सरकार ने शुरू की आगामी आम बजट की तैयारी, 16 अक्टूबर को होगी पहली प्री-बजट बैठक

कोरोना आपदा के बीच केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आम बजट की तैयारी शुरू कर दी है। डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स (डीईए) की ओर से जारी एक सर्कुलर के मुताबिक, आगामी बजट को लेकर पहली प्री-बजट बैठक 16 अक्टूबर को होगी। प्री-बजट बैठकों का यह दौरा नवंबर के पहले सप्ताह तक जारी रहेगा।

राजकोष की स्थिति के आधार पर होगा बजट का आवंटन

सर्कुलर में कहा गया है कि इस साल विशेष हालातों के कारण बजट का अंतिम आवंटन राजकोष की स्थिति के आधार पर होगा। साथ ही मंत्रालय या विभाग की वहन करने की क्षमता पर भी निर्भर करेगा। सभी सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ विचार विमर्श के बाद वित्त वर्ष 2021-22 का प्रोविजनल बजट अनुमान तय किया जाएगा। डीईए के मुताबिक, सभी प्रकार के खर्चों जैसे केंद्र और केंद्र समर्थित योजनाओं के लिए सीलिंग को लेकर प्री-बजट बैठकों में चर्चा की जाएगी।

सभी विभागों-मंत्रालयों से मांगी जानकारी

डीईए की ओर से यह सर्कुलर सभी मंत्रालयों और विभागों को भेजा गया है। इसमें कॉर्प्स फंड क्रिएट करने, इसका पर्पज और 31 मार्च 2020 तक अनुमानित बैलेंस की जानकारी मांगी गई है। साथ ही बीते तीन सालों के खर्च और चालू वित्त वर्ष में आवंटन की जानकारी देने को कहा गया है।

1 फरवरी 2021 को पेश किया जा सकता है बजट

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आम बजट 1 फरवरी 2021 को पेश किया जा सकता है। हालांकि, अभी इसको लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

पिछले आम बजट की खास बातें

  • नई टैक्स प्रणाली: पिछले आम बजट में इनकम टैक्स एक नई प्रणाली पेश की गई थी। इस प्रकार वित्त वर्ष 2020-21 में दो टैक्स प्रणाली लागू हैं। कोई भी व्यक्ति आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए दोनों में से किसी भी एक टैक्स प्रणाली का चयन कर सकता है। पुरानी टैक्स प्रणाली में छूट पहले की तरह मिलती रहेंगी। नई टैक्स प्रणाली में कई प्रकार की छूट समाप्त कर दी गई हैं, लेकिन टैक्स की दरें कम रखी गई हैं।
  • बैंक डिपॉजिट: बीते साल आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक डिपॉजिट गारंटी की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दिया था। इससे पहले तय यह गारंटी सीमा एक लाख रुपए थे। यानी अब यदि कोई बैंक डूब जाता है तो उसके ग्राहकों को पांच लाख रुपए तक की रकम वापस दी जाएगी।
  • बिजली के प्रीपेड मीटर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में देशभर में बिजली के पुराने मीटरों को बदलकर स्मार्ट या प्रीपेड मीटर लगाने का ऐलान किया था। वित्त मंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र के लिए 22 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया था।
  • किसानों की आय बढ़ाने के लिए 16 योजनाएं: 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के मकसद से बीते आम बजट में वित्त मंत्री ने 16 योजनाओं की घोषणा की थी। इसके लिए 2.83 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था। इसमें कृषि और सिंचाई से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी गई थी।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 69 हजार करोड़ का आवंटन: पिछली बार स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 69 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था। इसमें पीएम जन आरोग्य योजना के लिए 6400 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शामिल था। साथ ही आयुष्मान भारत योजना के तहत टियर-2 और टियर-2 शहरों में पीपीपी मॉडल के तहत अस्पताल बनाने की बात कही गई थी।
  • विनिवेश के लक्ष्य में बढ़ोतरी: पिछले बजट में वित्त मंत्री ने विनिवेश के लक्ष्य को बढ़ाकर 2.10 लाख करोड़ रुपए कर दिया था। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एलआईसी) और आईडीबीआई बैंक समेत कई पीएसयू में से सरकारी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा गया था। एलआईसी की हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेचने की बात कही गई थी।

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डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने सभी मंत्रालयों और विभागों को भी सर्कुलर भेजकर जानकारी मांगी है।