हरियाणा में जींद की रहने वाली रेखा गुप्ता जिंदल दिल्ली के नए CM की दौड़ में हैं। रेखा इसी महीने हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से विधायक चुनीं गई। उन्होंने AAP की वंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया। रेखा स्टूडेंट लाइफ से ही पॉलिटिक्स में आ गईं थी। वहीं शुरुआत से वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और BJP से जुड़ी हुई हैं। इस वक्त वे दिल्ली भाजपा की महासचिव और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। दिल्ली में 27 साल बाद BJP बहुमत से चुनाव जीती है। जिसके बाद देश के 21 राज्यों में BJP या उनके गठबंधन की सरकार है। हालांकि अभी कहीं भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है। ऐसे में भाजपा दिल्ली में महिला सीएम का दांव चल सकती है। इससे पहले AAP ने भी आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया था। भाजपा ने पहले सुषमा स्वराज को भी दिल्ली का CM बनाया था। महिला मुख्यमंत्री बनाने की बारी आई तो रेखा के मुकाबले में शिखा राय का भी नाम है। शिखा ने AAP के दिग्गज नेता सौरभ भारद्वाज को हराया है। हालांकि दिल्ली में भाजपा की 4 महिला विधायकों में जींद की रेखा सबसे अनुभवी हैं। रेखा का दावा इसलिए भी मजबूत माना जा रहा है कि PM नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और हरियाणा CM नायब सैनी जैसे भाजपा दिग्गजों ने उनके लिए प्रचार किया था। जुलाना में पुश्तैनी गांव, पिता बैंक मैनेजर बने तो दिल्ली शिफ्ट हुए
रेखा गुप्ता का पुश्तैनी गांव नंदगढ़ जींद के जुलाना क्षेत्र में है। यहां उनके दादा मनीराम और परिवार के लोग रहते थे। रेखा के पिता जयभगवान 1972-73 में बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर बने तो उनकी ड्यूटी दिल्ली में आ गई थी, इसके बाद परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। रेखा की स्कूली पढ़ाई से लेकर ग्रेजुएशन और एलएलबी की पढ़ाई दिल्ली में ही हुई है। पहले गांव में दुकान थी, फिर आढ़त का काम किया
जुलाना के नंदगढ़ गांव के बलवान नंबरदार बताते हैं कि करीब 50 साल पहले तक रेखा के दादा मनीराम जिंदल और परदादा गंगाराम गांव में ही रहते थे। गांव में उन्होंने दुकान की हुई थी। इसके बाद इन्होंने जुलाना में आढ़त की दुकान कर ली और परिवार समेत वहीं शिफ्ट हो गए। गांव में शिव मंदिर बनवाया, दादा हर महीने गांव आते हैंं
गांव नंदगढ़ के नवीन फौजी बताते हैं कि उनकी छोटी ईंटों से बनी हवेली को गांव के ही चांदराम ने खरीद लिया था। जिसके बाद उन्होंने वहां अपना मकान बना लिया। गांव के नवीन फौजी आगे बताते हैं कि जिंदल परिवार के लोगों ने गांव में शिव मंदिर भी बनाया हुआ है। यहां हर वर्ष परिवार के लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। रेखा के पिता जयभगवान के चाचा राजेंद्र तो हर महीने गांव का चक्कर लगाते हैं। गांव में रेखा के परिवार का अच्छा व्यवहार रहा। दादा बोले- छात्र जीवन से ही राजनीति में आईं रेखा
रेखा के दादा राजेंद्र जिंदल बताते हैं कि उनके भाई मनीराम के तीन बेटे हैं। इनमें बड़ा बेटा रामऋषि, उससे छोटा जयभगवान और सबसे छोटा सुशील है। जुलाना में उनकी गंगाराम, काशीराम के नाम से आढ़त की दुकान थी। रेखा का जन्म 19 जुलाई 1974 को हुआ था। छात्र जीवन से ही रेखा राजनीति में सक्रिय हो गई थीं। 1998 में स्पेयर पार्ट्स कारोबारी से शादी की
रेखा ने 1998 में मनीष गुप्ता के साथ शादी की। मनीष स्पेयर पार्ट्स का बिजनेस करते हैं। राजेंद्र ने बताया कि रेखा ने इससे पहले भी दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा। पहली बार वह 11 हजार वोटों से हार गई थी तो पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी की वंदना से साढ़े चार हजार वोटों से हार गई थीं। दिल्ली के मुख्यमंत्री की दौड़ में ये 7 दिग्गज भी… 1. प्रवेश सिंह वर्मा: दिल्ली का सबसे बड़ा जाट चेहरा प्रवेश वर्मा, पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। पश्चिमी दिल्ली से लगातार दो बार सांसद रहे। 2019 में उन्होंने 5.78 लाख वोट से चुनाव जीता, जो दिल्ली के इतिहास में सबसे बड़ी जीत थी। इस बार नई दिल्ली सीट से उन्होंने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को 4099 वोट से हराया। क्यों हैं सीएम की रेस में… सीएम की राह में रोड़े क्यों आ सकते हैं… 2. मनोज तिवारी: पूर्वांचल का बड़ा चेहरा नोट : बीजेपी, मनोज तिवारी की जगह किसी नए पूर्वांचल चेहरे को भी दिल्ली का मुख्यमंत्री बना सकती है। 3. मनजिंदर सिंह सिरसा: मजबूत पंजाबी सिख नेता 4. स्मृति ईरानी: महिला और अल्पसंख्यक नेता 5. विजेंद्र गुप्ता: AAP लहर में भी कमल खिलाया 6. मोहन सिंह बिष्ट: छठी बार विधायक बने 7. वीरेंद्र सचदेवा: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, संगठन में पकड़
रेखा गुप्ता का पुश्तैनी गांव नंदगढ़ जींद के जुलाना क्षेत्र में है। यहां उनके दादा मनीराम और परिवार के लोग रहते थे। रेखा के पिता जयभगवान 1972-73 में बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर बने तो उनकी ड्यूटी दिल्ली में आ गई थी, इसके बाद परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। रेखा की स्कूली पढ़ाई से लेकर ग्रेजुएशन और एलएलबी की पढ़ाई दिल्ली में ही हुई है। पहले गांव में दुकान थी, फिर आढ़त का काम किया
जुलाना के नंदगढ़ गांव के बलवान नंबरदार बताते हैं कि करीब 50 साल पहले तक रेखा के दादा मनीराम जिंदल और परदादा गंगाराम गांव में ही रहते थे। गांव में उन्होंने दुकान की हुई थी। इसके बाद इन्होंने जुलाना में आढ़त की दुकान कर ली और परिवार समेत वहीं शिफ्ट हो गए। गांव में शिव मंदिर बनवाया, दादा हर महीने गांव आते हैंं
गांव नंदगढ़ के नवीन फौजी बताते हैं कि उनकी छोटी ईंटों से बनी हवेली को गांव के ही चांदराम ने खरीद लिया था। जिसके बाद उन्होंने वहां अपना मकान बना लिया। गांव के नवीन फौजी आगे बताते हैं कि जिंदल परिवार के लोगों ने गांव में शिव मंदिर भी बनाया हुआ है। यहां हर वर्ष परिवार के लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। रेखा के पिता जयभगवान के चाचा राजेंद्र तो हर महीने गांव का चक्कर लगाते हैं। गांव में रेखा के परिवार का अच्छा व्यवहार रहा। दादा बोले- छात्र जीवन से ही राजनीति में आईं रेखा
रेखा के दादा राजेंद्र जिंदल बताते हैं कि उनके भाई मनीराम के तीन बेटे हैं। इनमें बड़ा बेटा रामऋषि, उससे छोटा जयभगवान और सबसे छोटा सुशील है। जुलाना में उनकी गंगाराम, काशीराम के नाम से आढ़त की दुकान थी। रेखा का जन्म 19 जुलाई 1974 को हुआ था। छात्र जीवन से ही रेखा राजनीति में सक्रिय हो गई थीं। 1998 में स्पेयर पार्ट्स कारोबारी से शादी की
रेखा ने 1998 में मनीष गुप्ता के साथ शादी की। मनीष स्पेयर पार्ट्स का बिजनेस करते हैं। राजेंद्र ने बताया कि रेखा ने इससे पहले भी दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा। पहली बार वह 11 हजार वोटों से हार गई थी तो पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी की वंदना से साढ़े चार हजार वोटों से हार गई थीं। दिल्ली के मुख्यमंत्री की दौड़ में ये 7 दिग्गज भी… 1. प्रवेश सिंह वर्मा: दिल्ली का सबसे बड़ा जाट चेहरा प्रवेश वर्मा, पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। पश्चिमी दिल्ली से लगातार दो बार सांसद रहे। 2019 में उन्होंने 5.78 लाख वोट से चुनाव जीता, जो दिल्ली के इतिहास में सबसे बड़ी जीत थी। इस बार नई दिल्ली सीट से उन्होंने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को 4099 वोट से हराया। क्यों हैं सीएम की रेस में… सीएम की राह में रोड़े क्यों आ सकते हैं… 2. मनोज तिवारी: पूर्वांचल का बड़ा चेहरा नोट : बीजेपी, मनोज तिवारी की जगह किसी नए पूर्वांचल चेहरे को भी दिल्ली का मुख्यमंत्री बना सकती है। 3. मनजिंदर सिंह सिरसा: मजबूत पंजाबी सिख नेता 4. स्मृति ईरानी: महिला और अल्पसंख्यक नेता 5. विजेंद्र गुप्ता: AAP लहर में भी कमल खिलाया 6. मोहन सिंह बिष्ट: छठी बार विधायक बने 7. वीरेंद्र सचदेवा: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, संगठन में पकड़