सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की गाइडलाइन को क्रियान्वित करने के लिए नगर निगम एक्शन मोड में आ गया है। कूड़ा पैदा करने वाले संस्थानों को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। ऐसे संस्थानों को गुरुवार से नोटिस भेजना शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद नगर निगम की टीम संस्थानों की रेंडम चेकिंग करेगी। इस दौरान यदि कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं मिली तो उक्त संस्थान पर 25 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
निगम अधिकारियों की मानें तो यह पूरी कवायद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर की जा रही है। एनजीटी ने वर्ष 2019 में ही संस्थानों को कंपोस्ट मशीन लगाकर कूड़ा निस्तारण करने का आदेश दिया था। निगम सूत्रों की मानें तो बड़ी संख्या में रेस्टोरेंट और कैंटीन संचालक अपने यहां निकलने वाले कूड़े का प्रॉपर निस्तारण करने के बजाय शहर के खाली स्थानों पर इधर-उधर फेंक रहे हैं। इससे गंदगी फैल रही है। निगम प्रशासन अब ऐसे लोगों पर पूरी तरह से शिकंजा कसने की तैयारी में है।
एनजीटी ने 2019 में संस्थानों को कंपोस्ट मशीन लगाने आदेश दिया था
ये कहलाते हैं बल्क जेनरेटर्स
निगम अधिकारियों के मुताबिक जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से रोज 50 किलो से अधिक कूड़ा जेनरेट होता है उन्हें बल्क जेनरेटर्स कहा जाता है। निगम अधिकारियों की मानें तो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की गाइडलाइन में साफ है कि इन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अपने यहां कूड़ा कलेक्शन और उसके निस्तारण की व्यवस्था खुद करनी होगी। निगम ऐसे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से कूड़ा कलेक्ट नहीं करेगा।
25 हजार रुपए तक किया जाएगा जुर्माना
निगम कमिश्नर का कहना है कि संस्थानों को इसलिए समय दिया गया है ताकि वे कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था समय पर कर लें। 15 दिन के बाद निगम की टीम किसी भी समय किसी भी इलाके में उक्त संस्थानों की जांच कर सकती है। यदि इस दौरान कूड़ा निस्तारण करने की व्यवस्था नहीं पाई गई तो संबंधित संस्थानों पर कम से कम 25000 रुपए तक जुर्माना किया जाएगा। इसमें किसी प्रकार की सिफारिश और छूट नहीं मानी जाएगी।
नगर निगम इन संस्थानों ने जारी किया है निर्देश
कमिश्नर डॉ. यश गर्ग के मुताबिक निगम सीमा क्षेत्र में स्थित होटल, रेस्टोरेंट, स्कूल, कॉलेज, कैंटीन, अस्पताल व नर्सिंग होम, आरडब्ल्यूए, मार्केट एसोसिएशन, फैक्टरी, कैंटीन, विवाह स्थल आदि को निर्देश जारी कर कहा गया है कि वे अपने यहां उत्पन्न होने वाले कूड़े का निस्तारण स्वयं करें। कंपोस्ट मशीन लगाएं ताकि कूड़ा बाहर न आए। कमिश्नर ने कहा उक्त संस्थानों को अपना कूड़ा निस्तारण करना अनिवार्य है। इसमें अब किसी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी। कमिश्नर ने कहा संस्थानों को कूड़ा निस्तारण करने की व्यवस्था बनाने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। इसके बाद सख्ती बरती जाएगी।
सर्वे में 881 संस्थान चिह्नित किए गए हैं:
निगम सूत्रों के अनुसार एनजीटी के आदेश पर वर्ष 2019 में निगम ने पूरे शहर में एक सर्वे किया था। इसमें 881 ऐसे संस्थान पाए गए थे जिनके यहां बल्क वेस्ट पाया जाता है। इनमें से अभी तक महज 61 संस्थान ने ही अपने यहां कंपोस्ट मशीन लगाकर कूड़े का निस्तारण कर रहे हैं। निगम अधिकारियों ने यह भी बताया कि कंपोस्ट मशीन लगाने के लिए पांच कंपनियों को अधिकृत किया गया है। उनके नंबर पर संपर्क कर मशीन लगा सकते हैं।