रविवार को इमरान खान सरकार के खिलाफ ऑल पार्टी कॉन्फ्रेंस करने वाले पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। इस गठबंधन के एक अहम नेता मौलाना फजल-उर-रहमान को एंटी करप्शन यूनिट नेशनल अकांटेबिलिटी ब्यूरो (नैब) ने पूछताछ के लिए तलब कर लिया है। मौलाना पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगाए गए हैं। उन्हें 1 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
मौलाना पर भ्रष्टाचार के आरोप
‘द डॉन’ न्यूज के मुताबिक, मौलाना फजल-उर-रहमान पर नैब ने भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगाए हैं। नैब प्रधानमंत्री इमरान खान के मातहत काम करती है। मौलाना दूसरी बार सरकार के खिलाफ आंदोलन करने जा रहे हैं। पिछले साल भी उन्होंने इमरान सरकार के खिलाफ मार्च निकाला था। लेकिन, आखिरी वक्त पर इसे रोक दिया था। तब कहा गया था कि फौज को दबाव में उन्होंने मार्च वापस लिया। लेकिन, इस बार मौलाना के साथ नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो की भी पार्टियां हैं।
1 अक्टूबर को पेश होने का आदेश
मौलाना को भेजे समन में उन्हें 1 अक्टूबर को जांच एजेंसी के इस्लामाबाद स्थित दफ्तर में पेश होने को कहा गया है। उन्हें बयान दर्ज कराना होगा और इसके बाद अफसर उनसे पूछताछ करेंगे। जवाब से संतुष्ट न होने पर उनकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है। ऐसा दो पूर्व प्रधानमंत्रियों शाहिद खकान अब्बासी और यूसुफ रजा गिलानी के साथ हो चुका है।
लेकिन, आंदोलन जारी रहेगा
विपक्ष ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) बनाया है। एक बैनर तले तमाम विपक्षी नेता सरकार के इस्तीफे की मांग करेंगे। 1 अक्टूबर से आंदोलन शुरू होगा। जनवरी में इस्लामाबाद तक मार्च निकाला जाएगा। विपक्ष आईएसआई के पूर्व चीफ और वर्तमान में सीपैक के चेयरमैन आसिम सलीम बाजवा के इस्तीफे की मांग कर रहा है। उन पर लाखों डॉलर की विदेशी कंपनियों का मालिक होने के आरोप हैं। बाजवा इमरान के सलाहकार पद से इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन सीपैक चेयरमैन पद पर बने हुए हैं।