पाकिस्तान में विपक्षी नेताओं पर सरकार की कार्रवाई तेज हो गई है। सोमवार को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ को 700 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में लाहौर हाईकोर्ट की दो सदस्यों वाली बेंच ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
नेशनल अकांउटिबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) ने उन्हें हाईकोर्ट परिसर से ही गिरफ्तार कर लिया। शाहबाज तीन बार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ के भाई हैं। शाहबाज की पार्टी पीएमएल-एन इमरान खान के इस्तीफे की मांग करते हुए अगले महीने से प्रदर्शन शुरू करने वाली थी।
इमरान खान सरकार ने पिछले हफ्ते 69 साल के शाहबाज के और उनके परिवार खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कराया था। शाहबाज 2008 से 2018 तक पाकिस्तान के पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं।
गृह मंत्री ने शाहबाज पर लगाए थे आरोप
प्रधानमंत्री इमरान खान के एडवाइजर और गृह मंत्री शहजाद अकबर ने पिछले हफ्ते शाहबाज पर अपने बेटे हमजा और सलमान के साथ मिलकर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था- शहजाद ने बेटों के साथ मिलकर फर्जी बैंक खातों के जरिए रुपए का गैर कानूनी ढंग से लेन-देन किया।
शाहबाज और उनके बच्चों की कंपनी के कर्मचारियों के खातों से करोड़ों रुपए का लेन देन हुआ। फाइनेंशियल मॉनिटरिंग यूनिट को शाहबाज के खातों से हुए 177 लेन-देन पर संदेह है। इसके बाद एनएबी ने इस मामले की जांच शुरू की थी।
पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ हैं विपक्षी पार्टियां
पाकिस्तान में सरकार में फौज की दखल को लेकर विपक्षी पार्टियों ने आवाज उठाना शुरू कर दिया है। शाहबाज पार्टी की पीएमएल-एन इमरान खान के इस्तीफे की मांग करते हुए अगले महीने से प्रदर्शन शुरू करने वाली थी। इसके साथ ही पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी खुलकर फौज की सियासत में दखलंदाजी का विरोध कर रहे हैं।
इन लोगों के निशाने पर प्रधानमंत्री इमरान खान से ज्यादा आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा हैं। मरियम ने बुधवार को मीडिया से कहा- सियासी या मुल्क से जुड़े मामलों का फैसला संसद में होना चाहिए, आर्मी हेडक्वॉर्टर में नहीं।