मुझे वहां भी यही लगा जैसे मैं टेस्ट दे रहा हूं। इस तरह मैं एग्जाम में अपना 100 प्रतिशत दे पाया। एग्जाम के दौरान हाइपर होने से बचें एग्जाम में अगर किसी सवाल का जवाब न भी आए तो हाइपर होने से बचें। इस गलती से आप उन सवालों के जवाब भी ठीक से नहीं दे पाएंगे जिनका जवाब आपको आता है। 11वीं से लेकर जेईई मेन्स टॉप करने तक में ऐसा कई बार लगा कि अब मुझसे पढ़ाई नहीं हो पाएगी। मैंने सोचा मैं ये सब छोड़कर शहडोल वापिस चला जाऊं। लेकिन मैं नहीं चाहता था कि मैं हारकर घर जाऊं। ये मेरे पेरेंट्स का मुझे पर यकीन ही था जिसके चलते मुझे जीत मिली।