तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानिस्वामी ने 13 तरह की ऑटो रिक्शा को हरी झंडी दिखाई। इन ऑटो रिक्शा में सीसीटीवी कैमरा, पैनिक बटन और जीपीएस फैसिलिटी उपलब्ध है। इससे 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इन ऑटो रिक्शा को चलाने वालों में सबसे अधिक महिलाएं हैं।
इस तरह के इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा को एम-ऑटोज नाम दिया। इसे एम-ऑटो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी द्वारा बनाया गया है। एम-ऑटोज नामक इलेक्ट्रॉनिक ऑटो-रिक्शा के इन 13 वेरिएंट्स को हरी झंडी दिखाते हुए, राज्य सरकार ने 2019 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जो कि ऑटो-रिक्शा को पेट्रोल में परिवर्तित करने पर आधारित था। इसके अंतर्गत पेट्रोल से चलने वाले ऑटो रिक्शा को बिजली से चलने वाले ऑटो रिक्शा में परिवर्तित किया गया। इसकी लॉन्चिंग 21 सितंबर को हुई।

इन ऑटो की स्पीड 70 किमी/घंटा है। पेट्रोल और डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा से प्रदूषण ज्यादा होता है जिसे कम करने के लिए बिजली से चलने वाले ऑटो रिक्शा को लॉन्च किया गया है। इसे एक घंटे चार्ज करने पर यह 100 किमी तक चल सकती है। इसमें एक ड्राइवर और तीन लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
हमारे देश में पिछले कुछ सालों के अंदर महिला ड्राइवर की संख्या तेजी से बढ़ी है। रोड़ ट्रांसपोर्ट ईयरबुक 2015-16 के अनुसार 17.73 % महिलाएं ड्राइविंग कर रही हैं। महिलाओं को प्रमोट करने के लिए एम-ऑटो में भी ड्राइवर के तौर पर महिला ड्राइवरों को नियुक्त किया गया है।
तिरुवनंतपुरम स्मार्ट सिटी ने बीपीएल का फायदा पाने वाली 30 महिलाओं को 14 ई-रिक्शा दिए हैं। इनके सभी वाहनों में जीपीएस लगाया गया है।
इस साल फरवरी में पुणे ने अपनी पहली 100 महिला ऑटो ड्राइवरों का स्वागत किया। वहां के निग्दी इलाके में भक्ति शक्ति चौक पर महिलाओं के लिए एक ऑटो-स्टैंड भी बनाया गया है जिसे क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले ऑटो रिक्शा स्टैंड नाम दिया।