कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यहां के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में बनने वाली देश की दूसरी प्लाज्मा बैंक के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं। यहां 300 यूनिट क्षमता का प्लाज्मा बैंक बनेगा। इसके लिए मेडिकल कॉलेज में पहले से ही प्लाज्मा मशीन उपलब्ध हैं। आईसीएमआर की मंजूरी के बाद चार मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से इलाज भी किया जा चुका है। इलाज के बेहतर रिजल्ट आने के बाद हाल ही में मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। जबकि इस समय दो मरीजों का इलाज चल रहा है।
कोरोना से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए डॉक्टरों व अस्पतालों को मरीज की जरूरत को देखते हुए प्लाज्मा के लिए यहां संपर्क करना होगा। जो व्यक्ति हाल ही में कोरोना के संक्रमण से ठीक हो चुके हैं वे प्लाज्मा दान दे सकते हैं। जो लोग प्लाज्मा दान देंगे उनके बैंक तक आने-जाने का इंतजाम सरकार खुद करेगी। यह देश का दूसरा प्लाज्मा बैंक होगा। इसके बनने के बाद कोरोना के गंभीर मरीजों को प्लाज्मा के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
इसके लिए आईसीएमआर और अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम व पी अमरीश ने ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को मंजूरी भी दे दी है। प्लाज्मा बैंक शुरू करने से पूर्व कॉलेज प्रबंधन एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर) तैयार कर रहा है।
डाक्टरों के अनुसार कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों के शरीर में वायरस के खिलाफ एंटी बॉडी बन जाती है। एंटी बॉडी व्यक्ति के शरीर में रक्त में प्लाज्मा के रूप में मौजूद होती है। कोरोना से ठीक होने वाले व्यक्ति का प्लाज्मा संक्रमित को चढ़ाया जाए तो संक्रमित व्यक्ति में भी एंटी बॉडी बनने लगती है। कोरोना वैक्सीन के बनने तक प्लाज्मा थेरेपी के जरिए ही कोरोना संक्रमित के जीवन को बचाना संभव है। प्लाज्मा बैंक को विकसित करने के लिए एडवांस तकनीक की मशीनरी ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है। इसमें प्लाज्मा को एक साल तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।
काेरोना को मात देने वाले प्लाज्मा देने में संकोच कर रहे हैं: डॉ. अनिल
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा बैंक बनने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। अन्य जिले के लोग यहां से प्लाज्मा उपलब्ध होने पर प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा निजी अस्पताल प्रबंधन भी ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से प्लाज्मा ले सकेंगे। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के रजिस्ट्रार डॉ. अनिल पांडे के अनुसार कोरोना के संक्रमण को मात देने वाले लोग में प्लाज्मा देने में संकोच कर रहे हैं।
इसके लिए उनके मन में कई दुविधाएं हैं। इन दुविधाओं एवं संकोच को समाप्त करने के लिए ईएसआईसी आईएमए, रेडक्रॉस सोसायटी एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं की मदद लेगा। ये कोरोना से ठीक हो चुके लोगों की काउंसलिंग कर प्लाज्मा देने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
ईएसआई कॉलेज में बनाई जाएगी हेल्प डेस्क| प्लाज्मा डोनेशन से संबंधित सहायता के लिए ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हेल्प डेस्क बनाई जाएगी, जो डोनर की पूरी मदद करेगी। इसके साथ ही दिल्ली की तर्ज पर हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाएगा। जो 24 घंटे काम करेगा। इस पर फोन कर कोरोना से ठीक हुए लोग प्लाज्मा डोनेशन के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से इलाज के बेहतर परिणाम आने के बाद कॉलेज में प्लाज्मा बैंक खोलने के लिए तैयारियां तेजी से चल रहीं हैं! दो सप्ताह में देश का दूसरा और प्रदेश का पहला प्लाज्मा बैंक काम करना शुरू कर देगा।
– डॉ. अनिल पांडे, रजिस्ट्रार, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल