रिलेशनशिप- टीन एजर बच्चों को चाहिए ज्यादा प्यार, देखभाल:9 बातों का रखें ख्याल, साइकोलॉजिस्ट से जानें, कौन सी गलतियां न करें

पेरेंटिंग एक ऐसी जिम्मेदारी है, जिसे निभाना बिल्कुल भी आसान नहीं है। उसमें भी अगर बच्चा टीन एज यानी 13 से 19 साल के बीच है तो ये और चैलेंजिंग हो जाता है। वजह ये है कि इस दौरान उनमें शारीरिक और मानसिक तौर पर कई बदलाव होते हैं। दूसरी ओर इसी उम्र में बच्चे की शिक्षा ऐसे पड़ाव पर होती है, जिससे उसका पूरा करियर तय होता है। टीन एज में हो रहे हॉर्मोनल बदलावकी वजह से बच्चे की सोच और व्यवहार में बड़ा बदलाव देखने को मिलता है। इससे बच्‍चा चिड़चिड़ा, गुस्‍सैल और अनुशासनहीन हो सकता है। इस उम्र में बच्चे अपनी प्राइवेसी को लेकर अधिक चिंतित रहते हैं। यही कारण है कि वे बड़ों से अपनी कुछ बातें छुपाने की कोशिश भी करते हैं और उनकी सलाह को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में अगर सही समय पर उचित मार्गदर्शन नहीं मिलता तो बच्चे को भविष्य में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए टीन एज के दौरान बच्चों की परवरिश में पेरेंट्स को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। आज रिलेशनशिप कॉलम में बात टीन एजर बच्चे की पेरेंटिंग की। साथ ही जानेंगे कि- टीन एजर बच्चे की पेरेंटिंग क्यों चुनौतीपूर्ण टीन एज में बच्चे अपने पेरेंट्स से थोड़ा दूर और दोस्तों से ज्यादा करीब होने लगते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि पेरेंट्स उन्हें उतने बेहतर तरीके से नहीं समझ पाएंगे, जितना कि उनके दोस्त समझ सकते हैं। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के मुताबिक, टीन एज बच्चों की परवरिश परिवारों के लिए सबसे कठिन चुनौतियों में से एक है। हॉर्मोन में बदलाव और शारीरिक परिवर्तन जैसी चीजों से जूझ रहे टीन एजर्स को लगता है कि कोई भी उनकी भावनाओं को नहीं समझ सकता, खासकर पेरेंट्स तो बिल्कुल नहीं। इससे वह अकेला और भ्रमित महसूस कर सकते हैं। वहीं पेरेंट्स इस बात से परेशान हो सकते हैं कि उनका बच्चा अब पहले की तरह अनुशासित नहीं है। कई बार ये चीजें बच्चे और पेरेंट्स के बीच मनमुटाव की वजह भी बन जाती हैं। इसलिए टीन एजर्स की पेरेटिंग बिल्कुल भी आसान नहीं है। टीन एज में बच्चों में होते ये बदलाव टीन एज के दौरान बच्चों में कई तरह के बदलाव आते हैं। ये बदलाव शारीरिक, मानसिक और व्यवहारिक तीनों तरह के हो सकते हैं। टीन एज बेहद नाजुक उम्र होती है। इसमें बच्चे नए दोस्त बनाना, नई-नई चीजों को जानना-समझना और एक्सप्लोर करना चाहते हैं। इसके अलावा उनमें कुछ और बदलाव देखने को मिलते हैं। जैसेकि- टीन एजर बच्चे की पेरेंटिंग में माता-पिता की भूमिका इस उम्र में बच्चे किसी भी नई चीज को जानने-समझने के लिए एक्साइटेड रहते हैं। वे बिना किसी की सलाह के खुद से निर्णय लेना चाहते हैं। लेकिन कई बार वे सही और गलत में फर्क नहीं कर पाते हैं। इसलिए टीन एज में बच्चे को स्पेशल केयर की जरुरत होती है। इसमें माता-पिता की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। पेरेंट्स को उनके साथ बैठकर हर मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए। उन्हें पूरा सपोर्ट देना चाहिए, जिससे वे कोई भी निर्णय बिना पेरेंट्स की सलाह के न लें। टीन एजर की पेरेंटिंग में माता-पिता इन बातों का रखें ख्याल टीन एज में बच्चों को स्वतंत्रता चाहिए होती है। ऐसे में माता-पिता को बच्चे पर नजर रखनी चाहिए कि वह कब-कहां आते-जाते हैं, मोबाइल फोन में क्या देखते हैं, नियमित रूप से स्कूल जा रहे हैं या नहीं। इसके अलावा कुछ और बातों का भी ध्यान रखना जरूरी है। इसे नीचे दिए पॉइंटर्स से समझिए- टीन एजर बच्चे की पेरेंटिंग में माता-पिता न करें ये गलतियां कई बार पेरेंट्स अपने बच्चों को सुधारने के लिए मारने-पीटने का तरीका अपनाते हैं, जो बिल्कुल गलत है। इसका बच्चे पर विपरीत असर पड़ता है। वे मां-बाप से डरने लगते हैं और उनके साथ अपनी कोई भी बात शेयर करने से घबराते हैं। इसके अलावा माता-पिता टीन एजर बच्चे की पेरेंटिंग में कुछ और गलतियां करते हैं, जिनसे बचना चाहिए। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- टीन एजर बच्चे की पेरेंटिंग के लिए कुछ सुझाव मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी टीन एजर्स बच्चों की पेरेंटिंग के लिए कुछ सुझाव देते हैं। जैसेकि-