शोल केसूरमा भोपाली जगदीप ऊर्फसैयद इश्तियक जाफरी बुधवार रात दुनिया से रुखसत हो गए। उनकाजानसे बॉलीवुड में कॉमेडी के उस युग का अंत है जिसे महमूद, जॉनी वाॅकर, केश्टो मुखर्जी,राजेंद्रनाथ और जगदीप जैसे कलाकारों ने जिया था।बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत करने वाले जगदीप ने हिन्दी सिनेमा में तमाम मुश्किलों से ऊपरअपना एक खास मुकाम बनाया।
81 साल की उम्र में भी जगदीप बेहद जिंदादिल से बीमारियों से जूझ रहे थे। कोरोनालॉकडाउन के दौरान वे काफी कमजोर हो गए थे और आखिरकार 8 जुलाई को अपने पीछे 6 बच्चों और नाती-पोतों से भरा परिवार छोड़करदुनिया से कूच कर गए।
जगदीप को बतौर श्रद्धांजलि वो किस्से जो हर मायूसी को जिंदादिली में बदल देते हैं –
पार्टीशन के मारे 8 साल के बच्चे की हिम्मत का जवाब नहीं
29 मार्च 1939 को उस समय के सेंट्रल प्रोविन्स (मध्यप्रदेश)के दतिया में जन्मेंजगदीप का असली नामसैयद इश्तियाक जाफरी था। उनके पिता बैरिस्टर थे। 1947 में देश का बंटवारा हुआ और उसी साल उनके पिता गुजर गए। उनका परिवार दर-दर की ठोकरे खाने लगा। मां जगदीप और बाकी बच्चोंको लेकर मुम्बई चली आई और घर चलाने के लिए एक अनाथ आश्रम में खाना बनाने लगी। जगदीपमां की ये हालत देखकर रोते थे। मां की मदद के लिए उन्होंनेस्कूल छोड़कर सड़क पर साबुन-कंघी और पतंगें बेचना शुरू कर दिया था। एक इंटरव्यू में जगदीप ने अपने बचपन के संघर्ष को याद करते हुए कहा था-मुझे जिंदा रहने के लिए कुछ करना था, लेकिन मैं कोई गलत काम करके पैसा नहीं कमाना चाहता था इसलिए सड़क पर सामान बेचने लगा।
3 रुपए के लालच में फिल्मों में आ गए
इसी बीच बीआर चोपड़ा ‘अफसाना’ नाम की फिल्म बना रहे थे और इसके एक सीन के लिए चाइल्ड आर्टिस्ट्स चाहिए थे। लिहाजा एक्स्ट्रा सप्लायर बच्चों को जमा कर लाया, जिनमें जगदीप भी थे। इस फिल्म में उन्होंने सिर्फ इसलिए काम किया, क्योंकि कंघी बेचकर दिनभर में वो सिर्फ रुपया-डेढ़ रुपयाकमा पाते थे, जबकि अफसाना के सेट पर उन्हें सिर्फ ताली बजाने के 3 रुपए मिल रहे थे।इस तरह सैयद इश्तियाक़ से मास्टर मुन्ना बने और अपने सिने करियर की। जगदीप ने खुद को उस दौर में स्थापित किया, जब जॉनी वॉकर और महमूद की तूती बोलती थी। ख़ैर, बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कई फिल्मों में उन्होंने काम किया, लेकिन बिमल रॉय की ‘दो बीघा ज़मीन’ ने उनको सुर्खियां दिलवाईं।
पंडित नेहरू खुश हुए और पर्सनल स्टॉफतोहफे में दे दिया
साल 1957 में रिलीज हुई एवीएम प्रोडक्शन के बैनर तले बनी डायरेक्टर पीएल संतोषी कीफिल्म हम पंछी एकडाल में 18 साल के युवा जगदीप के काम की बहुत तारीफ हुई थी। फिल्म में उनकी एक्टिंग देखकरभारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू इतने खुश हुए थे कि जगदीप के लिए कुछ दिन तक उन्होंने अपनापर्सनल स्टाफ तोहफे में दे दियाथा।
जब जगदीप से लड़ने पहुंचेअसली सूरमा भोपाली
फिल्म ‘शोले’ का ‘सूरमा भोपाली’ के किरदार की कहानी भी बड़ी रोचक है। दरअसल, ‘सूरमा भोपाली’ का किरदार भोपाल के फॉरेस्ट ऑफिसर नाहर सिंह पर आधारित था। भोपाल में अरसे तक रहे जावेद अख्तर नेनाहर सिंह के किस्से सुन रखे थे। इसलिए जब उन्होंने सलीम के साथफिल्म ‘शोले’ लिखना शुरू किया, जो कॉमेडी का पुट डालने के लिए नाहर सिंह से मिलता किरदार ‘सूरमा भोपाली’ तैयार कर दिया।
फिल्म रिलीज़ हुई और ‘सूरमा भोपाली’ मशहूर हो गए, लेकिन इधर, भोपाल मेंनाहर सिंह का काफी मज़ाक बनने लगा।नाहर सिंह सलीम-जावेद से खफा हो गए। एक तो उनका फिल्म में मज़ाक बनाया, ऊपर से फॉरेस्ट ऑफिसर को लकड़हारा बना दिया। ऐसे में नाहर सिंह सीधे मुंबई पहुंच गए और जगदीप के सामने आकर खड़े हो गए।
इस क़िस्से के बारे में जगदीप ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘फिल्म ‘शोले’ के रिलीज होने के सालभरबाद मैं स्टूडियो में शूटिंग कर रहा था। तभी मेरी नज़र एक आदमी पर पड़ी, वो मुझे घूर रहा था।मैं डर गयाऔरचुपचाप वहां से निकल रहा था, तभी उसने मुझे रोककर कहा-‘कहां जा रहे हो खां। मुझे देखो, मेरा रोल किया है और अब पहचानते भी नहींहो। दो साल का बच्चा भी मेरामजाक बना रहा है।’जगदीप को काफी देर बाद बातसमझ आई, लेकिन वे डर रहे थे कि नाहर सिंह को कैसे समझाया जाए, लेकिन बाद में जॉनी वॉकर ने उनकी मदद की और नाहर सिंह को समझा कर वापस भोपाल भेज दिया।
जगदीप ने की 33 साल छोटी लड़की से तीसरी शादी
जगदीप अपनी तीसरी शादी को लेकर विवादों में घिर गए। दरअसल, मामला यह है कि जगदीप के दूसरे बेटे नावेद को देखनेलड़की वाले आए थे, लेकिन नावेद ने शादी से मना कर दिया। दरअसल, नावेद उस वक्त अपना करिअर बनाने में लगेथे। इस बीच जिस लड़की से नावेद की शादी होन वाली थी, उसकी बहन पर जगदीप का दिल आ गया। उन्होंनेलगे हाथ उसे प्रपोजकर डाला और वो मान भी गई।
उम्र में जगदीप से उनकी तीसरी पत्नी नाज़िमा 33 साल छोटी हैं। मीडिया की सुर्खिया बनीइस शादी से पहली पत्नी सेजगदीप के सबसेबेटे जावेद जाफरी के भी खफा होने की खबरें भी आईं , लेकिन बाद में सब ठीक हो गया। नाजिमा और जगदीप के बेटी का नाम मुस्कान है जो कि अपने कजिन भाई जावेद के बेटे मिजान से सिर्फ 6 महीने छोटी है।