वर्क फ्रॉम होम करने वाले ज्यादातर लोग पीठ के दर्द से जूझ रहे हैं। लगातार एक ही जगह पर बैठे रहने के कारण खाना पचने में दिक्कतें हो रही हैं। योग से इसमें सुधार किया जा सकता है। व्रजासन से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के साथ पैरों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाया जा सकता है। योग विशेषज्ञ डॉ. नीलोफर बता रही हैं इसे करने का सही तरीका और इस योग के 5 बड़े फायदे…
ऐसे करें वज्रासन
- इस आसान को ध्यान मुद्रा में किया जाना चाहिए। ध्यान मुद्रा में इस आसान का अभ्यास करते हुए अपनी आंखें बंद रखें।
- इस आसान को करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों पैरों को सामने की तरफ फैला-कर सीधे बैठें।
- अपने हाथों को कूल्हों के पास रखें और ध्यान रखें शरीर का वज़न आपके हाथों पर न पड़े। इस मुद्रा को दंडासन कहा जाता है।
- अब अपने दाएं पैर को मोड़ें और अपने दाएं कूल्हे के नीचे रखें। अब अपना बायां पैर भी मोड़कर अपने बाएं कूल्हे के नीचे रखें।
- सुनिश्चित करें की आपकी जांघें सटी हुई हों और आपके अंगूठे आपस में जुड़े हुए हों।
- अब अपने हाथों को घुटनों पर रखें, सुनिश्चित करें की आपकी ठोड़ी जमीन से सामानांतर हो।
- अपना मेरुदंड सीधा रखें और अपने शरीर को ढीला छोड़ दें। अब सामान्य रूप से सांस लें और कुछ देर तक आराम से रहें।
- कुछ देर वज्रासन में रहने के बाद अपने शरीर को दाईं ओर झुकाते हुए अपने बाएं पैर को सीधा कर लें।
- अब अपने शरीर को बाईं ओर झुकाते हुए अपने दाएं पैर को भी सीधा कर पुनः दण्डासन की मुद्रा में विश्राम करें।
योग विशेषज्ञ डॉ. नीलोफर से जानिए इसके फायदे-
- पाचन क्षमता बढ़ाता है : वज्रासन आपकी पाचन क्रिया को बढ़ाकर पाचन क्षमता में सुधार लाता है।
- पैर को बनाता है मजबूत : यह आसान पैरों की नसों को मज़बूत बनाकर जांघों और पिंडलियों को भी मज़बूती प्रदान करता है।
- सुधारता है बॉडी पॉश्चर : यह रीढ़ की हड्डी को दृढ़ता प्रदान कर उसे सीधा रखने में सहायता करता है।
- दूर करता है पीठ दर्द : इस आसन को नियमितरूप से करने पर पीठ दर्द और सायटिका की परेशानी से राहत मिलती है।
- सावधानी: अगर घुटनों में दर्द या टखने में चोट है तो यह आसन न करें। जिन लोगों को बवासीर की शिकायत है वह वज्रासन न करें।