कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के लिए मई महीने में जापान के लोग घरों में ही रहे थे। इस कारण वहांमई महीने में घरेलू खर्च कम हो गया है। सरकारी डाटा के मुताबिक, जापान में एक साल पहले की अवधि के मुकाबले मई 2020 में घरेलू खर्च में 16.2 फीसदी की गिरावट आई है। 2001 में इस डाटा की तुलना शुरू होने के बाद अब तक घरेलू खर्च में गिरावट की दर सबसे ज्यादा रही है।
मांस, अल्कोहल और फेस मास्क पर खर्च बढ़ा
सरकारी डाटा के मुताबिक, मई महीने में होटल, ट्रांसपोर्ट और बाहर खाने पर खर्च में सबसे ज्यादा गिरावट रही हैं। हालांकि, लोगों ने मांस, अल्कोहल और फेस मास्क जैसी चीजों पर खर्च बढ़ाया है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि मई में देशव्यापी एमरजेंसी खत्म होने के बावजूद लोग अपना पर्स खाली नहीं करना चाहते हैं। इस कारण घरेलू खर्च बढ़ने की रिकवरी धीमी रहेगी। छंटनी ज्यादा होने के कारण आने वाले महीनों में भी घरेलू खर्च कमजोर रहने का आउटलुक जारी किया गया है।
रियल वेज में पांच साल में बड़ी गिरावट
जापान में रियल वेज में पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इससे पता चलता है कि जॉब मार्केट पर कोविड-19 का कैसा प्रभाव रहा है। रियल वेज, घरेलू खर्च का मुख्य मापक है। एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले रियल वेज में 2.1 फीसदी की गिरावट आई है। 2015 से अब तक यह सबसे बड़ी गिरावट है। जापान के श्रम मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि कोरोनावायरस के कारण ओवरटाइम भुगतान में कमी आई है। इससे रियल वेज भी गिरा है। एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले मई 2020 में ओवरटाइम भुगतान में 25.8 फीसदी की गिरावट रही है।
दूसरे विश्व युद्ध से भी बड़ी मंदी की आशंका
इन दोनों डाटा ने जापान सरकार और केंद्रीय बैंक के सामने नई चुनौतियां पैदा की हैं।इससे जापान में दूसरे विश्व युद्ध के बाद आई मंदी से भी बड़ी मंदी आने की आशंका बन गई है। अर्थशास्त्रियों ने कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट का अनुमान जताया है।
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर का भी पड़ रहा असर
जापान की अर्थव्यवस्था पर अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर, सेल्स टैक्स में होने वाली बढ़ोतरी का दबाव भी दिख रहा है। जापान में सेल्स टैक्स में बढ़ोतरी अक्टूबर से लागू होगी। हाल ही में सरकारी आंकड़ों में अक्टूबर से दिसंबर के मध्य अर्थव्यवस्था में 7.2 फीसदी गिरावट रहने की बात कही गई थी।