सऊदी अरब ने अपने तेल की कीमत घटाई, जून के बाद एशिया के लिए प्राइस में पहली कटौती

सऊदी अरब ने अक्टूबर में बिक्री के लिए अपने तेल की कीमत घटा दी है। इससे यह पता चलता है कि पूरी दुनिया में कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ने से तेल बाजार में हाल में बढ़ी मांग में फिर से कमजोरी आ रही है। इससे पहले इसी साल मार्च में भी सऊदी अरब ने अपने तेल की कीमत घटाकर प्राइस वार शुरू कर दी थी, जिसके बाद क्रूड की वैश्विक कीमत में रिकॉर्ड गिरावट आई थी।

पश्चिमोत्तर यूरोप और मेडिटरेनियन क्षेत्र के लिए भी घटेगी कीमत

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरैमको ने जून के बाद पहली बार एशिया के लिए अपने अरब लाइट की कीमत 1.4 डॉलर प्रति बैरल घटा दी। इसके बाद उसके तेल की कीमत सऊदी अरब द्वारा उपयोग किए जाने वाले बेंचमार्क से 50 सेंट कम हो गई। अरैमको पश्चिमोत्तर यूरोप और मेडिटरेनियन क्षेत्र के लिए भी अपने तेल की कीमत में कटौती करने वाला है।

अमेरिका को सऊदी तेल का निर्यात कई दशकों के निचले स्तर पर

अरैमको ने अमेरिका के भी अक्टूबर में बिकने वाले तेल की कीमत घटा दी। यह अप्रैल के बाद अमेरिका के लिए कीमत में पहली कटौती है। अगस्त में अमेरिका को सऊदी अरब का तेल निर्यात कई दशकों के निचले स्तर पर आ गया था।

लॉकडाउन के कारण पूरी दुनिया में तेल की घट गई है मांग

कोरोनावारयस के कारण पूरी दुनिया में कारोबारी गतिविधियों और सामाजिक जन जीवन पर रोक लगा दिए जाने के कारण इस साल तेल की मांग में भारी गिरावट आई है। सऊदी अरब, रूस और अन्य ओपेक प्लस सदस्यों के बीच अप्रैल में तेल का उत्पादन रोजाना करीब 1 करोड़ बैरल (कुल वैश्विक आपूर्ति का करीब 10 फीसदी) घटाने का समझौता हुआ। इसके बाद क्रूड की कीमत संभली और बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड मार्च के बाद अपने निचले स्तर से दो गुना ज्यादा उछला।

गत सप्ताह क्रूड में तीन महीने की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट

क्रूड अब भी हालांकि इस साल के ऊपरी स्तर से करीब 35 फीसदी नीचे है। शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड 42.66 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। गत सप्ताह इसमें करीब तीन महीने की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई। कोरोनावायरस का संक्रमण अमेरिका और भारत में लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत में रोजाना 90 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं।

जून से अगस्त तक एशिया के लिए बढ़ी थी कीमत

सऊदी अरब जून से अगस्त तक एशिया के लिए कीमत लगातार बढ़ा रहा था। लेकिन एशिया में तेल रिफाइनरीज की और से मांग घटती जा रही है, क्योंकि रिफाइनिंग पर लाभ घटता जा रहा है। एशिया की रिफाइनरीज ने इस साल के शुरू में क्रूड में आई गिरावट के बाद काफी तेल खरीद लिया था। वह भी अब तक बचा हुआ है।

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​​​​​​​अरैमको ने एशिया के लिए अक्टूबर में बिक्री वाले अरब लाइट की कीमत 1.40 डॉलर प्रति बैरल घटाकर सऊदी अरब द्वारा उपयोग किए जाने वाले बेंचमार्क प्राइस से 50 सेंट नीचे कर दी