मई और अगस्त के बीच चुनिंदा कैटेगरी के प्रोडक्ट्स की बिक्री में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। इसमें स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अप्लाएंस की बिक्री शामिल है। इसकी सेल प्री-कोविड स्तर से ज्यादा है। वहीं फैशन और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स की सेल में 53 फीसदी गिरावट देखने को मिली है। इस दौरान ई-कॉमर्स कारोबार भी बढ़ा है।
फैशन और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स की सेल घटी
मार्केट रिसर्च कंपनी नेल्सन की रिपोर्ट के मुताबिक मिड रेंज स्मार्टफोन यानी जिनकी कीमत 15 हजार रुपए से अधिक है, उनकी बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिली है। इसके अलावा मई से अगस्त के बीच ऑनलाइन सेल के चलते इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अपलायंसेज की बिक्री भी बढ़ी है, जो प्री-कोविड के स्तर से 26 फीसदी ज्यादा है। इस दौरान फैशन और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स की सेल में भारी गिरावट आई है। रिपोर्ट के मुताबिक विक्रेताओं ने इस सेगमेंट पर कम खर्च किया है।
ई-कॉमर्स सेल 71 फीसदी अधिक
प्री-कोविड स्तर के मुकाबले अगस्त में ई-कॉमर्स सेल 71 फीसदी अधिक है। इसके अलावा प्रत्येक ने औसत खर्च दिसंबर, जनवरी और फरवरी के मुकाबले जुलाई में 17 फीसदी तक बढ़ी है। वहीं, औसत ऑर्डर वैल्यू भी 14 फीसदी बढ़ी है। खरीदे गए आइटम में भी औसतन 23 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर शॉपिंग की फ्रीक्वेंसी समान रही। ई-कॉमर्स बिक्री में मोबाइल और असेसरीज की हिस्सेदारी 48 फीसदी, फैशन की 18 फीसदी, अप्लाएंस 17 फीसदी और एफएमसीजी प्रोडक्ट्स की 12 फीसदी की रही।
जबकि हेल्थ और हाइजीन सेगमेंट में विक्रेताओं की संख्या बढ़ी है। पिछले कुछ महीनों में स्नैक्स, चॉकलेट और कॉस्मेटिक सहित स्किन केयर, लिपस्टिक और फ्रेगनेंस कैटेगरीज में भी सेलर्स की संख्या में थोड़ी बढ़ी है। इसके अलावा होम कुकिंग, केचप, जैम, चीज और मिल्क पाउडर की बिक्री भी बढ़ी है।
लॉकडाउन के दौरान एफएमसीजी प्रोडक्ट्स की बिक्री
नेल्सन ने अपने पांचवे एडिशन की रिपोर्ट में कहा कि लॉकडाउन के दौरान एफएमसीजी प्रोडक्ट्स की बिक्री बड़े शहरों में सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है, हालांकि ग्रामीण इलाकों में रिटेल बिक्री 40 फीसदी तक रही यानी बेहद कम प्रभावित हुई। इससे एफएमसीजी कंपनियां अब गांवों की तरफ फोकस कर रही हैं। ई-कॉमर्स बिक्री में एफएमसीजी की हिस्सेदारी करीब 3 फीसदी की रही। इससे पहले जुलाई में नेल्सन ने कहा था कि भारत में ब्रांडेड एफएमसीजी इंडस्ट्री को ग्रोथ रेंज फ्लैट रहेगा, जो -1 से +1 फीसदी के बीच रह सकती है।