क्रिकेट के लिए 11 की उम्र में घर छोड़ा-आशुतोष:धवन ने मानसिक मजबूती दी, लंबी पारी खेलना पसंद

दिल्ली कैपिटल्स को सीजन के पहले मुकाबले में आशुतोष शर्मा ने 31 गेंदों पर 66 रनों की पारी खेलकर जीत दिलाई। उन्होंने पांच चौके और पांच छक्के जड़े। दिल्ली का 9वां विकेट गिर गया था और आशुतोष क्रीज पर थे। दिल्ली को जीत के लिए 9 गेंदों पर 18 रन चाहिए थे, लेकिन आशुतोष ने तीन गेंद शेष रहते ही टीम को जीत दिला दी। आशुतोष शर्मा मध्य प्रदेश के रतलाम से हैं। यहां से IPL तक के अपने सफर को लेकर पूछे गए भास्कर के सवाल पर उन्होंने कहा कि रतलाम में अपने पहले क्लब के मैच में तीन चौके लगाए, तब मुझे लगा कि मैं क्रिकेट खेल सकता हूं। मैं क्रिकेट के लिए 11-12 साल की उम्र में रतलाम से इंदौर चला आया था और दोस्त अमन के साथ रहने लगा। वहां पर CCI क्लब से खेलने लगा। उसके बाद मेरा सिलेक्शन मध्यप्रदेश रेजिडेंशियल क्रिकेट अकादमी में हो गया। वहां पर रहने वालों के लिए प्रैक्टिस से एजुकेशन तक की व्यवस्था थी। आशुतोष ने अपने सफर की जानकारी शुक्रवार को जियो स्टार-दिल्ली कैपिटल्स प्रेस रूम में दी। मीडलर से अकादमी में किया अभ्यास
उन्होंने बताया- होल्कर स्टेडियम में प्रैक्टिस होती थी। हम होल्कर स्टेडियम में ही रहते थे। 5 साल तक वहां पर रहे। वहां पर कोच अमय खुरासिया ने प्रैक्टिस करवाई। उन्होंने काफी हार्ड वर्क कराया। वे बैट की जगह पर मीडलर (बैट की चौड़ाई को दोनों तरफ से काट कर कम कर दिया जाता है) से प्रैक्टिस करवाते थे। ऐसे में मैच में बैट से बैटिंग करना काफी आसान हो जाता था। मैं मध्य प्रदेश से अंडर-15, अंडर-17, अंडर-19 और अंडर-23 खेला। फिर मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेला, विजय हजारे भी वहीं से खेला। 2020 में मैंने मध्य प्रदेश छोड़ कर रेलवे जॉइन कर लिया। फिर रेलवे से अंडर-25 खेला। फिर विजय हजारे और मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेला। फिर पिछले साल पंजाब के साथ जुड़ा। यहां तक का सफर काफी लंबा रहा, पर मैं खुश हूं। धवन ने मुझे मानसिक रूप से मजबूत बनने में मदद की
आशुतोष ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा- केविन पीटरसन और शिखर धवन का मेरे करियर में अहम रोल रहा है। धवन हमेशा मुझे विनम्र रहने के लिए कहते हैं। उन्होंने मुझे टेक्नीक के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया, लेकिन लाइफ, मेंटल फिटनेस और गेम को लेकर अप्रोच पर उनके सबक ने मेरी लाइफ को बहुत बदल दिया। उनसे इंस्पायर होकर मैंने टेक्नीक नहीं बल्कि मेंटैलिटी पर काम किया है। वहीं दिल्ली के मेंटॉर केविन पीटरसन के साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता है और जब भी वे नेट सेशन के दौरान कुछ साझा करते हैं, तो यह वास्तव में अच्छा लगता है, क्योंकि वे इतने शानदार खिलाड़ी रहे हैं। अगर वे हमारे साथ अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हैं तो यह हमेशा अच्छा होता है। उनसे कोई भी सवाल पूछना वास्तव में अच्छा लगता है। धोनी से भी बल्लेबाजी को लेकर मिली थी टिप्स
आशुतोष ने कहा, ‘पिछले साल IPL में पंजाब किंग्स और चेन्नई के खिलाफ मैच में मैं धोनी से मिला था। मैंने उनसे मैच की सिचुएशन के बारे में बात की थी। मैंने उनसे बल्लेबाजी और उनकी सोच के बारे में पूछा था। उन्होंने मुझे बहुत सी बातें बताईं। जिसे मैं यहां नहीं बताना चाहता।’ स्पिनर्स के खिलाफ नेट पर ज्यादा बल्लेबाजी करते हैं
आशुतोष ने कहा, ‘मैं नेट पर स्पिनर्स के खिलाफ ज्यादा खेलता हूं। मुझे लंबे समय तक बल्लेबाजी करना पसंद है। इसलिए जब भी मुझे नेट पर मौका मिलता है, मैं लंबे समय तक बल्लेबाजी करना पसंद करता हूं। स्पिनर्स का सामना करने के लिए मुझे उनके खिलाफ अलग से प्रैक्टिस करना पसंद है। लखनऊ के खिलाफ मैच में मेरी कोशिश यह था कि मैं अपनी तरफ आने वाली हर गेंद को हिट करूं।’