पूरा जीएसटी कंपनसेशन नहीं मिला तो खर्च में 3.4 लाख करोड़ रुपए की कमी कर सकते हैं राज्य

चालू वित्त वर्ष में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) से जुड़ा पूरा कंपनसेशन नहीं मिलता है तो राज्य चालू वित्त वर्ष में खर्च में महत्वपूर्ण कटौती कर सकते हैं। यह कटौती 1 से 3.4 लाख करोड़ रुपए तक की हो सकती है। इस कटौती से वित्त वर्ष 2021 में राज्यों का फिस्कल डेफिसिट ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक का 4.25 फीसदी से 5.52 फीसदी तक हो सकता है। निवेश से जुड़ी सेवाएं देने वाली एजेंसी इक्रा की राज्य सरकारों के वित्त से जुड़ी नई रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

2.35 लाख करोड़ रुपए के शॉर्टफॉल का अनुमान

चालू वित्त वर्ष में राज्यों को 3 लाख करोड़ रुपए का कंपनसेशन दिए जाने का अनुमान है। इसमें से 65 हजार करोड़ रुपए का भुगतान सेस से मिलने वाले रेवेन्यू से किया जा सकता है। ऐसे में चालू वित्त वर्ष में 2.35 लाख करोड़ रुपए के शॉर्टफॉल का अनुमान जताया जा रहा है। इसके उलट इक्रा ने कहा है कि जीएसटी कंपनसेशन और सेस कलेक्शन सरकारी अनुमान से ज्यादा हो सकता है। इक्रा के मुताबिक, यह 2.92 लाख करोड़ रुपए तक हो सकता है।

सरकार ने राज्यों को दिए हैं दो विकल्प

जीएसटी कंपनसेशन में आए गैप से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को दो विकल्प दिए हैं। इसमें पहला विकल्प यह है कि केंद्र उधार लेकर राज्यों को भुगतान करे। जबकि दूसरा विकल्प यह है कि राज्य खुद आरबीआई से उधार ले लें।

केंद्र से टैक्स ट्रांसफर भी हो सकता है कम

इक्रा ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2021 में राज्यों को मिलने वाला केंद्रीय टैक्स 5 लाख करोड़ रुपए हो सकता है। सरकार की ओर से बजट में निर्धारित किए गए 7.8 लाख करोड़ रुपए से 2.8 लाख करोड़ रुपए कम है। कोरोना के कारण खपत में आई कमी के चलते यह गिरावट हो सकती है।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

चालू वित्त वर्ष में राज्यों को 3 लाख करोड़ रुपए का कंपनसेशन दिए जाने का अनुमान है।