अप्रैल से अगस्त तक का वित्तीय घाटा सालभर के डिफिसिट टार्गेट के 109.3% के स्तर पर पहुंचा, लगातार दूसरे माह सालाना लक्ष्य से ज्यादा

केंद्र सरकार का वित्तीय घाटा (फिस्कल डिफिसिट) अगस्त के अंत में लगातार दूसरे महीने सालभर के डिफिसिट टार्गेट से ऊपर रहा। मुख्यत: रेवेन्यू कलेक्शन पर लॉकडाउन के नकारात्मक असर की वजह से देश का वित्तीय घाटा सीमा से ज्यादा बढ़ गया है। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (सीजीए) के आंकड़ों के मुताबिक इस कारोबारी साल में अप्रैल से अगस्त तक जितना वित्तीय घाटा हुआ, वह बजट के अनुमानित सालाना लक्ष्य का 109.3 फीसदी है।

इस कारोबारी साल के पहले 5 महीने में वित्तीय घाटा 8,70,347 करोड़ रुपए रहा। पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में वित्तीय घाटा सालाना बजट अनुमान के 78.7 फीसदी पर था। इस कारोबारी साल का वित्तीय घाटा जुलाई के अंत में ही सालाना लक्ष्य से ज्यादा हो गया था।

जीडीपी के 3.5% के बराबर वित्तीय घाटा का है सालाना लक्ष्य

फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में सरकार ने इस कारोबारी साल के लिए 7.96 लाख करोड़ रुपए (जीडीपी का 3.5 फीसदी) के वित्तीय घाटे का अनुमान रखा था। हालांकि कोरोनावायरस के कारण अप्रत्याशित परिस्थितियां पैदा होने के बाद इन आंकड़ों में बड़े पैमाने पर संशोधन करना पड़ेगा। सरकार आय से जितना ज्यादा व्यय करती है, उसे देश का वित्तीय घाटा कहा जाता है।

पिछले कारोबारी साल में वित्तीय घाटा बढ़कर जीडीपी के 4.6% पर पहुंच गया था

पिछले कारोबारी साल में वित्तीय घाटा बढ़कर जीडीपी के 4.6 फीसदी पर पहुंच गया था। यह सात साल का ऊपरी स्तर है। पिछले कारोबारी साल में भी रेवेन्यू कलेक्शन घटने की वजह से वित्तीय घाटा बढ़ा था। देशव्यापी लॉकडाउन के कारण मार्च में रेवेन्यू कलेक्शन और घट गया था।

बजट अनुमान का 18.3% रहा रेवेन्यू रिसिप्ट, पिछले साल 30.7% था

सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-अगस्त अवधि में सरकार की रेवेन्यू पावती 3,70,642 करोड़ रुपए रही, जो बजट अनुमान का 18.3 फीसदी है। पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में बजट अनुमान के 30.7 फीसदी के बराबर रेवेन्यू कलेक्शन हो गया था।

बजट अनुमान का 17.4% हुआ टैक्स कलेक्शन, पिछले साल की समान अवधि में 24.5% था

पहले 5 महीने में सरकार का टैक्स रेवेन्यू कलेक्शन 2,84,495 करोड़ रुपए या बजट अनुमान का 17.4 फीसदी रहा। पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में बजट अनुमान के 24.5 फीसदी के बराबर टैक्स रेवेन्यू कलेक्शन हुआ था।

कुल रिसिप्ट 3,77,306 करोड़ रुपए, जबकि कुल खर्च 12,47,653 करोड़ रुपए

सरकार का कुल रिसिप्ट बजट अनुमान का 16.8 फीसदी या 3,77,306 करोड़ रुपए रहा। सरकार ने बजट में पूरे कारोबारी साल में 22.45 लाख करोड़ रुपए के रिसिप्ट का अनुमान पेश किया है। अगस्त अंत तक सरकार का कुल खर्च 12,47,653 करोड़ रुपए या बजट अनुमान का 41 फीसदी था। पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में यह बजट अनुमान के 42.2 फीसदी के स्तर पर था।

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पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में वित्तीय घाटा सालाना बजट अनुमान के 78.7% के स्तर पर था