रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मौद्रिक समीक्षा बैठक (MPC) को टाल दिया है। पहले यह बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच होनी थी। इसकी जानकारी आरबीआई ने सोमवार को दी। सेंट्रल बैंक ने जारी बयान में बैठक टालने की वजह नहीं बताई है। अगली बैठक की नई तारीख जल्द ही घोषित करने की भी बात कही गई है।
रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद कम
जानकारों का मानना है कि इस बार केंद्रीय बैंक के रेपो रेट में बदलाव करने की उम्मीद कम है। इससे पहले अगस्त में आरबीआई ने एमपीसी बैठक के दौरान रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। महंगाई का आंकड़ा ज्यादा होने के कारण आरबीआई ने इसपर काबू पाने के लिए पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। अगस्त में भारत में रिटेल महंगाई की दर 6.69 फीसदी रही थी, जो जुलाई में 6.73 फीसदी थी। बता दें कि आरबीआई ने इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में 1.15 फीसदी की कटौती कर चुका है।
एमपीसी का गठन
केंद्रीय बैंक हर दो महीने पर मौद्रिक नीति की समीक्षा करता है। कमिटी में 6 सदस्य होते हैं। इनमें आरबीआई गवर्नर, डिप्टी गवर्नर और एक एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर के अलावा सरकार की तरफ से नामित तीन सदस्य शामिल होते हैं। सरकार की ओर से नामित तीनों अधिकारियों का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रही है। तीन सदस्यों में चेतन घटे, पमी दुआ और रविंद्र एच ढोलकिया शामिल हैं। एमपीसी का गठन अक्टूबर 2016 में हुआ था।
सरकार ने अभी तक इनके नामित होने वाले सदस्यों को तय नहीं किया है। सरकार द्वारा नामित सदस्यों का कार्यकाल 4 साल का होता है। निर्धारित कार्यकाल को 4 साल से आगे नहीं जा सकता। इससे पहले कोरोना महामारी के बीच आरबीआई के मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग 27 मार्च, 17 अप्रैल और 22 मई को हुई थी। इसमें कर्जदारों को राहत देने के लिए आर्थिक पैकेज का एलान किया गया था।