सेहतनामा- ब्रिटेन में हर साल बढ़ रही शराब से मौतें:शरीर के इन 10 अंगों को सीधे डैमेज करती है शराब, जानें छोड़ने के 10 फायदे

ब्रिटेन के ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ONS) ने शराब से हो रही मौतों पर चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। ब्रिटेन में साल 2023 में 10,473 लोगों की मौत सीधे शराब पीने के कारण हुई। साल 2022 में शराब पीने के कारण यहां 10,048 लोगों की मौत हुई थी। 2019 में शराब पीने से 7,565 लोगों की मौत हुई थी। इसका मतलब है कि 4 साल में शराब से हो रही मौतों में 38% का इजाफा हो गया है। ONS ने यह भी स्पष्ट किया गया है जिन हेल्थ कंडीशंस के कारण इन लोगों की मौत हुई है, वे सीधे तौर पर शराब पीने के कारण पैदा हुई थीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पूरी दुनिया में शराब पीने से हर साल 30 लाख लोगों की मौत होती है। इसका मतलब है कि दुनिया की हर 20 में से 1 मौत के लिए सीधे तौर पर शराब जिम्मेदार है। भारत के लिए ये आंकड़े चिंता का विषय हैं क्योंकि हमारे देश में हर साल लोग 5-6 अरब लीटर शराब पी जाते हैं। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज जानेंगे कि शराब पीना कितना खतरनाक है। साथ ही जानेंगे कि- भारत में 16 करोड़ लोग पीते शराब मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट के मुताबिक, भारत में 10 से 75 वर्ष की उम्र के लगभग 16 करोड़ लोग शराब पीते हैं। इसमें 5.7 करोड़ से अधिक लोग शराब के आदी हैं और उन्हें इससे छुटकारे के लिए मदद की जरूरत है। इसलिए भारत में शराब के कारण मौत का खतरा बहुत ज्यादा है। शराब पीने से होती हैं जानलेवा बीमारियां WHO के मुताबिक, शराब की हर बूंद बेहद नुकसानदायक है। इसका मतलब है कि शराब की हर बूंद आपको कुछ कदम मौत के और करीब ले जाती है। अगर कोई शराब का एक घूंट भी पी रहा है तो यह ब्लड स्ट्रीम में मिलकर अगले ही मिनट हमारे ब्रेन में पहुंच जाता है। फिर 5 मिनट के भीतर यह शराब लिवर में पहुंच जाती है, जहां लिवर इसे पचाता है। इस दौरान लिवर को बहुत नुकसान होता है। इसके अलावा WHO ने शराब को नंबर 1 कार्सिनोजेन की लिस्ट में शामिल किया है। कार्सिनोजेन का अर्थ उन तत्वों से है, जो कैंसर पैदा करते हैं। इसका मतलब है कि शराब कैंसर के सबसे बड़े कारणों में से एक है। इससे शरीर के सभी प्रमुख अंग प्रभावित होते हैं। ग्राफिक में देखिए- शराब छोड़ने पर होते सुधार डॉ. पल्लवी गर्ग कहती हैं कि शराब छोड़ने पर शुरुआत में दिक्कत हो सकती है। इसके कारण विड्रॉल सिंप्टम्स दिख सकते हैं। कुछ दिन तक बहुत बेचैनी हो सकती है। एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसे लक्षण दिख सकते हैं। इसमें ऐसे सोचकर खुद पर काबू रख सकते हैं कि ये लक्षण शराब के कारण शरीर को रोज हो रहे नुकसान की तुलना में बहुत कम हैं। शराब छोड़ने पर सबसे पहले लिवर की रिकवरी शुरू होती है। इसके बाद हार्ट और ब्रेन इंप्रूव होता है। इससे और क्या फायदे होते हैं, ग्राफिक में देखिए- शराब से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: क्या शराब पीने से सेक्स लाइफ प्रभावित होती है? जवाब: हां, शराब पीने से सेक्स ड्राइव में कमी आ सकती है और सेक्शुअल डिसफंक्शन भी हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शराब सेंट्रल नर्वस सिस्टम डिप्रेसेंट है। शराब पीने से सभी जेंडर्स में सेक्शुअल फंक्शन प्रभावित होता है। सवाल: क्या यह सच है कि शराब पीने से लिवर फेल्योर हो सकता है? जवाब: हां, शराब को पचाने की जिम्मेदारी सिर्फ लिवर की होती है। इसलिए इसका सबसे ज्यादा असर भी लिवर पर पड़ता है। हालांकि, शराब छोड़ने के बाद सबसे पहले रिकवर भी लिवर ही होता है। हालांकि, यह समझना भी जरूरी है कि शराब पीने से लिवर के साथ हमारे शरीर का हर अंग प्रभावित होता है। असल में शराब ब्लड वेसल्स के जरिए शरीर के सभी अंगों में जाती है। इसलिए शरीर के सभी अंग प्रभावित होते हैं। सवाल: क्या शराब पीने पर अच्छी नींद आती है? जवाब: नहीं, यह मिथ है। शराब एक सेडेटिव है। इसका मतलब है कि ऐसी चीज जो हमें आराम और शांति वाले मोड में ले जाती है। यही कारण है कि शराब पीने के बाद अपेक्षाकृत समय से पहले नींद आ जाती है। इसलिए लोगों को भ्रम होता है कि शराब पीने से नींद जल्दी और बेहतर आती है। जबकि सबकुछ इसके उलट होता है। जैसे ही हमारा लिवर रात में एल्कोहल को तोड़ना शुरू करता है, हमारी नींद की गुणवत्ता खराब होने लगती है। इसके कारण रात में कई बार नींद खुल सकती है। शराब के नशे के कारण बेहोशी महसूस हो सकती है, पर गहरी नींद नहीं आती है। सवाल: क्या अचानक शराब छोड़ने पर मौत हो जाती है? जवाब: यह मिथ है। हालांकि, अगर कोई बहुत लंबे समय से शराब का आदी है तो उसे अचानक शराब छोड़ने पर कुछ स्वास्थ्य समस्याएं जरूर हो सकती हैं। अगर समय बीतने के साथ लक्षण कम नहीं हो रहे हैं तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। अगर कोई शराब का आदी है तो नशा उतरने के कुछ घंटे तक हैंगओवर के नॉर्मल सिंप्टम्स दिखते हैं। इसके बाद जैसे-जैसे समय बीतता है, ये इन विड्रॉल सिंप्टम्स में बदल सकते हैं- सवाल: क्या शराब छोड़ने पर नींद नहीं आती है? जवाब: शराब के हर घूंट का असर हमारे दिमाग पर होता है। यह तब तक बना रहता है, जब तक शराब की आखिरी बूंद हमारे ब्लड में रहती है। इसलिए शराब छोड़ने पर दिमाग पर गहरा असर होता है। शराब छोड़ने पर बेचैनी हो सकती है। इसके चलते सोने में मुश्किल हो सकती है। इसके कारण एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं लेकिन यकीन माने, यह दौर गुजरने के बाद पहले से कहीं अच्छी और गहरी नींद आती है। सवाल: शराब छोड़ने पर पूरी तरह रिकवरी में कितना समय लगता है? जवाब: हर किसी का रिकवरी टाइम अलग हो सकता है। डॉ. पल्लवी गर्ग कहती हैं कि जैसे ही लिवर शराब की आखिरी बूंद को पचाता है, इसकी रिकवरी शुरू हो जाती है। इसके बाद लगभग 3 महीने में मेंटल हेल्थ और 6 महीने में हार्ट हेल्थ इंप्रूव हो जाती है। लगभग 1 साल बीतने पर कैंसर का जोखिम शराब नहीं पीने वाले लोगों के बराबर रह जाता है। …………………….
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