अमेरिका में जल्द ही वीजा संबंधी नए नियम लागू हो सकते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के इसके लिए नया प्रस्ताव तैयार किया है। छात्र, शोधकर्ताओं और पत्रकारों के लिए वीजा कैटेगरी में टाइम लिमिट भी तय किए जाने का प्रस्ताव है। आसान भाषा में समझें तो नए वीजा जारी करते समय ही तय हो जाएगा कि कोई व्यक्ति कितने दिन अमेरिका में कानूनी तौर पर रह सकता है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नए वीजा प्रस्ताव में नेशनल सिक्योरिटी के मुद्दे को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई है।
नए प्रस्ताव में किसी खास देश के लिए नियम तो नहीं हैं, लेकिन चीनी मूल के लोग इसका गलत इस्तेमाल न कर पाएं, इसका जरूर ध्यान रखा गया है।
फिलहाल तीन कैटेगरी के लिए प्रस्ताव
नए वीजा प्रस्ताव में फिलहाल तीन कैटेगरीज को ही शामिल किया गया है। ये हैं- स्टूडेंट्स (एफ), जर्नलिस्ट्स (जे) और रिसर्चर्स (आर)। अप्रवासियों को अपनी तरफ से यह बताना होगा कि वे कितने दिन कानूनी तौर पर अमेरिका में रहना चाहते हैं। इसके बाद संबंधित विभाग उस पर विचार करेगा।
चार साल से ज्यादा का वीजा नहीं होगा
वीजा एप्लीकेंट्स यानी वीजा के लिए आवेदन करने वालों को इसके बारे में पहले की तुलना में ज्यादा विस्तार से जानकारी देनी होगी। प्रस्ताव के मुताबिक, किसी भी हाल में किसी भी व्यक्ति को इन तीन कैटेगरीज में चार साल से ज्यादा का वीजा जारी नहीं किया जा सकेगा। होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट उन देशों के लोगों पर नजर रखेगा जो पहले टाइम लिमिट क्रॉस कर चुके हैं।
क्या है मकसद
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अमेरिकी सरकार के नए प्रस्ताव का मकसद वीजा नियमों और इमीग्रेशन पॉलिसी को बेहतर बनाना है। साथ ही उन लोगों को पहचान करना भी है जो वीजा नियमों का गलत इस्तेमाल करते हैं। इसमें एक खास बात है। अगर कोई व्यक्ति ऐसे देश से आता है जिसे अमेरिकी सरकार आतंकवाद का समर्थक मानती है तो उसकी वीजा अवधि दो साल से कम की जा सकती है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद छात्रों को 60 के बजाए 30 दिन में ही देश छोड़ना होगा। पिछले साल स्टूडेंट्स कैटेगरी में 10 लाख एडमिशन प्रपोजल आए थे।