28 साल की संजू रानी वर्मा ने अपने घर वालों का विरोध करके घर छोड़ा। वे ये जानती थीं कि अगर अपने घर में रहीं तो परिवार के लोगों द्वारा की गई शादी की जिद के सामने कभी अपने सिविल सर्विसेस में सफल होने के लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकेंगी। 2013 में संजू की मां के गुजर जाने के बाद उन पर भी शादी का दबाव बनाया जाने लगा।
संजू का जन्म ऐसे परिवार में हुआ, जहां लड़कियों की पढ़ाई को महत्व नहीं दिया जाता है। इसी सोच की वजह से उनकी बड़ी बहन की शादी इंटर पास करने के बाद ही कर दी गई थी। जैसे ही उन्होंने इंटर पास किया तो घरवाले संजू को भी आगे पढ़ने से मना करने लगे।

संजू कहती हैं ”मेरे घर छोड़ने के फैसले से परिवार के सभी लोग नाराज थे। लेकिन मेरे पीसीएस ऑफिसर बनने से अब ये लोग खुश हैं। मैं जानती हूं कि परिवार के प्रति मेरी क्या जिम्मेदारी है। अब मैं अपने परिवार को हर तरह से सपोर्ट करूंगी। लेकिन मुझे समाज द्वारा लड़कियों के लिए बनाया गया ये दबाव कभी समझ में नहीं आता। लोग कहते हैं लड़कियों को पढ़ाओ मत, बड़े होते ही शादी कर दो। क्या ये सही है”?
अपना घर छोड़ने से पहले संजू ने मेरठ के आर डी डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था। उसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उसी दौरान घर के लोगों ने संजू को अपनी फैमिली लाइफ या करिअर में से किसी एक को चुनने पर मजबूर किया।
ऐसे हालातों में पढ़ाई की खातिर संजू को अपना घर छोड़ने का कोई अफसोस नहीं है। घर से बाहर रहते हुए संजू ने कभी ट्यूशन पढ़ाई तो कभी प्रायवेट जॉब की। पिछले हफ्ते संजू ने पब्लिक सर्विस कमिशन एग्जाम क्लियर की है। फिलहाल संजू आईएएस की तैयारी कर रही हैं। वे चाहती हैं कि एक दिन वे मेरठ में ही कलेक्टर बनें।