प्यार और विश्वास एक-दूसरे के पूरक हैं। विश्वास ही किसी भी रिश्ते की नींव होती है। इसके बिना रिश्ता लंबे समय तक नहीं चल सकता है। विश्वास से ही प्यार पनपता है और जहां प्यार है, वहां विश्वास होना जरूरी है। विश्वास एक मजबूत धागे की तरह होता है, जो दो दिलों को जोड़ता है। जिस रिश्ते में विश्वास होता है, उसमें लोग बिना किसी संकोच के अपनी सच्चाई सामने रखते हैं। हालांकि किसी भी रिश्ते में विश्वास स्वाभाविक रूप से पैदा नहीं होता है। इसके लिए कुछ एफर्ट्स करने होते हैं। आज रिलेशनशिप कॉलम में हम रिश्ते में विश्वास की भूमिका के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- रिश्ते में विश्वास की भूमिका विश्वास एक गोंद की तरह होता है, जो रिश्ते को एक साथ बांधे रखता है। यह एक-दूसरे के प्रति सुरक्षा और आत्मविश्वास की भावना पैदा करता है। रिश्ता चाहे पर्सनल हो या प्रोफेशनल, विश्वास हर रिश्ते के लिए जरूरी है। हालांकि किसी भी रिश्ते में विश्वास एक दिन में नहीं बनता है। इसके लिए हमेशा एफर्ट्स करने होते हैं, तब जाकर रिश्ते में विश्वास बरकरार रहता है। विश्वास के लिए रिश्ते में पारदर्शिता होनी जरूरी है। भरोसे से रिश्ते में भावनात्मक लगाव, समझदारी और सहमति बढ़ती है। इससे रिश्ते में आने वाली किसी भी समस्या का हल आसानी से निकाला जा सकता है। वहीं अगर रिश्ते में एक बार भरोसा टूट जाता है तो उसे फिर से बनाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए रिश्ते में भरोसा कायम रखना बेहद जरूरी है। रिश्ते में विश्वास के संकेत किसी भी रिश्ते में विश्वास समय के साथ बढ़ता है। हालांकि इसके कुछ संकेत होते हैं, जो ये बताते हैं कि रिश्ते में विश्वास है या नहीं। जब दो लाेग एक-दूसरे से अपनी भावनाओं और समस्याओं को बिना किसी डर या संकोच के शेयर करते हैं तो यह विश्वास का प्रतीक है। जब बुरे वक्त में कोई बिना जज किए आपकी मदद करे तो यह रिश्ते में गहरे विश्वास का एक मजबूत संकेत है। इसके अलावा भी कुछ संकेत हैं, जो ये बताते हैं कि रिश्ते में विश्वास कायम है। जैसेकि- रिश्ते में विश्वास की कमी के कारण किसी भी रिश्ते में विश्वास की कमी के कई कारण हो सकते हैं। इसमें झूठ बोलना, धोखा देना और अतीत में विश्वासघात का शिकार होना शामिल है। इसके अलावा रिश्ते में भरोसा न होने के कुछ और भी कारण हैं। जैसेकि- रिश्ते में विश्वास बनाना जरूरी किसी भी रिश्ते में जब तक एक-दूसरे पर विश्वास नहीं होता, तब तक वह रिश्ता महज एक औपचारिकता होती है। इसलिए रिश्ते में विश्वास बनाना बहुत जरूरी है। इसके लिए एक-दूसरे से खुलकर अपनी भावनाएं साझा करें। ध्यान रखें कि विश्वास एक दिन में नहीं बनता है। इसमें समय लगता है और इसके लिए लगातार प्रयास की जरूरत होती है। अगर रिश्ते में कोई गलतफहमी हो तो उसे सुलझाने के लिए बातचीत करें और अपनी गलती मानने से न हिचकिचाएं। इसके साथ ही कुछ और बातों का भी ध्यान रखना जरूरी है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- विश्वास की कमी रिश्ते को करती कमजोर विश्वास की कमी किसी भी रिश्ते को कमजोर कर देती है। जब दो लोग एक-दूसरे पर विश्वास नहीं करते तो उनके बीच धीरे-धीरे बातचीत कम हो जाती है। इससे आशंका और गलतफहमियां जन्म लेने लगती हैं, जो रिश्ते की मधुरता को खत्म कर देती हैं। एक समय ऐसा आता है, जब दोनों लोग रिश्ते में बोरियत महसूस करने लगते हैं। ऐसे में जो विश्वास कभी रिश्ते की ताकत हुआ करता था, अब वही कमजोरी बन जाता है। विश्वास की कमी रिश्ते को और कई तरह से प्रभावित करती है। जैसेकि- रहिमन धागा ‘विश्वास’ का मत तोड़ो चटकाय किसी भी रिश्ते में जब एक बार विश्वास टूट जाता है तो उसे फिर से बनाना बेहद कठिन होता है। भरोसा टूटने का मतलब महज एक गलती नहीं होती, बल्कि ये एक ऐसी चुप्पी होती है, जो दोनों के बीच की दूरी को बढ़ा देती है। जब किसी का विश्वास टूटता है तो उसकी मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर गहरा असर पड़ता है। ऐसे में टूटे हुए विश्वास को फिर से स्थापित करना आसान नहीं होता है। लेकिन अगर आपको अपनी गलती का अहसास है और रिश्ते में दोबारा विश्वास बनाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले सच्चे दिल से माफी मांगने की जरूरत है। कहते हैं कि ‘माफी में बहुत ताकत होती है।’ इससे रिश्ते में सुलह होती है। ऐसे में अगर सामने वाला व्यक्ति माफ कर देता है तो आप फिर से धीरे-धीरे उसका विश्वास जीत सकते हैं। हालांकि टूटे भरोसे को फिर से बनाने के लिए दोनों पक्षों की तरफ से ईमानदारी, धैर्य और प्रयास की जरूरत होती है। अंत में यही कहेंगे कि विश्वास के बिना कोई भी रिश्ता लंबे समय तक नहीं चल सकता है। इसलिए रिश्ते में हमेशा ईमानदार रहें और एक-दूसरे पर विश्वास बनाए रखें।