यूएन में तुर्की की ओर से कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर भारत ने नाराजगी जाहिर की है। तुर्की के राष्ट्रपति रेजेप तैयप एर्दोआन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा(यूएनजीए) के 75 वें सेशन में यह मुद्दा उठाया था। इस पर यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया- हमने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारे में तुर्की के राष्ट्रपति का बयान देखा है। यह भारत के अंदरूनी मामलों में बड़ी दखलअंदाजी है। ऐसी बातें मानने योग्य नहीं है। तुर्की को दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्मान करना सीखना चाहिए। वे अपनी नीतियों पर गहराई से गौर करें।
एर्दोआन ने मंगलवार को यूएन में कश्मीर के मुद्दे को ज्वलंत बताया था। उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की आलोचना करते हुए कहा था कि इससे समस्या और गंभीर हो गई है। दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए कश्मीर का मामला बेहद अहम है। इसे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए।
15 सितंबर से शुरू हुआ है यूनजीए सेशन
यूएनजीए का 75वां सेशन इस साल महामारी को देखते हुए ऑनलाइन हो रहा है। इसकी शुरुआत 15 सितंबर से शुरू हुई है। दुनियाभर के नेता इसमें अपना भाषण रिकॉर्ड करके भेज रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण 24 सितंबर को होगा। इसके एक दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का भाषण होगा। पाकिस्तान कई बार यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठा चुका है।
पिछले सेशन में चार देशों ने कश्मीर मुद्दा उठाया था
यूएनजीए के पिछले सेशन में चार देशों ने कश्मीर मुद्दा उठाया था। इनमें पाकिस्तान, चीन, मलेशिया और तुर्की शामिल है। इन देशों ने कश्मीर में मानवाधिकार का उल्लंघन होने की बात कही थी। हालांकि, यूनजीए के कई सदस्य देशों ने इसे भारत और पाकिस्तान का अंदरूनी मामला बताया था।
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