सोलन-शिमला रेलमार्ग पर दो यात्रियों को लेकर 47 किलोमीटर तक आई 7 डिब्बों वाली हेरिटेज ट्रेन; चंडीगढ़ में 9 ट्रेनों से आए 100 स्टूडेंटस

कालका-शिमला हेरिटेज ट्रेन रविवार को सोलन से शिमला के बीच पांच महीनों बाद चली। 47 किलोमीटर के इस सफर के लिए 7 डिब्बों वाली ट्रेन में मात्र दो सवारियां सवार थीं। जिसमें एक एनडीए का एग्जाम देने जा रहा स्टूडेंट और उसके पिता शामिल थे।

वहीं, दूसरी तरफ एनडीए एग्जाम को लेकर चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर 9 स्थानों से स्पेशल ट्रेनें आईं। जानकारी के अनुसार, इन 9 ट्रेनों में मात्र 100 स्टूडेंट्स आए हैं, जबकि हजारों स्टूडेंट्स के आने की उम्मीद थी। स्टूडेंट्स कोरोना संक्रमण के डर के कारण अपनी-अपनी गाड़ियों से ही सफर कर आए। यही वजह रही कि उन्होंने ट्रेनों को ज्यादा तरजीह नहीं दी।

दो सवारियों को लेकर सोलन से शिमला पहुंची हेरिटेज ट्रेन।

रविवार काे एनडीए की एग्जाम देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित की गई थी। इस एग्जाम को लेकर स्टूडेंट्स को सेफ यात्रा करवाने को लेकर रेलवे की ओर से स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं। सोलन से शिमला एग्जाम देने जाने वाले एक स्टूडेंट्स ने अपने पिता के साथ ट्रेन में सफर किया। इस सफर की सबसे अनोखी बात यह रही कि 7 डिब्बों वाली कालका-शिमला हेरिटेज ट्रैक पर चलने वाली इस ट्रेन में आज यात्रा करने वाले यात्रियों के तौर पर पिता अपने बेटे के साथ मौजूद थे।

एनडीए का एग्जाम देने सोलन से शिमला ट्रेन पर गए स्टूडेंट ने कहा- यात्रा आरामदायक थी।

47 किलोमीटर के इस सफर पर 7 डिब्बों वाली ट्रेन में सफर करने वाले सुशील दत्त बताते है कि एग्जाम देने जाने के लिए सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के लिए ट्रेन का चुनाव किया। उन्होंने कहा कि पांच महीने बाद चली ट्रेन में यात्रा करने का अनुभव ही अलग तरह का था।

शिमला रेलवे स्टेशन के अधिकारियों के अनुसार, आज सोलन से शिमला तक 47 किलोमीटर आई ट्रेन में केवल दो यात्री आए, जबकि इसमें 7 कोच लगे हुए थे।

चंडीगढ़ ट्रेन से मात्र 100 स्टूडेंट्स पहुंचे

रेलवे की ओर से एनडीए एग्जाम को देखते हुए काफी तैयारी की गई थी। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर आज सुबह 9 स्पेशल ट्रेनें आईं। जिसमें मात्र 100 स्टूडेंट्स थे। जबकि, एक ट्रेन में हजार से 15 सौ लोगों को सफर करवाने की क्षमता थी। रेलवे की ओर से पठानकोट, दिल्ली, गुरदासपुर, फरीदकोट, फाजिल्का, भिवानी, सिरसा, सहारनपुर और ऊना से स्पेशल ट्रेनें चलाई थी। इन ट्रेनों में उन्हीं को टिकट दी गई, जिनके पास परीक्षा प्रवेश पत्र था।

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चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर 9 स्पेशल ट्रेनें आईं, जिसमें लगभग 100 स्टूडेंटस आए। बाकी अपनी-अपनी गाड़ियों से परीक्षा देने पहुंचे थे।