भविष्यपुराण, पद्म पुराण और महाभारत के मुताबिक अभ्यंग स्नान करने से उम्र बढ़ती है। अभ्यंग यानी तेल में औषधियों को मिलाकर मालिश करें और फिर नहाना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मीजी सहित, यमराज और अन्य देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। विद्वानों का कहना है कि ऐसा करने से शरीर की गंदगी दूर होती है। आयुर्वेद का कहना है कि सरसों के तेल की मालिश करने से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। महाभारत में कहा गया है कि सोम, मंगल, बुध और शनिवार को तेल मालिश करना फायदेमंद होता है।
- इसके अलावा पूजा-पाठ और विशेष इच्छाएं पूरी करने के लिए भगवान भैरव, शनिदेव और हनुमानजी के मंदिर में तेल का दीपक लगाया जाता है। इसके साथ ही यमराज की प्रसन्नता के लिए घर की देहली पर भी सरसों के तेल का दीपक लगाया जाता है। इस परंपरा के पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से घर में रहने वाले लोगों की उम्र बढ़ती है, साथ ही बीमारियां और परेशानियां भी दूर हो जाती है।
महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है कि
तैलाभ्यां गे रवौ ताप: सोमे शोभा कुजे मृति :।
बुधेधनं गुरौ हानि: शुझे दु:ख शनौ सुखम्॥
अर्थ – रविवार को तेल मालिश करने से ताप यानी गर्मी संबंधी रोग हो सकते हैं, सोमवार को शरीर के सौन्दर्य में वृद्धि होती है, मंगलवार को तेल मालिश करने से मृत्यु भय दूर होता है, बुधवार को धन संबंधी कामों में लाभ मिल सकते हैं, गुरुवार तेल मालिश करने से हानि के योग बनते हैं, शुक्रवार को दु:ख और शनिवार को मालिश करने से सुख मिलता है।
व्यवस्थित होता है रक्त संचार
1 शरीर पर सरसों तेल से मालि श करने से रोम छिद्र खुले रहते हैं। तेल मालि श से हमारे शरीर का रक्त संचार भी व्यवस्थित चलता रहता है।
3 इसमें ओलिक एसिड और लीनोलिक एसिड पाया जाता है, जो बालों को बढ़ाने के लिए अच्छे होते हैं। यह बालों की जड़ों को पोषण देता है।
2 सरसों के तेल की मालिश करने से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह शरीर में गर्माहट पैदा करने में भी मददगार होता है।
4 इसमें विटामिन ई भी अच्छी मात्रा में होता है, जो त्वचा को अल्ट्रावाइलेट किरणों और प्रदूषण से बचाता है।