मास्क, वैक्सीन, जांच, इन तीनों को लेकर लोगों में मन में कई तरह के सवाल हैं। जिसका जवाब मिलना भी जरूरी है क्योंकि देश में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इससे जुड़े कई सवालों के जवाब में एक्सपर्ट ने दिए। सफदरजंग हॉस्पिटल की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. गीता कमपानी और सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली के डॉ. (लेफ्टिनेंट जनरल) वेद चतुर्वेदी से जानिए कोरोना से जुड़े सवालों के जवाब…
1. क्या कोई भी कोरोना टेस्ट करा सकता है?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने टेस्ट को चार भागों में बांटा है।
- पहला- कंटेनमेंट जोन में जो संक्रमित के संपर्क में आए हैं या जिन्हें पहले से कोई बीमारी है। इनका पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट फिर RT-PCR होगा।
- दूसरा- जो लोग नॉन कंटेनमेंट जोन में हैं, लेकिन संक्रमित के संपर्क में आए हैं। या जो विदेश से आए हैं या स्वास्थ्यकर्मी हैं, इनमें RT-PCR को वरीयता दी जाएगी।कोरोना से जुड़े सवाल और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के जवाब
- तीसरा – वे लोग जिनमें इंफ्लुएंजा के लक्षण हैं, गर्भवती महिलाएं, सर्जरी केस आदि का सीधे RT-PCR टेस्ट होगा।
- चौथा- कोई भी खुद जाकर बिना डॉक्टर के लिखे टेस्ट करा सकता है।
2. क्या डायरिया भी कोरोना के लक्षण में आता है?
कुछ लक्षण ऐसे हैं जो सामान्य लक्षणों से अलग हैं। जैसे पेट दर्द और डायरिया। इसके लक्षण कुछ कोरोना मरीजों में पाए गए हैं। अगर डॉक्टर कोरोना का खतरा जता रहे हैं तो तुरंत जांच कराएं।
3. महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु में मृत्यु दर ज्यादा क्यों है?
मृत्यु दर का किसी स्थान से कोई लेना-देना नहीं है। वायरस कितनी जल्दी शरीर में फैलेगा, यह वायरस के स्ट्रेन पर निर्भर करता है। दूसरी बात, इंसान की इम्युनिटी कैसी है और वायरस के शरीर में पहुंचने पर शरीर कैसे रिएक्ट करता है। इसके लिहाज से कुछ लोग एसिम्प्टोमैटिक होते हैं तो कुछ लोगों में वायरस गंभीर रूप ले लेता है।
4. WHO ने कहा है कि अगले वर्ष जून तक प्रभावी वैक्सीन आने की संभावना है, इसे कैसे समझें?
दुनिया के कई देशों में वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं। बहुत सारी वैक्सीन फेज थ्री के ट्रायल में हैं। अब यह देखना है कि ये लोगों पर कैसे असर करती है। लोगों को वायरस से कितने दिन तक सुरक्षित रखती है। वैक्सीन सभी जरूरी चरणों से गुजरने के बाद ही बाजार में लाई जाएगी। यानी जिस वैक्सीन में जितना समय लगेगा वो उतनी ही कारगर होगी।
5. कुछ लोग एक ही मास्क को हमेशा लगाते रहते हैं, क्या यह सही है?
अगर किसी के पास कॉटन का मास्क है, तो उसे बार-बार धोकर लगाने में कोई परेशानी नहीं है। लेकिन अगर सर्जिकल मास्क या डिस्पोजेबल मास्क है तो उन्हें एक बार प्रयोग करके नष्ट कर देना चाहिए। इन्हें दोबारा नहीं इस्तेमाल करना चाहिए।
6. क्या देश में कोरोना का पीक आ चुका है?
100 साल पहले स्पैनिश फ्लू दो साल चला था। इसलिए ये मान कर चलना है कि ये महामारी भी लंबी चलेगी। बीमारी का पीक, वायरस के स्ट्रेन, आदि सब रिसर्च के लिए हैं। आम लोगों को बस बचाव करने के बारे में सोचना चाहिए। अगर मास्क लगा कर रहेंगे, हैंड हाइजीन और सोशल डिस्टेंसिग रखेंगे तो ही बचे रहेंगे। अगर संक्रमित हो भी गए तो शरीर में वायरस लोड कम रहेगा। ऐसे लोग जल्दी ठीक हो जाते हैं।
7. क्या मास्क वायरस को रोकने में सक्षम नहीं है?
कॉटन मास्क, सर्जिकल मास्क और एन95 मास्क वायरस से कितना सुरक्षित रखता है, इस पर बहुत गहन अध्ययन किया जा चुका है। अगर मास्क सुरक्षा नहीं देता तो इसे लगाने के लिए क्यों कहा जाता। भारत में ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया में मास्क लगाने को कहा जा रहा है। सोशल मीडिया पर अफवाहों पर मत जाएं।
8. अगर वायरस के स्ट्रेन बदल रहे हैं तो वैक्सीन कैसे काम करेगी?
पूरी दुनिया में अलग-अलग देश वैक्सीन बना रहे हैं। खास बात ये है कि कोरोना विश्व के सभी देशों में है और उन देशों में भी म्यूटेट हुआ है। सभी उसी के आधार पर वैक्सीन बना रहे हैं। वैज्ञानिकों को पता है कि वायरस का म्यूटेशन हो सकता है, इसलिए इसके बारे में सोच कर तनाव न लें। अगर भारत या दुनिया में कहीं भी वैक्सीन आ जाती है, तो भारत के पास क्षमता है कि वह अपने नागरिकों तक वैक्सीन पहुंचा सकता है।