भारत की टेलीकॉम कंपनियां 5जी सेवाएं देने के लिए एक कदम और आगे बढ़ गई हैं। टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने देश में 5जी ट्रायल में उपकरण खरीदने के लिए अपने पसंदीदा साझेदारों का चयन कर लिया है। इसकी जानकारी डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (डीओटी) को सौंप दी है।
चीनी कंपनियों से बनाई दूरी
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कारोबार कर रही टेलीकॉम कंपनियों ने 5जी ट्रायल के लिए चीनी कंपनी हुवावे और जेडटीई से दूरी बना लगी है। ट्रायल के लिए किसी भी टेलीकॉम कंपनी ने इन दोनों चीनी कंपनियों का नाम साझेदार के तौर पर पेश नहीं किया है। सभी कंपनियों ने यूरोपीय और अमेरिकी कंपनियों को साझेदार के तौर पर चुना है।
इन कंपनियों के साथ साझेदारी में होगा 5जी ट्रायल
टेलीकॉम कंपनी: रिलायंस जियो
साझेदार: सैमसंग, नोकिया और एरिक्सन।
टेलीकॉम कंपनी: भारती एयरटेल
साझेदार: नोकिया, एरिक्सन।
टेलीकॉम कंपनी: वोडाफोन-आइडिया
साझेदार: नोकिया, एरिक्सन और मेवनीर।
टेलीकॉम कंपनी: बीएसएनएल
साझेदार: सेंटर ऑफ डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सीडीओटी)।
इन शहरों में 5जी ट्रायल करेंगी टेलीकॉम कंपनियां (संभावित लिस्ट)
रिलायंस जियो: महाराष्ट्र के साउथ मुंबई, नवी मुंबई, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लैक्स (बीकेसी), कमोठ और सोलापुर, पुणे, अहमदनगर। दिल्ली के चांदनी चौक और शास्त्री नगर और हरियाणा का डबवाली।
वोडाफोन-आइडिया: गुजरात के गांधीनगर और पेथापुर, पुणे के शारदा सेंटर और नानकेरवाड़ी, दिल्ली।
भारती एयरटेल: कोलकाता और कर्नाटक।
बीएसएनएल ने ट्रायल के लिए चुने शहरों की जानकारी नहीं दी है।
अपनी तकनीक से भी ट्रायल करेगा रिलायंस जियो
रिलायंस जियो ने डीओटी से कहा है कि वो अपनी 5जी तकनीक से भी ट्रायल करेगा। इसके लिए कंपनी ने साउथ मुंबई और नवी मुंबई क्षेत्रों का चयन किया है। इस साल फरवरी में भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा था कि जियो की 5जी तकनीक ट्रायल के लिए तैयार है। मुकेश अंबानी ने कहा था कि जियो ने 5जी तकनीक तैयार करने में चीनी उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया है।
चीनी कंपनियों पर आधिकारिक रूप से रोक नहीं
सरकार ने चीन की टेलीकॉम कंपनियों के 5जी ट्रायल में भाग लेने पर आधिकारिक रूप से रोक नहीं लगाई है। हालांकि, सरकार ने गैर-आधिकारिक रूप से सभी टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वे 5जी ट्रायल में चीनी उपकरणों का इस्तेमाल ना करें। टेलीकॉम कंपनियों की ओर से उपकरण साझेदार चुने जाने के बाद चीनी कंपनियों को ट्रायल के लिए कॉन्ट्रेक्ट लेने में परेशानी हो सकती है।