दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के फाउंडर जैक डोर्सी हैं यह दावा डी-बैंक्ड के एडिटर इन चीफ सीन मरे ने किया है। मरे के मुताबिक, बिटकॉइन की ग्रोथ और ट्विटर के फाउंडर डोर्सी से जुड़ीं सभी घटनाएं आपस में काफी मिलती-जुलती हैं। बिटकॉइन को किसने बनाया? दुनिया अब तक यह नहीं जान पाई है। इसलिए इसके फाउंडर को एक काल्पनिक नाम दिया गया है जिसे ‘सतोशी नाकामोतो’ कहा जाता है। रियल लाइफ में इस नाम कोई व्यक्ति या ग्रुप नहीं है। सीन मरे ने ‘जैक डोर्सी सातोशी नाकामोतो कैसे हैं’ नाम से एक X पोस्ट शेयर किया। इसमें उन्होंने कई फैक्ट्स और टाइमलाइन भी शेयर किए। पोस्ट में उन्होंने डोर्सी की यूनिवर्सिटी के दिनों में क्रिप्टोग्राफी में गहरी रुचि के बारे में बताया। हैशकैश के फाउंडर एडम बैक की RSA टी-शर्ट पहनने की जानकारी दी और डोर्सी के क्रिप्टोग्राफिक न्यूजलेटर और एन्क्रिप्शन की पढ़ाई के बारे में बताया। सीन मरे के रिसर्च की बड़ी बातें… कौन है सतोशी नाकामोतो? सतोशी नाकामोतो कौन है, कहां रहता है कोई नहीं जानता। 31 अक्टूबर 2008 को सतोशी ने क्रिप्टोग्राफी करने वाले एक ग्रुप को 9 पेज एक फॉर्मेट भेजा था। बिटकॉइन नाम के इलेक्ट्रॉनिक कैश के बारे में डिटेल जानकारी दी गई थी। तब लोगों को नाकामोतो की पहचान से कोई मतलब नहीं था। पहले तो इस ग्रुप के ज्यादातर लोगों को बिटकॉइन के आइडिया पर ही कनफ्यूजन था। रिपोर्ट के मुताबिक, हैल फिने, निक स्जाबो, डेविड चाउम और वेई दाई जैसे क्रिप्टोग्राफर और डेवलपर्स ने 10 साल से ज्यादा की कोशिश के बाद भी कैश के इलेक्ट्रॉनिक वर्जन को डेवलप करने में सक्सेस नहीं हो पाए। सतोशी नाकामोतो को जानना इतना जरूरी क्यों? 2011 के बाद से सतोशी नाकामोतो के बारे में कुछ नहीं सुना गया है, लेकिन बिटकॉइन बनाने वाले इस नाम का प्रभाव आज भी काफी ज्यादा है। नाकामोतो के बिटकॉइन वॉलेट में 10 लाख से ज्यादा बिटकॉइन हैं, जिसकी मौजूदा कीमत करीब 84.47 लाख करोड़ रुपए है। इन फंड्स के किसी भी एक्शन का प्रभाव क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पर बहुत बड़ा हो सकता है। क्या है क्रिप्टो करेंसी? क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन पेमेंट का एक तरीका है। इसका इस्तेमाल वस्तु और सेवाओं का पेमेंट करने के लिए किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी एक नेटवर्क बेस्ड डिजिटल करेंसी है। इसे कंपनी या इंडिविजुअल कोई भी टोकन के रूप में जारी कर सकता है। इन टोकन्स का इस्तेमाल इसे जारी करने वाली कंपनी के सामान खरीदने या सर्विस लेने के बदले ही होता है। इसे किसी देश के करेंसी की तरह कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। इसका पूरा ऑपरेशन ऑनलाइन होता है, जिसके चलते इसमें उतार चढ़ावा होता रहता है। दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर रिलीज किया गया था। इसे बनाने वाली ग्रुप को सतोशी नाकामोतो के नाम से जाना जाता है। एक साल में दोगुना हुआ बिटकॉइन बीते 1 साल में बिटकॉइन की वैल्यू 95% से ज्यादा बढ़ी है। आज से एक साल पहले यानी 20 फरवरी 2024 को 43,30,887 रुपए थी, जो एक साल बाद 20 फरवरी 2025 को 84,47,142 रुपए हो गई है। वहीं पिछले 6 महीने में 66.52% और इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 5.36% बढ़ी है। क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर भारत में 30% टैक्स भारत में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स देना होता है। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजैक्शन करने पर 1% का TDS भी देना होता है। वहीं किसी को क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने पर भी 30% टैक्स चुकाना होता है।