सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) 0.05 फीसदी घटा दी है। यह कटौती सभी अवधि के कर्ज के लिए की गई है। अब एक साल की अवधि वाले कर्ज के लिए MCLR 7.15 फीसदी से घटाकर 7.10 फीसदी कर दी है। नई दरें 15 सितंबर से प्रभावी हो गई हैं। इससे पहले बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक और यूको बैंक ने भी कर्ज की ब्याज दरों में कटौती की है।
ये हैं नई दरें
एक दिन और एक महीने अवधि वाले कर्ज के लिए MCLR कम होकर अब 6.55 फीसदी हो गयी है, जो पहले 6.60 फीसदी थी। बैंक ने 3 महीने और 6 महीने की अवधि के कर्ज पर भी MCLR कम की है। इन अवधियों के लिए अब कर्ज दर क्रमश: 6.85 फीसदी और 7 फीसदी होगी। एक साल की अवधि वाले कर्ज के लिए MCLR 7.15 फीसदी से घटाकर 7.10 फीसदी कर दी है।
कई बैंक कर चुके हैं कटौती
बैंक ऑफ महाराष्ट्र
बैंक ने एक साल के कर्ज पर MCLR 7.40 फीसदी से घटाकर 7.30 फीसदी कर दी है। वहीं 6 महीने के कर्ज पर MCLR 7.30 फीसदी से 7.25 फीसदी कर दी है। बैंक की नई दरें सोमवार से लागू हो गई हैं। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने एक दिन, एक माह और तीन माह के कर्ज के लिए MCLR संशोधित कर क्रमश: 6.80 फीसदी, 7 फीसदी और 7.20 फीसदी किया है।
इंडियन ओवरसीज बैंक
इंडियन ओवरसीज बैंक ने सभी अवधि के कर्जों के लिए MCLR में 0.10 फीसदी की कटौती की है। बैंक की एक साल के कर्ज की MCLR 7.55 फीसदी कर दी है। इसके अलावा 3 माह और 6 माह की MCLR घटा कर क्रमश: 7.45 फीसदी और 7.55 की गई है। बैंक की नई दरें 10 सितंबर से प्रभावी होंगी।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपने MCLR में 0.05 फीसदी की कटौती की है। नई दरें शुक्रवार से प्रभावी हो गई है। बैंक ने गुरुवार को बताया कि एक वर्ष की अवधि वाले कर्ज पर MCLR 7.25 फीसदी से घटाकर 7.20 फीसद कर दिया गया है। इसी तरह एक दिन और एक महीने की अवधि के कर्ज पर कटौती के बाद ब्याज दर 6.75 फीसदी हो गई है।
यूको बैंक
यूको बैंक ने भी एमसीएलआर 0.05 अंक कम कर दी है। बैंक ने अपने बयान में कहा कि इसके बाद एक साल की अवधि वाले कर्ज पर यह मानक दर 7.40 फीसदी से घटकर 7.35 फीसदी हो गई है। यह कटौती अन्य सभी अवधि के कर्जों पर भी समान रूप से लागू होगी।
MCLR क्या है?
बैंक 2016 से मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिग रेट्स (MCLR) के आधार पर कर्ज दे रहे हैं। जब आप किसी बैंक से कर्ज लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है। इसी आधार दर की जगह पर अब बैंक MCLR का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी गणना बैंक के संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है। बाद में इस गणना के आधार पर लोन दिया जाता है। यह आधार दर से सस्ता होता है।